अमेरिका में भारत की खुफिया एजेंसी R&AW पर बैन लगाने की सिफारिश, अब डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी निगाहें
अमेरिका में भारत की खुफिया एजेंसी R&AW पर बैन लगाने की सिफारिश, अब डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी निगाहें
अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा। आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। अमेरिकी आयोग ने सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिश में खुफिया एजेंसी के शामिल होने का कथित आरोप लगाया। आयोग ने भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की सिफारिश की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। ( फोटो- रॉयटर्स )
अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा। आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। अमेरिकी आयोग ने सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिश में खुफिया एजेंसी के शामिल होने का कथित आरोप लगाया। आयोग ने भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की सिफारिश की।

अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने आरोप लगाया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा। आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रॉ पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। अमेरिकी आयोग ने सिख अलगाववादियों के खिलाफ हत्या की साजिश में खुफिया एजेंसी के शामिल होने का कथित आरोप लगाया।
भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की भी सिफारिश
आयोग ने भारत को 'विशेष चिंता वाला देश घोषित' करने की सिफारिश भी की। रिपोर्ट कहा गया है कि चीन से निपटने की खातिर अमेरिका ने भारत से घनिष्ठ संबंधों को बनाने की कोशिश की। इस वजह से भारत में मानवाधिकार के मामलों को नजरअंदाज किया गया।
सिफारिश को मानना बाध्यकारी नहींविशेषज्ञों का मानना है कि इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि अमेरिका भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) पर प्रतिबंध लगाएगा। मगर अब सबकी नजरें ट्रंप प्रशासन के फैसले पर टिकी है। दरअसल, आयोग का आदेश मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है।
भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की भी सिफारिश
आयोग ने भारत को 'विशेष चिंता वाला देश घोषित' करने की सिफारिश भी की। रिपोर्ट कहा गया है कि चीन से निपटने की खातिर अमेरिका ने भारत से घनिष्ठ संबंधों को बनाने की कोशिश की। इस वजह से भारत में मानवाधिकार के मामलों को नजरअंदाज किया गया।
सिफारिश को मानना बाध्यकारी नहींविशेषज्ञों का मानना है कि इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि अमेरिका भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) पर प्रतिबंध लगाएगा। मगर अब सबकी नजरें ट्रंप प्रशासन के फैसले पर टिकी है। दरअसल, आयोग का आदेश मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है।
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