नौ दिन बाद भी नहीं निकल पाए तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे लोग, जानें कहां आ रही है समस्या
नौ दिन बाद भी नहीं निकल पाए तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे लोग, जानें कहां आ रही है समस्या
तेलंगाना में सुरंग को क्षतिग्रस्त हुए 9 दिन से अधिक बीत चुका है लेकिन अभी तक इसमें फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में सफलता हासिल नहीं हो पाई है। बचाव कार्य अंतिम चरण में है लेकिन लगातार पानी का रिसाव एक बड़ी बाधा बना हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार की 18 एजेंसियों के करीब 700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
बचाव कर्मियों एवं उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी गई है (फोटो: पीटीआई)
HIGHLIGHTS700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं
केंद्र और राज्य की 18 एजेंसियां कर रहीं काम
भाजपा विधायकों ने स्थिति का किया आकलन
तेलंगाना में सुरंग को क्षतिग्रस्त हुए 9 दिन से अधिक बीत चुका है लेकिन अभी तक इसमें फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में सफलता हासिल नहीं हो पाई है। बचाव कार्य अंतिम चरण में है लेकिन लगातार पानी का रिसाव एक बड़ी बाधा बना हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार की 18 एजेंसियों के करीब 700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं।

HIGHLIGHTS700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं
केंद्र और राज्य की 18 एजेंसियां कर रहीं काम
भाजपा विधायकों ने स्थिति का किया आकलन
तेलंगाना सुरंग हादसे में पिछले नौ दिनों से फंसे आठ लोगों को अभी तक सुरक्षित निकालना संभव नहीं हो पाया है। घटनास्थल से गाद हटाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं और बचाव कर्मियों एवं उपकरणों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
बचाव कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन लगातार पानी का रिसाव एक बड़ी बाधा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के सटीक स्थान की अभी तक कोई जानकारी नहीं है। सरकार बचाव अभियान में तेजी लाने के प्रयास कर रही है।
जल्द ठीक होगी कन्वेयर बेल्टरविवार को उन्होंने दुर्घटना स्थल का दौरा किया। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। गाद ले जाने में मदद करने वाली कन्वेयर बेल्ट के सोमवार तक ठीक हो जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, 'बचाव कर्मी इस बात को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि सुरंग के अंदर लोग और मशीन कहां फंसी हैं। उनके पास प्रारंभिक अनुमान है, लेकिन पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।' सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो, तो बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग करें। सरकार पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए तैयार है।
700 कर्मचारी बचाव कार्य में जुटेरविवार को एक अधिकारी ने कहा कि सुरंग ढहने से क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की सोमवार तक मरम्मत होने की उम्मीद है। एक बार मरम्मत हो जाने के बाद सुरंग से कीचड़ और मलबे को हटाना आसान हो जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकार की 18 एजेंसियों के करीब 700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम 120 कर्मचारी बचाव कार्य कर रहे हैं। उधर, भाजपा के कुछ विधायकों ने भी स्थिति का आकलन करने के लिए दुर्घटनास्थल का दौरा किया है।
पार्टी विधायक महेश्वर रेड्डी ने कहा कि यह दुर्घटना मौजूदा और पिछली राज्य सरकारों के कुप्रबंधन के कारण हुई है। उनकी लापरवाही के कारण ही यह आपदा आई है। राज्य सरकार ने कई मुद्दों की उपेक्षा की है, जिसके कारण अब आठ श्रमिकों का जीवन दांव पर लग गया है।
बचाव कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन लगातार पानी का रिसाव एक बड़ी बाधा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के सटीक स्थान की अभी तक कोई जानकारी नहीं है। सरकार बचाव अभियान में तेजी लाने के प्रयास कर रही है।
जल्द ठीक होगी कन्वेयर बेल्टरविवार को उन्होंने दुर्घटना स्थल का दौरा किया। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। गाद ले जाने में मदद करने वाली कन्वेयर बेल्ट के सोमवार तक ठीक हो जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, 'बचाव कर्मी इस बात को पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं कि सुरंग के अंदर लोग और मशीन कहां फंसी हैं। उनके पास प्रारंभिक अनुमान है, लेकिन पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।' सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो, तो बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग करें। सरकार पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए तैयार है।
700 कर्मचारी बचाव कार्य में जुटेरविवार को एक अधिकारी ने कहा कि सुरंग ढहने से क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की सोमवार तक मरम्मत होने की उम्मीद है। एक बार मरम्मत हो जाने के बाद सुरंग से कीचड़ और मलबे को हटाना आसान हो जाएगा।
केंद्र और राज्य सरकार की 18 एजेंसियों के करीब 700 कर्मचारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम 120 कर्मचारी बचाव कार्य कर रहे हैं। उधर, भाजपा के कुछ विधायकों ने भी स्थिति का आकलन करने के लिए दुर्घटनास्थल का दौरा किया है।
पार्टी विधायक महेश्वर रेड्डी ने कहा कि यह दुर्घटना मौजूदा और पिछली राज्य सरकारों के कुप्रबंधन के कारण हुई है। उनकी लापरवाही के कारण ही यह आपदा आई है। राज्य सरकार ने कई मुद्दों की उपेक्षा की है, जिसके कारण अब आठ श्रमिकों का जीवन दांव पर लग गया है।
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