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स्वावलंबी और सशक्त नारी के बल पर होगा विकसित भारत का निर्माण', अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु

स्वावलंबी और सशक्त नारी के बल पर होगा विकसित भारत का निर्माण', अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मु

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में नारी नेतृत्व से विकसित भारत विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि स्वावलंबी स्वाभिमानी स्वतंत्र और सशक्त नारी के बल पर ही विकसित भारत का निर्माण हो सकता है। विकसित भारत का संकल्प हम सब का संकल्प है जिसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए (फाइल फोटो)

महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव ही करेगा भयमुक्त सामाजिक वातावरण का निर्माण
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यह दिवस मनाने की परंपरा के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस कालखंड में नारी समुदाय ने अभूतपूर्व प्रगति की है। मैं अपनी जीवन यात्रा को भी इसी प्रगति की कड़ी मानती हूं।

विकसित भारत का संकल्प हम सब का संकल्प है- राष्ट्रपति

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ''''नारी नेतृत्व से विकसित भारत'''' विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय में उन्होंने कहा कि स्वावलंबी, स्वाभिमानी, स्वतंत्र और सशक्त नारी के बल पर ही विकसित भारत का निर्माण हो सकता है। विकसित भारत का संकल्प हम सब का संकल्प है, जिसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश की नारी-शक्ति राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बने और विकसित भारत के हमारे संकल्प को नेतृत्व प्रदान करे, इसके लिए भारत सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। ''''नारी शक्ति वंदन अधिनियम'''' के द्वारा लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रविधान उनके राजनीतिक सशक्तीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

हमारी बेटियों के लिए अच्छा वातावरण होना चाहिए- राष्ट्रपति

सरकार की महिला केंद्रित योजाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी प्रयास विभिन्न स्तरों पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर रहे हैं और उन्हें जीवन में नई ऊंचाइयां छूने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हमारी बेटियां विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना पूरा योगदान दे सकें, इसके लिए जरूरी है कि समाज उन्हें आगे बढ़ने के लिए और भी अच्छा वातावरण प्रदान करे। उन्हें एक ऐसा वातावरण मिलना चाहिए, जिसमें वे बिना किसी दबाव या भय के अपने जीवन के बारे में स्वतंत्र निर्णय ले सकें।

भयमुक्त सामाजिक वातावरण का निर्माण करेगा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आव्हान किया कि हमें एक ऐसे आदर्श समाज का निर्माण करना है, जहां कोई भी बेटी या बहन किसी भी समय, कहीं भी अकेले जाने में और कहीं भी रहने में डरे नहीं। महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव ही भयमुक्त सामाजिक वातावरण का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि यह भी एक कटु-सत्य है कि कुछ सामाजिक पूर्वाग्रह, रीति-रिवाज और प्रथाएं महिलाओं की प्रगति में बाधक रही हैं। इसमें महिला को कम करके आंकने वाली मानसिकता का दोष है।

भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर- राष्ट्रपति

संविधान सभा की सदस्य रहीं महिलाओं को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, तब देश के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़नी चाहिए। इसके लिए उन्हें शिक्षा और नौकरी में समान अवसर प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर और केंद्रीय कानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे। सम्मेलन में अलग-अलग तकनीकी सत्रों में पंचायत से पार्लियामेंट तक महिला नेतृत्व सहित अलग-अलग विषयों पर तकनीकी सत्र भी हुए।
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