यूरोप में तेजी से बढ़ रहे 'खसरा' के मामले, 25 सालों का टूटा रिकॉर्ड; WHO ने चेताया
यूरोप में तेजी से बढ़ रहे 'खसरा' के मामले, 25 सालों का टूटा रिकॉर्ड; WHO ने चेताया
Measles cases यूरोप में खसरा के मामले 25 वर्षों में सबसे अधिक सामने आए हैं। यूनिसेफ ने कहा कि पिछले साल यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के मामले वर्ष 1997 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। WHO की मानें तो खसरा मामलों की संख्या पिछले साल से दोगुनी हो गई है। कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट के बाद यह वृद्धि हुई है।
Measles cases खसरा के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ। (फाइल फोटो)
HIGHLIGHTSयूरोप में खसरा मामलों की संख्या पिछले साल से दोगुनी हो गई है।
कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट से बढ़े केस।
Measles cases यूरोप में खसरा के मामले 25 वर्षों में सबसे अधिक सामने आए हैं। यूनिसेफ ने कहा कि पिछले साल यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के मामले वर्ष 1997 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। WHO की मानें तो खसरा मामलों की संख्या पिछले साल से दोगुनी हो गई है। कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट के बाद यह वृद्धि हुई है।

HIGHLIGHTSयूरोप में खसरा मामलों की संख्या पिछले साल से दोगुनी हो गई है।
कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट से बढ़े केस।
यूरोप में खसरा रोग के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। खसरा के मामले 25 वर्षों में सबसे अधिक सामने आए हैं। WHO की मानें तो खसरा मामलों की संख्या पिछले साल से दोगुनी हो गई है।
25 साल का रिकॉर्ड टूटा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने गुरुवार को कहा कि पिछले साल यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के मामले वर्ष 1997 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
एक साल में दोगुना हुए मामलेWHO और यूनिसेफ की रिपोर्ट में पाया गया कि यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के मामलों की संख्या 2024 में 1 लाख 27 हजार 352 तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है।
इस क्षेत्र में खसरे से संक्रमित होने वाले 40% मामले 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2023 में आधे मिलियन बच्चे खसरे के टीके की अपनी पहली खुराक लेने से चूक गए।
खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो खांसी और छींक द्वारा फैलती है।

इसके लक्षणों में शामिल हैंतेज बुखार
गले में खराश, लाल और पानी की आंखें
खांसी
छींक
खसरा वायरस से निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन और मृत्यु हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं और शिशुओं होता है खतराबता दें कि खसरे के प्रकोप के कारण यूरोप के तीन राज्यों में 250 से अधिक मामले सामने आए हैं। खसरे के प्रकोप से गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को अधिक जोखिम होता है।
WHO ने बताया बढ़ने का कारण
यूरोप के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस पी. क्लुग ने एक बयान में कहा, "टीकाकरण के बिना कोई स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट के बाद यह वृद्धि हुई है।
चेतावनी भी दीWHO ने चेतावनी दी कि कई देशों में टीकाकरण दरें अभी भी कोविड से पहले के स्तर पर नहीं आई हैं, जिससे आगे के प्रकोप का खतरा बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में वैश्विक स्तर पर खसरे के सभी मामलों में से एक तिहाई यूरोपीय क्षेत्र में थे।
बोस्निया और हर्जेगोविना, मोंटेनेग्रो, उत्तरी मैसेडोनिया और रोमानिया में स्थिति गंभीर बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार यहां 2023 में 80 फीसद से कम बच्चों को खसरे रोधी टीका लगाया गया था।
25 साल का रिकॉर्ड टूटा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने गुरुवार को कहा कि पिछले साल यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के मामले वर्ष 1997 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
एक साल में दोगुना हुए मामलेWHO और यूनिसेफ की रिपोर्ट में पाया गया कि यूरोपीय क्षेत्र में खसरे के मामलों की संख्या 2024 में 1 लाख 27 हजार 352 तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है।
इस क्षेत्र में खसरे से संक्रमित होने वाले 40% मामले 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 2023 में आधे मिलियन बच्चे खसरे के टीके की अपनी पहली खुराक लेने से चूक गए।
खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो खांसी और छींक द्वारा फैलती है।

इसके लक्षणों में शामिल हैंतेज बुखार
गले में खराश, लाल और पानी की आंखें
खांसी
छींक
खसरा वायरस से निमोनिया, मस्तिष्क की सूजन और मृत्यु हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं और शिशुओं होता है खतराबता दें कि खसरे के प्रकोप के कारण यूरोप के तीन राज्यों में 250 से अधिक मामले सामने आए हैं। खसरे के प्रकोप से गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को अधिक जोखिम होता है।
WHO ने बताया बढ़ने का कारण
यूरोप के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस पी. क्लुग ने एक बयान में कहा, "टीकाकरण के बिना कोई स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण कवरेज में गिरावट के बाद यह वृद्धि हुई है।
चेतावनी भी दीWHO ने चेतावनी दी कि कई देशों में टीकाकरण दरें अभी भी कोविड से पहले के स्तर पर नहीं आई हैं, जिससे आगे के प्रकोप का खतरा बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में वैश्विक स्तर पर खसरे के सभी मामलों में से एक तिहाई यूरोपीय क्षेत्र में थे।
बोस्निया और हर्जेगोविना, मोंटेनेग्रो, उत्तरी मैसेडोनिया और रोमानिया में स्थिति गंभीर बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार यहां 2023 में 80 फीसद से कम बच्चों को खसरे रोधी टीका लगाया गया था।
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