प्लास्टिक बोतल, थैले...', भूमध्य सागर से 16 हजार फीट नीचे पहुंचा कचरा, समुद्र का हाल देख दंग रहे गए वैज्ञानिक
प्लास्टिक बोतल, थैले...', भूमध्य सागर से 16 हजार फीट नीचे पहुंचा कचरा, समुद्र का हाल देख दंग रहे गए वैज्ञानिक
हर साल समुद्र में लाखों टन कचरा फेंका जा रहा है। समुद्र के 5112 मीटर गहरे (16770 फीट) कैलिप्सो डीप में कचरा जमा हो चुका है। तल पर कुल 167 वस्तुएं पाई गई हैं जिनमें मुख्य रूप से प्लास्टिक के डिब्बे शामिल हैं। तल पर मौजूद 88 प्रतिशत कचरा प्लास्टिक है। कचरे की वजह से समुद्री जीव भी मारे जा रहे हैं। कई जीवें विलुप्त होने की कगार पर है।
समुद्र के 5,112 मीटर गहरे (16,770 फीट) कैलिप्सो डीप में कचरा जमा हो रहा।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंसान लगातार प्रकृति का दोहन करने में जुटा है। इंसान अपनी सुविधाओं के हिसाब के चीजों का निर्माण करता है। इस्तेमाल किए जाने के बाद लोगो सामानों को कचरा बताकर फेंक देते हैं। इंसानों की इस बात की भी परवाह नहीं होती कि जिस चीज को हम कचरा बताकर फेंक रहे हैं, वो कहां जा रहा है। हालत ये हो चुकी है कि समुद्र भूमध्य सागर में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का कचरा जमा हो चुका है।
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कैलिप्सो डीप में पाया गया कचराहर साल समुद्र में लाखों टन कचरा फेंका जा रहा है। समुद्र के 5,112 मीटर गहरे (16,770 फीट) कैलिप्सो डीप में कचरा जमा हो चुका है। तल पर कुल 167 वस्तुएं पाई गई हैं, जिनमें मुख्य रूप से प्लास्टिक के डिब्बे शामिल हैं। तल पर मौजूद 88 प्रतिशत कचरा प्लास्टिक है।
बार्सिलोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पनडुब्बी का इस्तेमाल कर कैलिप्सो डीप तक पहुंचे और वहां पर उन्होंने पाया कि तल के थोड़ा ऊपर कुछ प्लास्टिक, जैसे बैग मिले और तल पर ढेरों प्लास्टिक मौजूद थे।

समुद्र में बन चुके हैं डेड जोन
कचरे की वजह से समुद्री जीव भी मारे जा रहे हैं। कई जीवें विलुप्त होने की कगार पर है। यहां तक कि समुद्र में कई डेड जोन बन गए हैं. डेड जोन का मतलब कि इन समुद्री इलाकों में जीवन की संभावना खत्म हो रही है।
एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी की एक रिपोर्ट की मानें तो हर साल 8 से 12 मीट्रिक टन प्लास्टिक समुद्र में फेंका जाता है। जबकि, दुनिया भर के समुद्रों की सतह पर इस समय 15 से 51 ट्रिलियन प्लास्टिक के टुकड़े तैर रहे हैं।
हर साल समुद्र में लाखों टन कचरा फेंका जा रहा है। समुद्र के 5112 मीटर गहरे (16770 फीट) कैलिप्सो डीप में कचरा जमा हो चुका है। तल पर कुल 167 वस्तुएं पाई गई हैं जिनमें मुख्य रूप से प्लास्टिक के डिब्बे शामिल हैं। तल पर मौजूद 88 प्रतिशत कचरा प्लास्टिक है। कचरे की वजह से समुद्री जीव भी मारे जा रहे हैं। कई जीवें विलुप्त होने की कगार पर है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंसान लगातार प्रकृति का दोहन करने में जुटा है। इंसान अपनी सुविधाओं के हिसाब के चीजों का निर्माण करता है। इस्तेमाल किए जाने के बाद लोगो सामानों को कचरा बताकर फेंक देते हैं। इंसानों की इस बात की भी परवाह नहीं होती कि जिस चीज को हम कचरा बताकर फेंक रहे हैं, वो कहां जा रहा है। हालत ये हो चुकी है कि समुद्र भूमध्य सागर में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का कचरा जमा हो चुका है।
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कैलिप्सो डीप में पाया गया कचराहर साल समुद्र में लाखों टन कचरा फेंका जा रहा है। समुद्र के 5,112 मीटर गहरे (16,770 फीट) कैलिप्सो डीप में कचरा जमा हो चुका है। तल पर कुल 167 वस्तुएं पाई गई हैं, जिनमें मुख्य रूप से प्लास्टिक के डिब्बे शामिल हैं। तल पर मौजूद 88 प्रतिशत कचरा प्लास्टिक है।
बार्सिलोना विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पनडुब्बी का इस्तेमाल कर कैलिप्सो डीप तक पहुंचे और वहां पर उन्होंने पाया कि तल के थोड़ा ऊपर कुछ प्लास्टिक, जैसे बैग मिले और तल पर ढेरों प्लास्टिक मौजूद थे।

समुद्र में बन चुके हैं डेड जोन
कचरे की वजह से समुद्री जीव भी मारे जा रहे हैं। कई जीवें विलुप्त होने की कगार पर है। यहां तक कि समुद्र में कई डेड जोन बन गए हैं. डेड जोन का मतलब कि इन समुद्री इलाकों में जीवन की संभावना खत्म हो रही है।
एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी की एक रिपोर्ट की मानें तो हर साल 8 से 12 मीट्रिक टन प्लास्टिक समुद्र में फेंका जाता है। जबकि, दुनिया भर के समुद्रों की सतह पर इस समय 15 से 51 ट्रिलियन प्लास्टिक के टुकड़े तैर रहे हैं।
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