'ईद पर न खरीदें भेड़, दावत और कुर्बानी से बचें', इस मुस्लिम देश ने अपने लोगों से की अपील
'ईद पर न खरीदें भेड़, दावत और कुर्बानी से बचें', इस मुस्लिम देश ने अपने लोगों से की अपील
उत्तरी अफ्रीका में बसा मुस्लिम देश मोरक्को इन दिनों महंगाई से जूझ रहा है। यहां लोगों को पिछले छह साल से सूखे का भी सामना करना पड़ रहा है। चारागाहों के घटते क्षेत्रफल की वजह से भेड़ों का संकट भी खड़ा हो गया है। देश में मांग और पूर्ति में भारी अंतर के कारण भेड़ों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।
लोगों से भेड़ न खरीदने की अपील। ( फाइल फोटो )
उत्तर अफ्रीकी देश मोरक्को भेड़ों की कमी से जूझ रहा है। 29 वर्षों में पहली बार मोरक्को में लोगों से छुट्टियों में दावत न करने की सलाह दी गई गई। भेड़ों की कमी की वजह से मोरक्को के राजा मोहम्मद (VI) ने परंपरा से हटकर लोगों से ईद-उल-अजहा पर भेड़ नहीं खरीदने की अपील की है।
इस्लामी मामलों के मंत्री अहमद तौफीक ने कहा कि आर्थिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों के कारण मोरक्को के लोग कुर्बानी और भोज से वंचित हैं। महंगाई की वजह से लोगों से कुर्बानी और दावत से बचने की भी सलाह दी गई है।
परिस्थितियों को स्वीकारना देश का कर्तव्यसरकारी अल औला टेलीविजन पर मंत्री अहमद तौफीक ने राजा का पत्र पढ़ा। इसमें कहा गया कि पशुधन की कमी की वजह से देश में भेड़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं। यह देश का कर्तव्य है कि इन परिस्थितियों को स्वीकार करे। अगर इन कठिन परिस्थितियों में भी भेड़ों को खरीदा गया तो देश के एक बड़े हिस्से का नुकसान होगा। खासकर उन लोगों को जिनकी आय सीमित है। बता दें कि इस बार ईद-उल-अजहा जून महीने में है। इस त्योहार में कुर्बानी देने की परंपरा है।
.jpg)
मासिक आय से महंगी भेड़ेंमोरक्को में भेड़ों की कीमतों में बेतहाशा इजाफा हुआ है। मोरक्कन सेंटर फॉर सिटिजनशिप के सर्वे के मुताबिक देश के 55 फीसदी परिवारों ने माना है कि उन्हें भेड़ और उन्हें तैयार करने के लिए जरूरी बर्तन खरीदने में भारी संघर्ष करना पड़ा है। मोरक्को में 302 डॉलर औसत मासिक घरेलू आय है। कई बार एक भेड़ की कीमत इससे भी अधिक हो जाती है।
इस वजह से बढ़ रहीं भेड़ों की कीमतें
पिछले छह साल से उत्तरी अफ्रीका सूखे की चपेट में है। इसकी वजह से मुद्रास्फीति में इजाफा हुआ है। चरागाहों के कम होने की वजह से भी भेड़ों की कीमतों में उछाल आया है। मोरक्को के कृषि मंत्री के मुताबिक इस मौसम में बारिश पिछले 30 वर्षों के वार्षिक औसत से 53% कम हुई है। वहीं भेड़ और मवेशियों के झुंड 2016 से 38% कम हो गए हैं। हाल ही में मोरक्को ने पशुओं पर लोगों को सब्सिडी दी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन और रोमानिया से आयात भी किया।
.jpg)
राजा हसन द्वितीय ने जारी किए थे तीन आदेश29 साल में पहली बार राजा ने देशवासियों को त्योहार में दावत न करने की सलाह दी है। इससे पहले राजा हसन द्वितीय ने अपने शासनकाल में तीन बार इसी तरह के आदेश जारी किए थे। देश के ट्रेड यूनियनों और कार्यकर्ता समूहों ने बुनियादी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि का विरोध किया। उनका कहना है कि महंगी रोकने के लिए सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं।
उत्तरी अफ्रीका में बसा मुस्लिम देश मोरक्को इन दिनों महंगाई से जूझ रहा है। यहां लोगों को पिछले छह साल से सूखे का भी सामना करना पड़ रहा है। चारागाहों के घटते क्षेत्रफल की वजह से भेड़ों का संकट भी खड़ा हो गया है। देश में मांग और पूर्ति में भारी अंतर के कारण भेड़ों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।

उत्तर अफ्रीकी देश मोरक्को भेड़ों की कमी से जूझ रहा है। 29 वर्षों में पहली बार मोरक्को में लोगों से छुट्टियों में दावत न करने की सलाह दी गई गई। भेड़ों की कमी की वजह से मोरक्को के राजा मोहम्मद (VI) ने परंपरा से हटकर लोगों से ईद-उल-अजहा पर भेड़ नहीं खरीदने की अपील की है।
इस्लामी मामलों के मंत्री अहमद तौफीक ने कहा कि आर्थिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों के कारण मोरक्को के लोग कुर्बानी और भोज से वंचित हैं। महंगाई की वजह से लोगों से कुर्बानी और दावत से बचने की भी सलाह दी गई है।
परिस्थितियों को स्वीकारना देश का कर्तव्यसरकारी अल औला टेलीविजन पर मंत्री अहमद तौफीक ने राजा का पत्र पढ़ा। इसमें कहा गया कि पशुधन की कमी की वजह से देश में भेड़ों की कीमतें आसमान छू रही हैं। यह देश का कर्तव्य है कि इन परिस्थितियों को स्वीकार करे। अगर इन कठिन परिस्थितियों में भी भेड़ों को खरीदा गया तो देश के एक बड़े हिस्से का नुकसान होगा। खासकर उन लोगों को जिनकी आय सीमित है। बता दें कि इस बार ईद-उल-अजहा जून महीने में है। इस त्योहार में कुर्बानी देने की परंपरा है।
.jpg)
मासिक आय से महंगी भेड़ेंमोरक्को में भेड़ों की कीमतों में बेतहाशा इजाफा हुआ है। मोरक्कन सेंटर फॉर सिटिजनशिप के सर्वे के मुताबिक देश के 55 फीसदी परिवारों ने माना है कि उन्हें भेड़ और उन्हें तैयार करने के लिए जरूरी बर्तन खरीदने में भारी संघर्ष करना पड़ा है। मोरक्को में 302 डॉलर औसत मासिक घरेलू आय है। कई बार एक भेड़ की कीमत इससे भी अधिक हो जाती है।
इस वजह से बढ़ रहीं भेड़ों की कीमतें
पिछले छह साल से उत्तरी अफ्रीका सूखे की चपेट में है। इसकी वजह से मुद्रास्फीति में इजाफा हुआ है। चरागाहों के कम होने की वजह से भी भेड़ों की कीमतों में उछाल आया है। मोरक्को के कृषि मंत्री के मुताबिक इस मौसम में बारिश पिछले 30 वर्षों के वार्षिक औसत से 53% कम हुई है। वहीं भेड़ और मवेशियों के झुंड 2016 से 38% कम हो गए हैं। हाल ही में मोरक्को ने पशुओं पर लोगों को सब्सिडी दी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन और रोमानिया से आयात भी किया।
.jpg)
राजा हसन द्वितीय ने जारी किए थे तीन आदेश29 साल में पहली बार राजा ने देशवासियों को त्योहार में दावत न करने की सलाह दी है। इससे पहले राजा हसन द्वितीय ने अपने शासनकाल में तीन बार इसी तरह के आदेश जारी किए थे। देश के ट्रेड यूनियनों और कार्यकर्ता समूहों ने बुनियादी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि का विरोध किया। उनका कहना है कि महंगी रोकने के लिए सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं।
Post A Comment
No comments :