अश्लील कंटेंट पर लगाम कसने की तैयारी, सोशल मीडिया पर रहेगी सरकार की नजर
अश्लील कंटेंट पर लगाम कसने की तैयारी, सोशल मीडिया पर रहेगी सरकार की नजर
रणवीर अलाहबादिया पर आरोप है कि उन्होंने समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में पेरेंट्स पर आपत्तिजनक कमेंट किए थे। इसके बाद उन पर महाराष्ट्र असम समेत कई जगहों पर FIR दर्ज की गई थी। मामले में समय रैना और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अपूर्वा मखीजा के खिलाफ भी केस दर्ज है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है।
केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया बिल लाने की तैयारी कर रही है।
रणवीर अलाहबादिया पर आरोप है कि उन्होंने समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में पेरेंट्स पर अश्लील कमेंट किए थे। इसे लेकर देश में अलग-अलग जगहों पर FIR हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से यूट्यूब और सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लील सामग्री को लेकर जवाब मांगा है। ऐसे में सरकार ने प्रस्तावित डिजिटल इंडिया बिल पर काम को तेज कर दिया है।
सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा आईटी एक्ट (IT Act) की जगह डिजिटल इंडिया बिल (Digital India Bill) लाने पर काम कर रही है। इस नए कानून में यूट्यूबर, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट करने के प्रावधान रहेंगे। आपको बता दें कि इस बिल पर केंद्र करीब 15 महीने से काम कर रहा है। इसमें अलग–अलग सेक्टर के लिए स्पेसिफिक प्रोविजन वाले कानून बनाए जाएंगे। इसमें टेलीकम्यूनिकेशन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग रिलेटेड सब्जेक्टस के लिए अलग–अलग प्रोविजन रखे जाएंगे।
रणवीर अलाहबादिया के केस के चलते सरकार डिजिटल इंडिया बिल की ओर वापसी कर रही है। हालांकि, AI गवर्नेंस को इससे अलग रखने का फैसला किया गया है। इसके लिए पूरी तरह अलग नियमन की जरूरत है। सरकार के सामने जल्दबाजी सुप्रीम कोर्ट को संतोषजनक जवाब देने की है। ताकी सरकार बता सके कि आईटी एक्ट की खामियां को दूर करने के लिए क्या किया जा रहा है।
अब 90 करोड़ हो चुकेहैं यूजर
IT ACT 2000 अब काफी पुराना हो चुका है। ये जब बना था तब देश में इंटरनेट के 60 लाख यूजर थे। हालांकि, अब ये आंकड़ा 90 करोड़ को भी पार कर चुका है।
क्या है डिजिटल इंडिया एक्ट?डिजिटल इंडिया एक्ट (DIA) एक प्रस्तावित कानून है जो 2000 के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट (IT एक्ट) को रिप्लेस करेगा। DIA इंडिया में डिजिटल स्पेस को गवर्न करेगा, जिसमें साइबरसिक्योरिटी, डिजिटल गवर्नेंस और ऑनलाइन सेफ्टी शामिल है।
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DIA के की फीचर्सऑनलाइन सेफ्टी: DIA ऑनलाइन हार्म, डी-प्लेटफॉर्मिंग, डॉक्सिंग और सोशल मीडिया एल्गोरिदम को एड्रेस करके डिजिटल स्पेस में सिटीजन्स के राइट्स को प्रोटेक्ट करेगा।
डेटा प्रोटेक्शन: DIA दूसरे डेटा-रिलेटेड कानूनों के साथ काम करेगा, जिसमें डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट शामिल है।
साइबरसिक्योरिटी: DIA साइबरसिक्योरिटी चैलेंजेज को एड्रेस करेगा और डेटा ब्रीच से प्रोटेक्ट करेगा।
क्या होंगे चैलेंज?प्राइवेसी: क्रिटिक्स का तर्क है कि DIA सरकार को बहुत ज्यादा सर्विलांस पावर दे सकता है, जो प्राइवेसी राइट्स का उल्लंघन कर सकता है।
डेटा लोकलाइजेशन: डेटा लोकलाइजेशन के लिए DIA का अप्रोच क्रॉस-बॉर्डर डेटा फ्लो को बाधित कर सकता है, जो ग्लोबल बिजनेसेज को इम्पैक्ट कर सकता है।
रणवीर अलाहबादिया पर आरोप है कि उन्होंने समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में पेरेंट्स पर आपत्तिजनक कमेंट किए थे। इसके बाद उन पर महाराष्ट्र असम समेत कई जगहों पर FIR दर्ज की गई थी। मामले में समय रैना और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अपूर्वा मखीजा के खिलाफ भी केस दर्ज है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है।
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रणवीर अलाहबादिया पर आरोप है कि उन्होंने समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में पेरेंट्स पर अश्लील कमेंट किए थे। इसे लेकर देश में अलग-अलग जगहों पर FIR हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से यूट्यूब और सोशल मीडिया पर फैल रही अश्लील सामग्री को लेकर जवाब मांगा है। ऐसे में सरकार ने प्रस्तावित डिजिटल इंडिया बिल पर काम को तेज कर दिया है।
सोशल मीडिया पर अश्लीलता रोकने के लिए केंद्र सरकार मौजूदा आईटी एक्ट (IT Act) की जगह डिजिटल इंडिया बिल (Digital India Bill) लाने पर काम कर रही है। इस नए कानून में यूट्यूबर, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट करने के प्रावधान रहेंगे। आपको बता दें कि इस बिल पर केंद्र करीब 15 महीने से काम कर रहा है। इसमें अलग–अलग सेक्टर के लिए स्पेसिफिक प्रोविजन वाले कानून बनाए जाएंगे। इसमें टेलीकम्यूनिकेशन, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग रिलेटेड सब्जेक्टस के लिए अलग–अलग प्रोविजन रखे जाएंगे।
रणवीर अलाहबादिया के केस के चलते सरकार डिजिटल इंडिया बिल की ओर वापसी कर रही है। हालांकि, AI गवर्नेंस को इससे अलग रखने का फैसला किया गया है। इसके लिए पूरी तरह अलग नियमन की जरूरत है। सरकार के सामने जल्दबाजी सुप्रीम कोर्ट को संतोषजनक जवाब देने की है। ताकी सरकार बता सके कि आईटी एक्ट की खामियां को दूर करने के लिए क्या किया जा रहा है।
अब 90 करोड़ हो चुकेहैं यूजर
IT ACT 2000 अब काफी पुराना हो चुका है। ये जब बना था तब देश में इंटरनेट के 60 लाख यूजर थे। हालांकि, अब ये आंकड़ा 90 करोड़ को भी पार कर चुका है।
क्या है डिजिटल इंडिया एक्ट?डिजिटल इंडिया एक्ट (DIA) एक प्रस्तावित कानून है जो 2000 के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट (IT एक्ट) को रिप्लेस करेगा। DIA इंडिया में डिजिटल स्पेस को गवर्न करेगा, जिसमें साइबरसिक्योरिटी, डिजिटल गवर्नेंस और ऑनलाइन सेफ्टी शामिल है।
DIA के की फीचर्सऑनलाइन सेफ्टी: DIA ऑनलाइन हार्म, डी-प्लेटफॉर्मिंग, डॉक्सिंग और सोशल मीडिया एल्गोरिदम को एड्रेस करके डिजिटल स्पेस में सिटीजन्स के राइट्स को प्रोटेक्ट करेगा।
डेटा प्रोटेक्शन: DIA दूसरे डेटा-रिलेटेड कानूनों के साथ काम करेगा, जिसमें डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट शामिल है।
साइबरसिक्योरिटी: DIA साइबरसिक्योरिटी चैलेंजेज को एड्रेस करेगा और डेटा ब्रीच से प्रोटेक्ट करेगा।
क्या होंगे चैलेंज?प्राइवेसी: क्रिटिक्स का तर्क है कि DIA सरकार को बहुत ज्यादा सर्विलांस पावर दे सकता है, जो प्राइवेसी राइट्स का उल्लंघन कर सकता है।
डेटा लोकलाइजेशन: डेटा लोकलाइजेशन के लिए DIA का अप्रोच क्रॉस-बॉर्डर डेटा फ्लो को बाधित कर सकता है, जो ग्लोबल बिजनेसेज को इम्पैक्ट कर सकता है।
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