'चीन हमारा दुश्मन नहीं', फिर विवादों में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा; BJP ने घेरा
'चीन हमारा दुश्मन नहीं', फिर विवादों में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा; BJP ने घेरा
सैम पित्रोदा ने एक खास इंटरव्यू में आईएएनएस से कहा मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की प्रवृत्ति दुश्मन को परिभाषित करने की है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है टकराव का नहीं। भाजपा ने इस बयान के बाद कांग्रेस पर प्रहार किया है।
कांग्रेस की विदेशी इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा (फाइल फोटो)
कांग्रेस की विदेशी इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक दावा करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि, भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद करना चाहिए।
सैम पित्रोदा के इस बयान पर सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने कांग्रेस को "चीन के प्रति आकर्षित" करार दिया है। सैम पित्रोदा का विवादों से पुराना नाता रहा है, उन्होंने बयान दिया है कि चीन के प्रति भारत का दृष्टिकोण टकरावपूर्ण रहा है और मानसिकता को बदलने की जरूरत है।
पीएम मोदी और ट्रंप के सवाल पर पित्रोदा ने दिया जवाब
उन्होंने एक विशेष साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, "मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की प्रवृत्ति दुश्मन को परिभाषित करने की है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है, टकराव का नहीं।" उनका जवाब इस सवाल पर आया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से खतरों को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे।
सैम पित्रोदा के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि चीन के प्रति कांग्रेस के जुनून की जड़ 2008 में कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौता ज्ञापन में निहित है।
कांग्रेस का चीन से आकर्षण 2008 से है- भाजपा
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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा, "जिन्होंने हमारी 40,000 वर्ग किमी जमीन चीन को सौंप दी, उन्हें अब भी ड्रैगन से कोई खतरा नहीं दिख रहा है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि राहुल गांधी चीन से खौफ में हैं और आईएमईईसी की घोषणा से एक दिन पहले बीआरआई की वकालत कर रहे थे। चीन के प्रति कांग्रेस पार्टी के जुनूनी आकर्षण का मूल रहस्य 2008 के कांग्रेस-सीसीपी एमओयू में छिपा है।"
सैम पित्रोदा के किन-किन बयानों पर अब तक हुआ विवाद
विरासत कर (संपत्ति का बंटवारा) की वकालत की थी।
राम मंदिर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
1984 के सिख विरोधी दंगों पर कहा था- 'हुआ तो हुआ'
बालाकोट एयर स्ट्राइक पर उठाए थे सवाल
संविधान बनाने में नेहरू के योगदान को बताया था ज्यादा अहम
सैम पित्रोदा ने एक खास इंटरव्यू में आईएएनएस से कहा मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की प्रवृत्ति दुश्मन को परिभाषित करने की है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है टकराव का नहीं। भाजपा ने इस बयान के बाद कांग्रेस पर प्रहार किया है।
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कांग्रेस की विदेशी इकाई के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक दावा करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, चीन से खतरे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि, भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद करना चाहिए।
सैम पित्रोदा के इस बयान पर सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने कांग्रेस को "चीन के प्रति आकर्षित" करार दिया है। सैम पित्रोदा का विवादों से पुराना नाता रहा है, उन्होंने बयान दिया है कि चीन के प्रति भारत का दृष्टिकोण टकरावपूर्ण रहा है और मानसिकता को बदलने की जरूरत है।
पीएम मोदी और ट्रंप के सवाल पर पित्रोदा ने दिया जवाब
उन्होंने एक विशेष साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, "मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की प्रवृत्ति दुश्मन को परिभाषित करने की है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है, टकराव का नहीं।" उनका जवाब इस सवाल पर आया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से खतरों को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे।
सैम पित्रोदा के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि चीन के प्रति कांग्रेस के जुनून की जड़ 2008 में कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौता ज्ञापन में निहित है।
कांग्रेस का चीन से आकर्षण 2008 से है- भाजपा
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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा, "जिन्होंने हमारी 40,000 वर्ग किमी जमीन चीन को सौंप दी, उन्हें अब भी ड्रैगन से कोई खतरा नहीं दिख रहा है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि राहुल गांधी चीन से खौफ में हैं और आईएमईईसी की घोषणा से एक दिन पहले बीआरआई की वकालत कर रहे थे। चीन के प्रति कांग्रेस पार्टी के जुनूनी आकर्षण का मूल रहस्य 2008 के कांग्रेस-सीसीपी एमओयू में छिपा है।"
सैम पित्रोदा के किन-किन बयानों पर अब तक हुआ विवाद
विरासत कर (संपत्ति का बंटवारा) की वकालत की थी।
राम मंदिर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
1984 के सिख विरोधी दंगों पर कहा था- 'हुआ तो हुआ'
बालाकोट एयर स्ट्राइक पर उठाए थे सवाल
संविधान बनाने में नेहरू के योगदान को बताया था ज्यादा अहम
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