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पांच साल में 100 अरब डॉलर का होगा रिटेल कारोबार, 7.3 लाख करोड़ डॉलर की होगी इकोनॉमी, रिपोर्ट में और क्या है दावा?

पांच साल में 100 अरब डॉलर का होगा रिटेल कारोबार, 7.3 लाख करोड़ डॉलर की होगी इकोनॉमी, रिपोर्ट में और क्या है दावा?

पांच साल में रिटेल कारोबार में 100 अरब डॉलर की बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। वहीं डेलॉयट और आरएआई की रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन कारोबार 103 अरब डॉलर से बढ़कर 325 अरब डॉलर का होगा। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि आगामी पांच साल में यानी 2030 तक हमारे देश की अर्थव्यवस्था 7.3 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी।

पांच साल में 100 अरब डॉलर का होगा रिटेल कारोबार।

 डेलॉयट और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) का मानना है कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 7.3 लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा और इसका फायदा संगठित खुदरा व्यापार को काफी अधिक मिलने वाला है। फूड इंडस्ट्री से लेकर गारमेंट, फुटवियर, एसी, फ्रिज, टीवी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं के साथ कार, मोटर साइकिल जैसे आइटम के कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी।

अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ने से वर्ष 2030 तक प्रति व्यक्ति सालाना आय 3.40 लाख रुपए (4000 डालर) होने का अनुमान है। डेलॉयट और आरएआई की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक निजी उपभोग में होने वाली बढ़ोतरी से वर्ष 2030 तक संगठित रिटेल का कारोबार 230 अरब डॉलर का हो जाएगा जो अभी 132 अरब डॉलर का है।

रिटेल कारोबार हर साल 10 फीसदी बढ़ने का अनुमानहर साल संगठित रिटेल कारोबार में 10 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी का अनुमान है। ऑनलाइन कारोबार में अगले पांच साल में औसतन 21 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होगी और इसका कारोबार 103 अरब डॉलर से बढ़कर 325 अरब डॉलर का हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होने पर वहां निजी उपभोग में बढ़ोतरी होती है और बचत में कमी आती है।

एक हजार में से सिर्फ 57 लोगों के पास कार

भारत में यह रुख दिखने लगा है। भारत में अभी प्रति 1000 लोगों पर सिर्फ 57 कार हैं, जबकि अमेरिका में 1000 में 850 लोगों के पास कार है। वैसे ही भारत में सिर्फ आठ प्रतिशत लोगों के घरों में एसी है, जबकि चीन में 90 प्रतिशत लोगों के घरों में एसी है। भारत में रेस्टोरेंट में खाने वाले और घूमने-फिरने पर खर्च करने वालों की संख्या भी विकसित देशों के मुकाबले काफी कम है।

20 फीसदी ने कहा-आय बढ़ेगी तो अच्छे रेस्टोरेंट में खाएंगेइन सभी सेक्टर में अगले पांच साल में तेजी की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 20 प्रतिशत लोगों ने बताया कि आय में बढ़ोतरी होने पर वे अच्छे रेस्टोरेंट में खाने जाएंगे तो नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे क्विक सर्विस रेस्टोरेंट से बाहर के खाने का मजा लेंगे तो सात प्रतिशत लोगों ने पब, बार, लाउंज जैसी जगहों पर जाने की बात कही।

2030 तक कितना होगा रिटेल फूड बाजार

पैक्ड फूड, आयातित भोजन की मांग में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। तभी वर्ष 2030 तक भारत का रिटेल फूड बाजार 940 अरब डॉलर का हो जाएगा जो अभी 620 अरब डॉलर का है। अभी फूड सर्विस का बाजार 80 अरब डॉलर का है जो 140 अरब डॉलर का हो जाएगा। वैसे ही अपैरल और फुटवियर का घरेलू बाजार वर्ष 2028 तक 106 अरब डॉलर का हो जाएगा जो वर्ष 2023 में 78 अरब डॉलर का था।
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