विदेशी निवेशकों की बिकवाली पर लगाम लगाने की तैयारी, वित्त मंत्री बजट में कर सकती हैं तगड़ा इंतजाम
विदेशी निवेशकों की बिकवाली पर लगाम लगाने की तैयारी, वित्त मंत्री बजट में कर सकती हैं तगड़ा इंतजाम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले शेयर बाजार के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की। इसमें विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली पर रोक लगाने के उपायों की चर्चा हुई। बैठक में शामिल कुछ प्रतिनिधियों ने अनिश्चित वैश्विक हालात खास तौर पर अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन के बाद उसकी आर्थिक नीतियों में बदलाव का उदाहरण देते हुए भारत के स्तर पर भी तैयार रहने की बात कही।
वर्ष 2024 में 27 दिसंबर, 2024 तक FII ने भारतीय बाजार से 1,19,277 करोड़ रुपये का निवेश बाहर निकाला था।
HIGHLIGHTSवित्त मंत्री सीतारमण की पूंजी बाजार व वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बजट-पूर्व बैठक।
पिछले साल शेयर बाजार से 91 कंपनियों ने कुल 1.59 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।
अगर वित्तीय बाजार के विश्लेषकों व विशेषज्ञों की राय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मान ली तो आगामी बजट में भारत के शेयर बाजार से पैसा निकालते विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं।
वैसे तो इसकी मांग घरेलू बाजार विश्लेषकों की तरफ से काफी लंबे समय से हो रही है लेकिन गुरुवार को वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के दूसरे उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में शेयर बाजार की स्थिति और भारतीय पूंजी बाजार को ज्यादा आकर्षक बनाये जाने के विषय पर हुई चर्चा में FII की स्थिति काफी प्रमुखता से उठा।
अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन पर भी हुई चर्चायह वित्त मंत्रालय की तरफ से आयोजित सातवीं बजट पूर्व बैठक थी। इसमें वित्तीय सेक्टर के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। बैठक में शामिल कुछ प्रतिनिधियों ने अनिश्चित वैश्विक हालात, खास तौर पर अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन के बाद उसकी आर्थिक नीतियों में बदलाव का उदाहरण देते हुए भारत के स्तर पर भी तैयार रहने की बात कही।
एक प्रतिनिधि ने भारतीय शेयर बाजार के आधारभूत तत्वों को मजबूत बताया लेकिन देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की बात कही और इस संदर्भ में एक बेहद प्रभावशाली तरीके से निगमित पूंजी बाजार को बनाये रखने की जरूरत बताई। ताकि कॉरपोरेट सेक्टर को आसानी से पूंजी जुटाने का यह माध्यम बना रहे।
2024 में शेयर बाजार से कंपनियों ने जुटाए 1.59 लाख करोड़
पिछले साल भारतीय शेयर बाजार से 91 कंपनियों ने कुल 1.59 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। इसमें से कई कंपनियां अपनी प्रारंभिक दौर में है। इसमें से कई आइपीओ ने आम निवेशकों को कम अवधि में बढि़या रिटर्न दिया है।
यह सिलसिला चालू साल 2025 में भी जारी रहने की संभावना है। बैठक में शामिल कुछ विशेषज्ञों ने FII की तरफ से निवेश निकालने की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया है और बजट से प्रोत्साहन की मांग की है। यह वित्तीय प्रोत्साहन प्रत्यक्ष या परोक्ष दोनों तौर पर हो सकता है।
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में क्यों कर रहे हैं बिकवालीसनद रहे कि सरकार की तरफ से महंगाई को रोकने, बजटीय घाटा कम करने या आम जनता को कर छूट देने जैसे तमाम घोषणाओं से भी शेयर बाजार पर सीधा असर होता है। भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से अस्थिरता का माहौल है और इसके लिए मुख्य तौर पर FII की तरफ से भारत से निवेश को निकाले जाने का कारण बताया जाता है। FII की तरफ से इस बात की चिंता जताई गई है कि भारत के लिए अगले दो वर्षों के दौरान मांग को बनाये रखना मुश्किल होगा। साथ ही ब्याज दरों के उच्च स्तर पर रखा जाना भी एक कारण विशेषज्ञ मानते हैं।
वर्ष 2024 में 27 दिसंबर, 2024 तक FII ने भारतीय बाजार से 1,19,277 करोड़ रुपये का निवेश बाहर निकाला है। 01 जनवरी, 2025 को जब शेयर बाजार ने 368 अंकों की छलांग लगाई तब भी FII ने 1782.71 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। बिकवाली का यह दौर पिछले कई वर्षों का सबसे ज्यादा है। यह स्थिति तब है जब भारतीय शेयर बाजार ने कई दूसरे विकासशील देशों के शेयर बाजार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले शेयर बाजार के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की। इसमें विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली पर रोक लगाने के उपायों की चर्चा हुई। बैठक में शामिल कुछ प्रतिनिधियों ने अनिश्चित वैश्विक हालात खास तौर पर अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन के बाद उसकी आर्थिक नीतियों में बदलाव का उदाहरण देते हुए भारत के स्तर पर भी तैयार रहने की बात कही।

HIGHLIGHTSवित्त मंत्री सीतारमण की पूंजी बाजार व वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बजट-पूर्व बैठक।
पिछले साल शेयर बाजार से 91 कंपनियों ने कुल 1.59 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।
अगर वित्तीय बाजार के विश्लेषकों व विशेषज्ञों की राय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मान ली तो आगामी बजट में भारत के शेयर बाजार से पैसा निकालते विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं।
वैसे तो इसकी मांग घरेलू बाजार विश्लेषकों की तरफ से काफी लंबे समय से हो रही है लेकिन गुरुवार को वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय के दूसरे उच्च अधिकारियों के साथ बैठक में शेयर बाजार की स्थिति और भारतीय पूंजी बाजार को ज्यादा आकर्षक बनाये जाने के विषय पर हुई चर्चा में FII की स्थिति काफी प्रमुखता से उठा।
अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन पर भी हुई चर्चायह वित्त मंत्रालय की तरफ से आयोजित सातवीं बजट पूर्व बैठक थी। इसमें वित्तीय सेक्टर के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। बैठक में शामिल कुछ प्रतिनिधियों ने अनिश्चित वैश्विक हालात, खास तौर पर अमेरिका में होने वाले सत्ता परिवर्तन के बाद उसकी आर्थिक नीतियों में बदलाव का उदाहरण देते हुए भारत के स्तर पर भी तैयार रहने की बात कही।
एक प्रतिनिधि ने भारतीय शेयर बाजार के आधारभूत तत्वों को मजबूत बताया लेकिन देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य की बात कही और इस संदर्भ में एक बेहद प्रभावशाली तरीके से निगमित पूंजी बाजार को बनाये रखने की जरूरत बताई। ताकि कॉरपोरेट सेक्टर को आसानी से पूंजी जुटाने का यह माध्यम बना रहे।
2024 में शेयर बाजार से कंपनियों ने जुटाए 1.59 लाख करोड़
पिछले साल भारतीय शेयर बाजार से 91 कंपनियों ने कुल 1.59 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। इसमें से कई कंपनियां अपनी प्रारंभिक दौर में है। इसमें से कई आइपीओ ने आम निवेशकों को कम अवधि में बढि़या रिटर्न दिया है।
यह सिलसिला चालू साल 2025 में भी जारी रहने की संभावना है। बैठक में शामिल कुछ विशेषज्ञों ने FII की तरफ से निवेश निकालने की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करवाया है और बजट से प्रोत्साहन की मांग की है। यह वित्तीय प्रोत्साहन प्रत्यक्ष या परोक्ष दोनों तौर पर हो सकता है।
विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में क्यों कर रहे हैं बिकवालीसनद रहे कि सरकार की तरफ से महंगाई को रोकने, बजटीय घाटा कम करने या आम जनता को कर छूट देने जैसे तमाम घोषणाओं से भी शेयर बाजार पर सीधा असर होता है। भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से अस्थिरता का माहौल है और इसके लिए मुख्य तौर पर FII की तरफ से भारत से निवेश को निकाले जाने का कारण बताया जाता है। FII की तरफ से इस बात की चिंता जताई गई है कि भारत के लिए अगले दो वर्षों के दौरान मांग को बनाये रखना मुश्किल होगा। साथ ही ब्याज दरों के उच्च स्तर पर रखा जाना भी एक कारण विशेषज्ञ मानते हैं।
वर्ष 2024 में 27 दिसंबर, 2024 तक FII ने भारतीय बाजार से 1,19,277 करोड़ रुपये का निवेश बाहर निकाला है। 01 जनवरी, 2025 को जब शेयर बाजार ने 368 अंकों की छलांग लगाई तब भी FII ने 1782.71 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। बिकवाली का यह दौर पिछले कई वर्षों का सबसे ज्यादा है। यह स्थिति तब है जब भारतीय शेयर बाजार ने कई दूसरे विकासशील देशों के शेयर बाजार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
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