मोबाइल की रेस में एपल से पीछे कैसे रह गया माइक्रोसॉफ्ट, क्या बिल गेट्स थे जिम्मेदार
मोबाइल की रेस में एपल से पीछे कैसे रह गया माइक्रोसॉफ्ट, क्या बिल गेट्स थे जिम्मेदार
एंड्रॉइड के को-फाउंडर रिच माइनर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए मोबाइल बाजार में उतरना सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी। इसकी वजह से उन्हें 400 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। इसकी जिम्मेदारी बिल गेट्स को लेनी चाहिए। इस नुकसान के पीछे बिल गेट्स के कई गलत फैसले थे। जो उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए। हाल ही में गेट्स ने भी इसे स्वीकार किया था।
नुकसान के लिए बिल गेट्स हैं जिम्मेदार
गेट्स ने अनुमान लगाया कि इस गलती से माइक्रोसॉफ्ट को संभावित बाजार मूल्य में लगभग 400 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। इससे गूगल और एंड्रॉइड को फायदा हुआ।
मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाने की लड़ाई हम पीछे रहे गए। जबकि एपल ने जून 2007 में iPhone लॉन्च किया और सितंबर 2008 में गूगल ने Android लॉन्च किया, जो आगे निकल गए।
वहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने अक्टूबर 2010 तक Windows Phone 7 जारी नहीं किया। जिसका सीधा फायदा मार्केट में पहले से मौजूद एपल और एंड्रॉइड को हुआ। इस देरी की वजह से एंड्रॉइड और Apple को अंततः मोबाइल बाजार के 99.9 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करने में मदद मिली। इसके बाद फिर कभी माइक्रोसॉफ्ट का समय नहीं आया।
एंड्रॉइड के को-फाउंडर रिच माइनर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए मोबाइल बाजार में उतरना सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी। इसकी वजह से उन्हें 400 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। इसकी जिम्मेदारी बिल गेट्स को लेनी चाहिए। इस नुकसान के पीछे बिल गेट्स के कई गलत फैसले थे। जो उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए। हाल ही में गेट्स ने भी इसे स्वीकार किया था।
नुकसान के लिए बिल गेट्स हैं जिम्मेदार
एंड्रॉइड के को-फाउंडर रिच माइनर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट स्मार्टफोन की दुनिया में अपनी पहचान नहीं बना पाया, इसके पीछे बिल गेट्स के गलत फैसले हैं। जो उनके मुताबिक काम नहीं कर पाए। रिच माइनर ने बिल गेट्स द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के 400 बिलियन डॉलर के मोबाइल बाजार की असफलता पर भी रिएक्शन दिया है।
बिल गेट्स के गलत फैसले
इन्होंने कहा कि, बिल गेट्स ने स्मार्टफोन की लड़ाई में एंड्रॉइड को पीछे छोड़ने के तमाम प्रयास किए। लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके पीछे कहीं न कहीं बिल गेट्स के फैसले थे, इन्होंने कहा कि मैंने सचमुच एंड्रॉइड बनाने में मदद की थी ताकि माइक्रोसॉफ्ट फोन को उसी तरह कंट्रोल न कर सके जिस तरह से उन्होंने पीसी को कंट्रोल किया था।
माइनर ने माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलती के बारे में गेट्स की टिप्पणियों का जवाब देते हुए एक्स पर लिखा है। माइनर ने कहा, मैंने 2002 में ऑरेंज को पहला विंडोज मोबाइल फोन, एसपीवी लॉन्च करने में मदद की थी। मुझे चिंता थी कि एमएसएफटी मोबाइल को उसी तरह नियंत्रित कर सकता है, जैसे उन्होंने पीसी को किया था, मैं कुछ और चाहता था।
मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाना बड़ी गलतीइसलिए, माफ करें बिल गेट्स... आप 400 बिलियन डॉलर के नुकसान के लिए जितना खुद को जिम्मेदार मानते हैं। उससे कहीं ज्यादा आपको इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। गेट्स ने इवेंटब्राइट के सीईओ जूलिया हर्ट्ज के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाना उनकी सबसे बड़ी गलतियों में से एक था।
बिल गेट्स के गलत फैसले
इन्होंने कहा कि, बिल गेट्स ने स्मार्टफोन की लड़ाई में एंड्रॉइड को पीछे छोड़ने के तमाम प्रयास किए। लेकिन बात नहीं बन पाई। इसके पीछे कहीं न कहीं बिल गेट्स के फैसले थे, इन्होंने कहा कि मैंने सचमुच एंड्रॉइड बनाने में मदद की थी ताकि माइक्रोसॉफ्ट फोन को उसी तरह कंट्रोल न कर सके जिस तरह से उन्होंने पीसी को कंट्रोल किया था।
माइनर ने माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलती के बारे में गेट्स की टिप्पणियों का जवाब देते हुए एक्स पर लिखा है। माइनर ने कहा, मैंने 2002 में ऑरेंज को पहला विंडोज मोबाइल फोन, एसपीवी लॉन्च करने में मदद की थी। मुझे चिंता थी कि एमएसएफटी मोबाइल को उसी तरह नियंत्रित कर सकता है, जैसे उन्होंने पीसी को किया था, मैं कुछ और चाहता था।
मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाना बड़ी गलतीइसलिए, माफ करें बिल गेट्स... आप 400 बिलियन डॉलर के नुकसान के लिए जितना खुद को जिम्मेदार मानते हैं। उससे कहीं ज्यादा आपको इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। गेट्स ने इवेंटब्राइट के सीईओ जूलिया हर्ट्ज के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाना उनकी सबसे बड़ी गलतियों में से एक था।
गेट्स ने अनुमान लगाया कि इस गलती से माइक्रोसॉफ्ट को संभावित बाजार मूल्य में लगभग 400 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। इससे गूगल और एंड्रॉइड को फायदा हुआ।
मोबाइल प्लेटफॉर्म बनाने की लड़ाई हम पीछे रहे गए। जबकि एपल ने जून 2007 में iPhone लॉन्च किया और सितंबर 2008 में गूगल ने Android लॉन्च किया, जो आगे निकल गए।
वहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने अक्टूबर 2010 तक Windows Phone 7 जारी नहीं किया। जिसका सीधा फायदा मार्केट में पहले से मौजूद एपल और एंड्रॉइड को हुआ। इस देरी की वजह से एंड्रॉइड और Apple को अंततः मोबाइल बाजार के 99.9 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करने में मदद मिली। इसके बाद फिर कभी माइक्रोसॉफ्ट का समय नहीं आया।
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