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90 घंटे वाली बहस में कूदे राजीव बजाज, बोले- काम की गुणवत्ता मायने रखती है, समय नहीं

90 घंटे वाली बहस में कूदे राजीव बजाज, बोले- काम की गुणवत्ता मायने रखती है, समय नहीं

लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरपर्सन एस एन सुब्रमणियन ने हफ्ते में 90 घंटे काम वाली बात कहकर देश में एक नई बहस छेड़ दी है। वहीं अब इस मामले में बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज भी कूद पड़े हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि काम की गुणवत्ता घंटों से कहीं अधिक मायने रखती है।

90 घंटे वाली बहस में कूदे राजीव बजाज और कह दी बड़ी बात (फोटो- एक्स)

लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरपर्सन एस एन सुब्रमणियन ने हफ्ते में 90 घंटे काम वाली बात कहकर देश में एक नई बहस छेड़ दी है। वहीं, अब इस मामले में बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज भी कूद पड़े हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि काम की गुणवत्ता घंटों से कहीं अधिक मायने रखती है।

काम के घंटों की संख्या मायने नहीं रखती- राजीव

सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव बजाज ने कहा कि अगर कोई 90 घंटे काम करने की शुरुआत करना चाहता है तो इसकी शुरुआत ऊपर से करनी चाहिए। काम के घंटों की संख्या मायने नहीं रखती, काम की गुणवत्ता मायने रखती है। हमें पहले से कहीं अधिक दयालु, सौम्य दुनिया की जरूरत है।

बजाज ने यह भी कहा कि कंपनियों को काम के घंटों की निश्चित संख्या जैसी प्रतिगामी नीतियों को अपनाने से बचना चाहिए। उन्होंने कार्य-जीवन संतुलन के महत्व के बारे में भी बात की। उन्होंने यहां तक कहा ​​कि अगर कोई सप्ताह में 70 या 90 घंटे भी काम करता है तो इसका असर परिवार, स्वास्थ्य पर पड़ेगा और इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

एलएंडटी चेयरमैन ने क्या कहा था?

सुब्रह्मण्यन ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए कर्मचारियों को दिए गए एक वीडियो संदेश में कहा, "आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक घूर सकती हैं? आप ऑफिस जाएं और अपना काम करना शुरू करें"। दरअसल, कर्मचारियों चेयरमैन से सवाल कर रहे थे कि उन्हें सप्ताह में सिर्फ एक दिन की छुट्टी क्यों मिलती है, दो दिन की क्यों नहीं।

एलएंडटी के चेयरमैन ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस बात का दुख है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं आपसे रविवार को भी काम ले पाऊं, तो मुझे बेहद खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद भी रविवार को काम करता हूं।"

हर्ष गोयनका ने क्या कहा?

आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके एलएंडटी चेयरमैन के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, "एक हफ्ते में 90 घंटे काम? रविवार को 'सन-ड्यूटी' क्यों न कहा जाए और 'छुट्टी' को एक मिथकीय अवधारणा क्यों न बना दिया जाए! मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करना चाहता हूँ, लेकिन जीवन को एक निरंतर कार्यालय शिफ्ट में बदल देना? यह सफलता नहीं, बल्कि बर्नआउट का नुस्खा है। वर्क लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, यह जरूरी है। खैर, यह मेरा विचार है! #WorkSmartNotSlave"
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