नवंबर में जारी है निकासी का रूख, विदेशी निवेशकों ने निकाले 26,533 करोड़ रुपये
नवंबर में जारी है निकासी का रूख, विदेशी निवेशकों ने निकाले 26,533 करोड़ रुपये
FPI Data विदेशी निवेशकों ने निकासी का रुख अपनाया हुआ है। एफपीआई ने अक्टूबर महीने में निकासी किया था। अब वह नवंबर महीने में भी निकासी कर रहे हैं। एफपीआई आउटफ्लो का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला है। एफपीआई डेटा के अनुसार 22 नवंबर तक विदेशी निवेशकों ने 26533 करोड़ रुपये की निकासी की है।
शेयर बाजार में आई गिरावट की वजह एफपीआई आउटफ्लो भी है। अक्टूबर महीने से विदेशी निवेशकों ने निकासी का रूख अपनाया। नवंबर में भी विदेशी निवेशकों द्वारा आउटफ्लो जारी है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 26,533 करोड़ रुपये तक की निकासी की है।
एफपीआई आउटफ्लो के कारण भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट आई है। भारतीय शेयर बाजार से निकासी करके विदेशी निवेशक चीन के बाजार में निवेश कर रहे हैं।
अक्टूबर में एफपीआई ने आउटफ्लो ही किया है। इस महीने निवेशकों ने 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इस निकासी के बाद अब साल 2024 में नेट बेसिस पर कुल एफपीआई आउटफ्लो 19,940 करोड़ रुपये है।
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की पॉलिस के आधार पर विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में निवेश करेंगे। हालांकि, इसके अलावा तीसरी तिमाही के नतीजे और भू-राजनीतिक चिंताओं का असर भी शेयर बाजार पर देखने को मिलेगा। इन सभी फैक्टर्स के आधार पर एफपीआई फ्लो रहेगा।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर - मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव
एफपीआई आउटफ्लो डेटा
एपपीआई डेटा के अनुसार 22 नवंबर 2024 तक एफपीआई ने 26,533 करोड़ रुपये की निकासी की है। वहीं, अक्टूबर में कुल 94,017 करोड़ रुपये की निकासी हुई। यह आउटफ्लो के आधार पर सबसे खराब महीना रहा है। सितंबर 2024 में एफपीआई ने 57,724 करोड़ रुपये का इनफ्लो किया था जो 9-महीने के उच्चतम स्तर पर है।
विदेशी निवेशकों ने निराशाजनक तिमाही नतीजे आने के कारण आउटफ्लो कर रहे हैं। इसके अलावा 'Sell India, Buy China' खत्म हो गया है। अब 'the Trump trade' शुरू हुआ है। इसके बाद यूएस की वैल्यूएशन में शानदार तेजी आई।
एफपीआई आउटफ्लो होने के बावजूद विदेशी निवेशक आईटी स्टॉक को खरीद रहे हैं। वह बैंकिंग स्टॉक को बेच रहे हैं। विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली से स्टॉक मार्केट में करेक्शन हो रही थी, लेकिन इस स्थिति में घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा खरीद ने बाजार को सपोर्ट किया है।
एफपीआई ने 22 नवंबर तक डेट लिमिट से 1,110 करोड़ रुपये की निकासी की है। वहीं, VRR (Voluntary Retention Route) में 872 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साल में अभी तक एफपीआई ने 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
FPI Data विदेशी निवेशकों ने निकासी का रुख अपनाया हुआ है। एफपीआई ने अक्टूबर महीने में निकासी किया था। अब वह नवंबर महीने में भी निकासी कर रहे हैं। एफपीआई आउटफ्लो का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला है। एफपीआई डेटा के अनुसार 22 नवंबर तक विदेशी निवेशकों ने 26533 करोड़ रुपये की निकासी की है।
22 नवंबर तक 26,533 करोड़ रुपये की निकासी
HIGHLIGHTS22 नवंबर तक 26,533 करोड़ रुपये की निकासी हुई है।
एफपीआई आउटफ्लो के कारण बाजार में करेक्शन हुआ
HIGHLIGHTS22 नवंबर तक 26,533 करोड़ रुपये की निकासी हुई है।
एफपीआई आउटफ्लो के कारण बाजार में करेक्शन हुआ
शेयर बाजार में आई गिरावट की वजह एफपीआई आउटफ्लो भी है। अक्टूबर महीने से विदेशी निवेशकों ने निकासी का रूख अपनाया। नवंबर में भी विदेशी निवेशकों द्वारा आउटफ्लो जारी है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 26,533 करोड़ रुपये तक की निकासी की है।
एफपीआई आउटफ्लो के कारण भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट आई है। भारतीय शेयर बाजार से निकासी करके विदेशी निवेशक चीन के बाजार में निवेश कर रहे हैं।
अक्टूबर में एफपीआई ने आउटफ्लो ही किया है। इस महीने निवेशकों ने 94,017 करोड़ रुपये की निकासी की थी। इस निकासी के बाद अब साल 2024 में नेट बेसिस पर कुल एफपीआई आउटफ्लो 19,940 करोड़ रुपये है।
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की पॉलिस के आधार पर विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में निवेश करेंगे। हालांकि, इसके अलावा तीसरी तिमाही के नतीजे और भू-राजनीतिक चिंताओं का असर भी शेयर बाजार पर देखने को मिलेगा। इन सभी फैक्टर्स के आधार पर एफपीआई फ्लो रहेगा।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर - मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव
एफपीआई आउटफ्लो डेटा
एपपीआई डेटा के अनुसार 22 नवंबर 2024 तक एफपीआई ने 26,533 करोड़ रुपये की निकासी की है। वहीं, अक्टूबर में कुल 94,017 करोड़ रुपये की निकासी हुई। यह आउटफ्लो के आधार पर सबसे खराब महीना रहा है। सितंबर 2024 में एफपीआई ने 57,724 करोड़ रुपये का इनफ्लो किया था जो 9-महीने के उच्चतम स्तर पर है।
विदेशी निवेशकों ने निराशाजनक तिमाही नतीजे आने के कारण आउटफ्लो कर रहे हैं। इसके अलावा 'Sell India, Buy China' खत्म हो गया है। अब 'the Trump trade' शुरू हुआ है। इसके बाद यूएस की वैल्यूएशन में शानदार तेजी आई।
एफपीआई आउटफ्लो होने के बावजूद विदेशी निवेशक आईटी स्टॉक को खरीद रहे हैं। वह बैंकिंग स्टॉक को बेच रहे हैं। विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली से स्टॉक मार्केट में करेक्शन हो रही थी, लेकिन इस स्थिति में घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा खरीद ने बाजार को सपोर्ट किया है।
एफपीआई ने 22 नवंबर तक डेट लिमिट से 1,110 करोड़ रुपये की निकासी की है। वहीं, VRR (Voluntary Retention Route) में 872 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साल में अभी तक एफपीआई ने 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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