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F&O के चक्रव्यूह में 93 फीसदी लोग गंवा रहे पैसा, फिर भी क्यों नहीं छूट रही 'लत'

F&O के चक्रव्यूह में 93 फीसदी लोग गंवा रहे पैसा, फिर भी क्यों नहीं छूट रही 'लत'

FO Traders Loss शेयर मार्केट के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में निवेश करने वाले अधिकतर इंडिविजुअल को भारी नुकसान हो रहा है। मार्केट रेगुलेटर सेबी की एक रिपोर्ट बताती है कि एफएंडओ सेगमेंट में 93 फीसदी इंडिविजुअल नुकसान में हैं। इनमें से ज्यादातर कम इनकम कैटेगरी से आते हैं। वे एफएंडओ में लगातार नुकसान के बावजूद ट्रेडिंग जारी रखे हुए हैं। वे एफएंडओ को सट्टेबाजी की तरह ले रहे हैं।

प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FII) F&O ट्रेडिंग में जमकर पैसे छाप रहे हैं।

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग में पैसा गंवाने वाले निवेशकों की तादाद लगातार बढ़ रही है। मार्केट रेगुलेटर- सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन साल में 93 फीसदी ट्रेडर्स ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में 1.8 लाख करोड़ रुपये लुटा दिए। पिछले साल भी सेबी ने ऐसी ही एक रिपोर्ट जारी की थी, तब पता चला था कि वित्त वर्ष 2022 में 89 फीसदी इंडिविजुअल ने इक्विटी F&O ट्रेडिंग में पैसे गंवाए थे।
औसत घाटा 2 लाख रुपये का

सेबी की हालिया स्टडी बताती है कि 1 करोड़ से अधिक इंडिविजुअल एफएंडओ सेगमेंट में ट्रेडिंग करते हैं। इनमें से 93 फीसदी तीन वित्त वर्षों में नुकसान में रहे। उनका औसत घाटा करीब 2 लाख रुपये रहा। इसनमें ट्रांजैक्शन कॉस्ट भी शामिल है। इन 93 फीसदी में साढ़े तीन फीसदी यानी करीब 4 लाख ऐसे ट्रेडर्स हैं, जिनका औसत घाटा 28 लाख रुपये रहा। अगर मुनाफे की बात करें, तो सिर्फ 1 फीसदी ट्रेडर्स ही 1 लाख रुपये से अधिक का प्रॉफिट कमाने में सफल रहे।

लगातार घाटे के बावजूद ट्रेडिंग

F&O ट्रेडिंग में नुकसान उठाने वाले अधिकतर ट्रेडर्स कम आय वाले हैं। सेबी की स्टडी बताती है कि F&O ट्रेडिंग में करीब 75 फीसदी इंडिविजुअल ऐसे थे, जिनकी इनकम वित्त वर्ष 2023-24 में 5 लाख रुपये कम थी। साथ ही, 75 ट्रेडर्स लगातार घाटे के बावजूद F&O ट्रेडिंग जारी रखे हुए हैं। अगर उम्र के लिहाज से देखें, तो F&O सेगमेंट में ट्रेडिंग करने वाले 30 साल से कम उम्र के नौजवानों की संख्या वित्त वर्ष 2023 में 31 फीसदी से उछलकर वित्त वर्ष 2024 में 43 फीसदी पर पहुंच गई।

F&O से कौन बना रहा पैसे

इंडिविजुअल ट्रेडर्स जहां F&O ट्रेडिंग में कंगाल हो रहे हैं, वहीं प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FII) जमकर पैसे छाप रहे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रोप्रायटरी ट्रेडर्स को 33 हजार करोड़ रुपये और FII को 28 हजार करोड़ रुपये का ग्रॉस ट्रेडिंग प्रॉफिट हुआ। इनमें से ज्यादातर अधिकतर मुनाफा बड़ी एंटिटीज ने कमाया है, जिन्होंने ट्रेडिंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया। एफपीआई के मुनाफे का 97 फीसदी और प्रोप्रायटरी ट्रेडर के मुनाफे का 96 फीसदी एल्गोरिदिक ट्रेडिंग से आया है।
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