समित द्रविड़ को टीम से बाहर बैठा करुण नायर ने जीता खिताब, मैसूर वॉरियर्स बनी महाराजा ट्रॉफी की चैंपियन
समित द्रविड़ को टीम से बाहर बैठा करुण नायर ने जीता खिताब, मैसूर वॉरियर्स बनी महाराजा ट्रॉफी की चैंपियन
करुण नायर ने कप्तानी पारी खेलते हुए अपनी टीम मैसूर वॉरियर्स को महाराजा ट्रॉफी का खिताब दिलाया है। इस मैच में नायर के अलावा एसयू कार्तिक ने मैसूर के लिए अर्धशतकीया पारी खेली। बेंगुलरू की टीम से कोई भी बल्लेबाज मैच विजयी पारी नहीं खेल सका। टीम के कप्तान मयंक अग्रवाल सस्ते में आउट हुए और फिर इसके बाद पूरी टीम लड़खड़ा गई।
महाराजा ट्रॉफी की चैंपियन बनी मैसूर वॉरियर्स की टीम
करुण नायर की कप्तानी वाली मैसूर वॉरियर्स ने रविवार को महाराजा ट्रॉफी के फाइनल में बेंगलुरू ब्लास्टर्स को मात देकर खिताब अपने नाम कर लिया। मैसूर ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट खोकर 207 रन बनाए। इसके जवाब में मयंक अग्रवाल की कप्तानी वाली टीम बेंगलुरू 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 162 रन ही बना सकी।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ के बेटे समित भी इस लीग में मैसूर वॉरियर्स के लिए खेल रहे हैं। लेकिन नायर ने उन्हें फाइनल मैच
कार्तिक,नायर की शानदार पारियां
पहले बल्लेबाजी करने उतरी मैसूर की टीम के लिए सलामी बल्लेबाज एसयू कार्तिक और कप्तान नायर ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं। चोथे ओवर की चौथी गेंद पर मैसूर ने अजीत कौशिक का विकेट खो दिया था जो तीन रन ही बना सके। इसके बाद कार्तिक और नायर ने टीम को संभाला और दूसरे विकेट के लिए 81 रनों की साझेदारी की। कार्तिक 14वें ओवर की दूसरी गेंद पर शुभांग हेग्ड़े का शिकार हो गए। उन्होंने 44 गेंदों पर सात चौके और तीन छक्कों की मदद से 71 रन बनाए।
उनके बाद आए हर्षिल धामिल छह रनों से आगे अपनी पारी नहीं ले जा सके। नायर को फिर मनोज भानडगे का साथ मिला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। नायर की पारी का अंत नवीन ने किया। नायर ने 45 गेंदों पर छह चौके और तीन छक्के मारे। मनोज 13 गेंदों पर 44 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने अपनी पारी में पांच छक्कों के अलावा दो चौके भी मारे।
असफल रही बेंगलुरू
जो काम नायर ने अपनी टीम के लिए कप्तानी पारी खेल किया वो काम मयंक नहीं कर पाए। पहले ही ओवर की आखिरी गेंद पर वह आउट हो गए। मयंक ने सिर्फ छह रन बनाए। यहां से विकेटों की झड़ी लग गई। सलामी बल्लेबाज एलआर चेतन एक छोर संभाले रखे थे। उन्होंने 32 गेंदों पर तीन चौके और चार छक्कों की मदद से 51 रन बनाए। अंत में अनिरुद्ध जोशी ने 18, क्रांति कुमार ने नाबाद 39 और गणेश्वर नवीन ने 17 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने की कोशिश की लेकिन टारगेट ज्यादा साबित हुआ।
करुण नायर ने कप्तानी पारी खेलते हुए अपनी टीम मैसूर वॉरियर्स को महाराजा ट्रॉफी का खिताब दिलाया है। इस मैच में नायर के अलावा एसयू कार्तिक ने मैसूर के लिए अर्धशतकीया पारी खेली। बेंगुलरू की टीम से कोई भी बल्लेबाज मैच विजयी पारी नहीं खेल सका। टीम के कप्तान मयंक अग्रवाल सस्ते में आउट हुए और फिर इसके बाद पूरी टीम लड़खड़ा गई।
महाराजा ट्रॉफी की चैंपियन बनी मैसूर वॉरियर्स की टीम
करुण नायर की कप्तानी वाली मैसूर वॉरियर्स ने रविवार को महाराजा ट्रॉफी के फाइनल में बेंगलुरू ब्लास्टर्स को मात देकर खिताब अपने नाम कर लिया। मैसूर ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट खोकर 207 रन बनाए। इसके जवाब में मयंक अग्रवाल की कप्तानी वाली टीम बेंगलुरू 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 162 रन ही बना सकी।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ के बेटे समित भी इस लीग में मैसूर वॉरियर्स के लिए खेल रहे हैं। लेकिन नायर ने उन्हें फाइनल मैच
कार्तिक,नायर की शानदार पारियां
पहले बल्लेबाजी करने उतरी मैसूर की टीम के लिए सलामी बल्लेबाज एसयू कार्तिक और कप्तान नायर ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं। चोथे ओवर की चौथी गेंद पर मैसूर ने अजीत कौशिक का विकेट खो दिया था जो तीन रन ही बना सके। इसके बाद कार्तिक और नायर ने टीम को संभाला और दूसरे विकेट के लिए 81 रनों की साझेदारी की। कार्तिक 14वें ओवर की दूसरी गेंद पर शुभांग हेग्ड़े का शिकार हो गए। उन्होंने 44 गेंदों पर सात चौके और तीन छक्कों की मदद से 71 रन बनाए।
उनके बाद आए हर्षिल धामिल छह रनों से आगे अपनी पारी नहीं ले जा सके। नायर को फिर मनोज भानडगे का साथ मिला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। नायर की पारी का अंत नवीन ने किया। नायर ने 45 गेंदों पर छह चौके और तीन छक्के मारे। मनोज 13 गेंदों पर 44 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने अपनी पारी में पांच छक्कों के अलावा दो चौके भी मारे।
असफल रही बेंगलुरू
जो काम नायर ने अपनी टीम के लिए कप्तानी पारी खेल किया वो काम मयंक नहीं कर पाए। पहले ही ओवर की आखिरी गेंद पर वह आउट हो गए। मयंक ने सिर्फ छह रन बनाए। यहां से विकेटों की झड़ी लग गई। सलामी बल्लेबाज एलआर चेतन एक छोर संभाले रखे थे। उन्होंने 32 गेंदों पर तीन चौके और चार छक्कों की मदद से 51 रन बनाए। अंत में अनिरुद्ध जोशी ने 18, क्रांति कुमार ने नाबाद 39 और गणेश्वर नवीन ने 17 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने की कोशिश की लेकिन टारगेट ज्यादा साबित हुआ।
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