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सस्ता हो सकता है हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस, प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स में मिल सकती है राहत

सस्ता हो सकता है हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस, प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स में मिल सकती है राहत

जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने को लेकर गठित फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट पर बैठक में होगी चर्चा सरकार के पास विकल्प (प्वाइंटर)-बुजुर्ग या 60 साल से अधिक आयु के लोगों को हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी से राहत दी जाए-एक निश्चित राशि तक के प्रीमियम पर ही लगने वाले जीएसटी पर राहत दी जाए जिससे निम्न और मध्यम वर्ग को कुछ राहत मिल सके।

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस सस्ता हो सकता है।


HIGHLIGHTSजीएसटी काउंसिल की आज होने वाली बैठक में बीमा के प्रीमियम पर लगने वाले कर में दी जा सकती है कुछ राहत।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से इस मुद्दे पर वित्त मंत्री को पत्र लिखने के बाद गरमाया था मुद्दा।
सीतामरण ने कहा था कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की सहमति के बाद ही इस पर हो सकता है कोई फैसला।

 सोमवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में किसी वस्तु की जीएसटी दर में बदलाव को लेकर कोई विचार नहीं होने जा रहा है। हालांकि, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी के बदलाव को लेकर फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी। इस मामले में फिटमेंट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट काउंसिल को सौंप दी है और सोमवार की बैठक के एजेंडे में यह भी मामला शामिल है।
प्रीमियम पर मिल सकती है सीमित राहत

सूत्रों का कहना है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने के वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को एकदम से नहीं हटाया जा सकता है, क्योंकि इससे राज्य और केंद्र को अच्छा-खासा राजस्व मिलता है। गत संसद सत्र में यह मुद्दा गरमाने के बाद इसके प्रीमियम पर सीमित राहत दी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक ऐसा हो सकता है कि बुजुर्ग या 60 साल से अधिक आयु के लोगों को हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी से राहत दी जाए। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि एक निश्चित राशि तक के प्रीमियम पर ही लगने वाले जीएसटी पर राहत दी जाए, जिससे निम्न और मध्यम वर्ग को कुछ राहत मिल सके। केंद्र व राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी से 2023-24 में 8,262.94 करोड़ रुपये एकत्र किए गिए। वहीं, स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर केंद्र और राज्यों ने जीएसटी से 2023-24 में 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।

नितिन गडकरी ने उठाया था ये मुद्दा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को हटाने की मांग को लेकर वित्त मंत्री को पत्र लिखने के बाद यह मुद्दा गरमाता चला गया और विपक्षी दलों ने भी गत संसद सत्र में बहस के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस से जीएसटी हटाने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह साफ कर चुकी है कि काउंसिल की बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों की सहमति के बाद ही हेल्थ इंश्योरेंस को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है या इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है। हाल ही में वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि काउंसिल की बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री किसी भी वस्तु के जीएसटी को हटाने या उसे कम करने के पक्ष में नहीं होते हैं, क्योंकि इससे उनका राजस्व प्रभावित होता है। इसलिए जीएसटी को कम करना या हटाना आसान नहीं है।

यह मुद्दे भी होंगे बैठक के एजेंडे मेंबैठक में सूचना-प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस समेत कुछ विदेशी विमानन कंपनियों को जीएसटी संबंधी नोटिस से राहत दी जा सकती है।
तीर्थयात्रा में शामिल हेलिकाप्टर सेवा पर लगने वाले जीएसटी को लेकर भी काउंसिल की तरफ से स्पष्टीकरण जारी किया जा सकता है।
आनलाइन गेमिंग के संबंध में केंद्र और राज्य कर अधिकारी जीएसटी परिषद के समक्ष एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करेंगे।
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