कन्फ्यूज थे मुशीर खान, भाई सरफराज ने फूंकी जान और फिर गेंदबाजों के लिए बन गए काल, शतकवीर ने किया खुलासा
कन्फ्यूज थे मुशीर खान, भाई सरफराज ने फूंकी जान और फिर गेंदबाजों के लिए बन गए काल, शतकवीर ने किया खुलासा
मुशीर खान ने दलीप ट्रॉफी में शानदार शतक जमाया है। उन्होंने इंडिया-बी से खेलते हुए इंडिया-ए के लिए शतकीय पारी खेली है। अपनी इस पारी के बाद मुशीर ने अपने भाई सरफराज खान की एक बात को याद किया है जिसके चलते उन्हें शतक जमाने में मदद की। सरफाज ने मुशीर को उनका नैचुरल गेम खेलने को कहा था जिससे मुशीर को कॉन्फिडेंस मिला।
सरफराज खान के शब्दों ने फूंकी मुशीर में जान
इस समय खेली जा रही दलीप ट्रॉफी में मुशीर खान ने इंडिया-बी की तरफ से खेलते हुए शतक जमा दिया। इस शतक के बाद मुशीर की जमकर तारीफ हो रही है। उन्होंने जिस अंदाज में रन बनाए उससे उनका आत्मविश्वास झलक रहा था। लेकिन ये कॉन्फिडेंस बीच मैच में डगमगा रहा था और तब मुशीर के भाई सरफराज के शब्दों ने उनमें जान फूंक दी।
सरफराज ने इंडिया-ए के खिलाफ खेलते हुए पहले दिन नाबाद 105 रनों की पारी खेली। इस पारी के दम पर इंडिया-बी ने दिन का अंत सात विकेट के नुकसान पर 206 रनों के साथ किया। दिन का खेल खत्म होने के बाद मुशीर ने बताया कि उनके भाई ने जो उनसे कहा, उससे उन्हें काफी मदद मिली।
'मार सकता है तो मार'
मुशीर की पारी की सबसे खास बात ये रही कि वह तेज गेंदबाजों पर भी आगे बढ़कर खेले। आवेश खान और आकाशदीप को कमजोर करने के लिए उन्होंने यह रणनीति अपनाई थी। मुशीर ने बताया कि सरफराज ने उनसे कहा था कि वह जिस तरह से खेलना चाहते हैं वैसे खेलें। मुशीर ने कहा, "मेरे और मेरे भाई का एक ही तरह का गेम है। मैं वही फॉलो करने की कोशिश करता हूं जो वह करते हैं। मैदान पर उन्होंने मुझसे अपनी तकनीक के मुताबिक खेलने को कहा। उसने बोला अगर तेरे को लगता है आगे बढ़ सकता है तो आगे बढ़कर खेल।"
मुशीर और सरफराज ने मिलकर 10 ओवर बल्लेबाजी की। इस दौरान मुशीर को सरफराज ने काफी समझाया। मुशीर ने जब शतक पूरा किया तो सरफराज की खुश की ठिकाना नहीं था। ये मुशीर का तीसरा फर्स्ट क्लास शतक है। हालांकि, सरफराज सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए।
ज्यादा गेंदें खेलना चाहता था
मुशीर ने कहा कि उनकी कोशिश विकेट पर टिककर ज्यादा से ज्यादा गेंदें खेलने की थी। उन्होंने कहा, "मैं रनों के बार में न सोचते हुए ज्यादा से ज्यादा गेंदें खेलना चाहता था। मैं पूरे दिन बल्लेबाजी करना चाहता था। मैं सेशन दर सेशन मैच को ले रहा था। मैं जब बल्लेबाजी करने आया तो गेंद स्विंग कर रही थी। इसलिए मैं गेंद को अपने शरीर के पास से खेलने की कोशिश कर रहा था।"
मुशीर खान ने दलीप ट्रॉफी में शानदार शतक जमाया है। उन्होंने इंडिया-बी से खेलते हुए इंडिया-ए के लिए शतकीय पारी खेली है। अपनी इस पारी के बाद मुशीर ने अपने भाई सरफराज खान की एक बात को याद किया है जिसके चलते उन्हें शतक जमाने में मदद की। सरफाज ने मुशीर को उनका नैचुरल गेम खेलने को कहा था जिससे मुशीर को कॉन्फिडेंस मिला।
सरफराज खान के शब्दों ने फूंकी मुशीर में जान
इस समय खेली जा रही दलीप ट्रॉफी में मुशीर खान ने इंडिया-बी की तरफ से खेलते हुए शतक जमा दिया। इस शतक के बाद मुशीर की जमकर तारीफ हो रही है। उन्होंने जिस अंदाज में रन बनाए उससे उनका आत्मविश्वास झलक रहा था। लेकिन ये कॉन्फिडेंस बीच मैच में डगमगा रहा था और तब मुशीर के भाई सरफराज के शब्दों ने उनमें जान फूंक दी।
सरफराज ने इंडिया-ए के खिलाफ खेलते हुए पहले दिन नाबाद 105 रनों की पारी खेली। इस पारी के दम पर इंडिया-बी ने दिन का अंत सात विकेट के नुकसान पर 206 रनों के साथ किया। दिन का खेल खत्म होने के बाद मुशीर ने बताया कि उनके भाई ने जो उनसे कहा, उससे उन्हें काफी मदद मिली।
'मार सकता है तो मार'
मुशीर की पारी की सबसे खास बात ये रही कि वह तेज गेंदबाजों पर भी आगे बढ़कर खेले। आवेश खान और आकाशदीप को कमजोर करने के लिए उन्होंने यह रणनीति अपनाई थी। मुशीर ने बताया कि सरफराज ने उनसे कहा था कि वह जिस तरह से खेलना चाहते हैं वैसे खेलें। मुशीर ने कहा, "मेरे और मेरे भाई का एक ही तरह का गेम है। मैं वही फॉलो करने की कोशिश करता हूं जो वह करते हैं। मैदान पर उन्होंने मुझसे अपनी तकनीक के मुताबिक खेलने को कहा। उसने बोला अगर तेरे को लगता है आगे बढ़ सकता है तो आगे बढ़कर खेल।"
मुशीर और सरफराज ने मिलकर 10 ओवर बल्लेबाजी की। इस दौरान मुशीर को सरफराज ने काफी समझाया। मुशीर ने जब शतक पूरा किया तो सरफराज की खुश की ठिकाना नहीं था। ये मुशीर का तीसरा फर्स्ट क्लास शतक है। हालांकि, सरफराज सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए।
ज्यादा गेंदें खेलना चाहता था
मुशीर ने कहा कि उनकी कोशिश विकेट पर टिककर ज्यादा से ज्यादा गेंदें खेलने की थी। उन्होंने कहा, "मैं रनों के बार में न सोचते हुए ज्यादा से ज्यादा गेंदें खेलना चाहता था। मैं पूरे दिन बल्लेबाजी करना चाहता था। मैं सेशन दर सेशन मैच को ले रहा था। मैं जब बल्लेबाजी करने आया तो गेंद स्विंग कर रही थी। इसलिए मैं गेंद को अपने शरीर के पास से खेलने की कोशिश कर रहा था।"
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