BCCI ने माना इंदौरी क्रिकेट का दम, देश के कप्तान बने सोहम पटवर्धन
BCCI ने माना इंदौरी क्रिकेट का दम, देश के कप्तान बने सोहम पटवर्धन
क्रिकेट में हरफनमौला बहुत हुए हैं जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करते हैं। मगर कुछ ऐसे दुर्लभ प्रतिभा के धनी हरफनमौला होते हैं जो दोनों हाथ से गेंदबाजी करने में सक्षम होते हैं। इंदौर के सोहम पटवर्धन ऐसे ही खिलाड़ी हैं जिनमें बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट का भविष्य देख रही है। यही कारण है कि सोहम को राष्ट्रीय अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है।
दोनों हाथों से गेंदबाजी करते हैं सोहम।
क्रिकेट में हरफनमौला बहुत हुए हैं, जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करते हैं। मगर कुछ ऐसे दुर्लभ प्रतिभा के धनी हरफनमौला होते हैं जो दोनों हाथ से गेंदबाजी करने में सक्षम होते हैं। इंदौर के सोहम पटवर्धन ऐसे ही खिलाड़ी हैं, जिनमें बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट का भविष्य देख रही है। यही कारण है कि सोहम को राष्ट्रीय अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है।
समित द्रविड़ भी टीम में
सोहम की कप्तानी वाली टीम में पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ भी शामिल हैं। यह टीम भारत दौरे पर आ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम से टक्कर लेगी। सोहम भारतीय जूनियर टीम की कप्तानी करने वाले मप्र के पहले क्रिकेटर हैं जबकि सीके नायडू के बाद राष्ट्रीय कप्तान बनने वाले प्रदेश के दूसरे खिलाड़ी हैं।
टीम की कमान संभाल रहे
भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया टीम तीन वनडे और दो टेस्ट (चार दिवसीय) मैच खेलेगी। सोहम चार दिवसीय मैचों में टीम की कमान संभाल रहे हैं। चार दिवसीय मैच तीन सितंबर से 10 अक्टूबर तक चेन्नई में खेले जाएंगे। सोहम इस समय अहमदाबाद में रिलायंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में मप्र टीम की कप्तानी कर रहे हैं।
सोहम मुख्यत बाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज हैं। जरूरत होने पर दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज के अनुसार वे दोनों हाथों से कभी ऑफ स्पिन तो कभी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। कूच बिहार ट्रॉफी में उन्होंने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को काफी छकाया था।
वीनू मांकड़ में शानदार प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि बाएं हाथ के बल्लेबाज सोहम को बीसीसीआई द्वारा आयोजित वीनू मांकड़ ट्रॉफी में तीन पारियां खेलने को मिली थी, जिसमें उन्होंने 148 और 60 रनों की पारी खेली थी। वहीं कूच बिहार ट्राफी में हरियाणा के खिलाफ 117 रन, राजस्थान के खिलाफ 94 रन और बड़ौदा के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में 43 और 48 रनों की पारी खेली थी। अंडर-23 स्पर्धा में दिल्ली के खिलाफ 90 रनों की पारी खेली थी। कूच बिहार ट्रॉफी में कुल नौ विकेट चटकाए हैं।
क्रिकेट में परिवार की तीसरी पीढ़ी
पिता निखिल रणजी ट्राफी क्रिकेटर रहे हैं। अब बीसीसीआई पैनल अंपायर हैं और आईपीएल में सेवाएं दे रहे हैं। मां रिचा पटवर्धन भी टेबल टेनिस की राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। दादा अशोक पटवर्धन भी मप्र की कप्तानी भी कर चुके हैं। पिता निखिल ने बताया कि कोच देवआशीष निलोसे के साथ ही चंद्रकांत पंडित से उसे लगातार मार्गदर्शन मिलता है। स्पिन गेंदबाजी के गुर नरेंद्र हिरवानी सिखाते हैं, जिससे वह बेहतर हरफनमौला क्रिकेटर के रूप में विकसित हो रहा है।
सोहम पटवर्धन बोले- खरा उतरूंगा
भारतीय टीम से खेलना और कप्तानी करने का मौका मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है। मगर यह सिर्फ शुरुआत है। मुझ पर बीसीसीआई ने जो भरोसा जताया है उसपर खरा उतरने और देश को जिताने का प्रयास करूंगा।
देवआशीष निलोसे की तारीफ
कोच और पूर्व रणजी कप्तान ने कहा सोहम मेहनती खिलाड़ी है। अपनी कमजोरी के बारे में पूछता है और सुधारने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है। उसका स्तर इतना बेहतर है कि संभागीय मैचों में कई दोहरे और तिहरे शतक लगा चुका है। दोनों हाथ से गेंदबाजी का अभ्यास भी इसलिए किया ताकि जरूरत होने कर विपक्षी बल्लेबाजों को उलझा सके। अब वह इसमें भी पारंगत हो चुका है।
क्रिकेट में हरफनमौला बहुत हुए हैं जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करते हैं। मगर कुछ ऐसे दुर्लभ प्रतिभा के धनी हरफनमौला होते हैं जो दोनों हाथ से गेंदबाजी करने में सक्षम होते हैं। इंदौर के सोहम पटवर्धन ऐसे ही खिलाड़ी हैं जिनमें बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट का भविष्य देख रही है। यही कारण है कि सोहम को राष्ट्रीय अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है।
दोनों हाथों से गेंदबाजी करते हैं सोहम।
क्रिकेट में हरफनमौला बहुत हुए हैं, जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करते हैं। मगर कुछ ऐसे दुर्लभ प्रतिभा के धनी हरफनमौला होते हैं जो दोनों हाथ से गेंदबाजी करने में सक्षम होते हैं। इंदौर के सोहम पटवर्धन ऐसे ही खिलाड़ी हैं, जिनमें बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट का भविष्य देख रही है। यही कारण है कि सोहम को राष्ट्रीय अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है।
समित द्रविड़ भी टीम में
सोहम की कप्तानी वाली टीम में पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के बेटे समित द्रविड़ भी शामिल हैं। यह टीम भारत दौरे पर आ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम से टक्कर लेगी। सोहम भारतीय जूनियर टीम की कप्तानी करने वाले मप्र के पहले क्रिकेटर हैं जबकि सीके नायडू के बाद राष्ट्रीय कप्तान बनने वाले प्रदेश के दूसरे खिलाड़ी हैं।
टीम की कमान संभाल रहे
भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया टीम तीन वनडे और दो टेस्ट (चार दिवसीय) मैच खेलेगी। सोहम चार दिवसीय मैचों में टीम की कमान संभाल रहे हैं। चार दिवसीय मैच तीन सितंबर से 10 अक्टूबर तक चेन्नई में खेले जाएंगे। सोहम इस समय अहमदाबाद में रिलायंस ट्रॉफी टूर्नामेंट में मप्र टीम की कप्तानी कर रहे हैं।
सोहम मुख्यत बाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज हैं। जरूरत होने पर दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज के अनुसार वे दोनों हाथों से कभी ऑफ स्पिन तो कभी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। कूच बिहार ट्रॉफी में उन्होंने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को काफी छकाया था।
वीनू मांकड़ में शानदार प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि बाएं हाथ के बल्लेबाज सोहम को बीसीसीआई द्वारा आयोजित वीनू मांकड़ ट्रॉफी में तीन पारियां खेलने को मिली थी, जिसमें उन्होंने 148 और 60 रनों की पारी खेली थी। वहीं कूच बिहार ट्राफी में हरियाणा के खिलाफ 117 रन, राजस्थान के खिलाफ 94 रन और बड़ौदा के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में 43 और 48 रनों की पारी खेली थी। अंडर-23 स्पर्धा में दिल्ली के खिलाफ 90 रनों की पारी खेली थी। कूच बिहार ट्रॉफी में कुल नौ विकेट चटकाए हैं।
क्रिकेट में परिवार की तीसरी पीढ़ी
पिता निखिल रणजी ट्राफी क्रिकेटर रहे हैं। अब बीसीसीआई पैनल अंपायर हैं और आईपीएल में सेवाएं दे रहे हैं। मां रिचा पटवर्धन भी टेबल टेनिस की राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। दादा अशोक पटवर्धन भी मप्र की कप्तानी भी कर चुके हैं। पिता निखिल ने बताया कि कोच देवआशीष निलोसे के साथ ही चंद्रकांत पंडित से उसे लगातार मार्गदर्शन मिलता है। स्पिन गेंदबाजी के गुर नरेंद्र हिरवानी सिखाते हैं, जिससे वह बेहतर हरफनमौला क्रिकेटर के रूप में विकसित हो रहा है।
सोहम पटवर्धन बोले- खरा उतरूंगा
भारतीय टीम से खेलना और कप्तानी करने का मौका मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है। मगर यह सिर्फ शुरुआत है। मुझ पर बीसीसीआई ने जो भरोसा जताया है उसपर खरा उतरने और देश को जिताने का प्रयास करूंगा।
देवआशीष निलोसे की तारीफ
कोच और पूर्व रणजी कप्तान ने कहा सोहम मेहनती खिलाड़ी है। अपनी कमजोरी के बारे में पूछता है और सुधारने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है। उसका स्तर इतना बेहतर है कि संभागीय मैचों में कई दोहरे और तिहरे शतक लगा चुका है। दोनों हाथ से गेंदबाजी का अभ्यास भी इसलिए किया ताकि जरूरत होने कर विपक्षी बल्लेबाजों को उलझा सके। अब वह इसमें भी पारंगत हो चुका है।
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