अंग्रेज अफसर के नाम पर क्यों रखा गया पोर्ट ब्लेयर का नाम? पढ़ें कौन थे Archibald Blair
अंग्रेज अफसर के नाम पर क्यों रखा गया पोर्ट ब्लेयर का नाम? पढ़ें कौन थे Archibald Blair
Port Blair New Name पोर्ट ब्लेयर का नाम आर्चीबाल्ड ब्लेयर (Archibald Blair) के नाम पर रखा गया था। वो ईस्ट इंडिया कंपनी के नौसेना अधिकारी थे। आर्चीबाल्ड ब्लेयर की देखरेख में पोर्ट ब्लेयर को तैयार किया गया था। इस द्वीप को ब्रिटिश मैरिटाइम नेटवर्क का सेंटर बनाया गया। प्रशासनिक और व्यापारिक गतिविधियों पर पोर्ट ब्लेयर से ही नजर रखी जाती थीं।
Port Blair: पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर Sri vijayapuram रखा गया।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) का नाम बदलकर श्री विजयपुरम (Sri vijayapuram) कर दिया गया है। औपनिवेशिक छाप से मुक्त कराने के लिए मोदी सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने का फैसला किया है। आइए जानते हैं कि पोर्ट ब्लेयर का इतिहास क्या है और इस द्वीप का नाम पोर्ट ब्लेयर क्यों पड़ा।
दरअसल, पोर्ट ब्लेयर का नाम आर्चीबाल्ड ब्लेयर (Archibald Blair) के नाम पर रखा गया था। वो ईस्ट इंडिया कंपनी के नौसेना अधिकारी थे। उन्होंने 1789 में चागोस द्वीपसमूह और अंडमान द्वीपसमूह का सर्वेक्षण किया था। इसी वजह से उनके नाम पर ही पोर्ट ब्लेयर द्वीप का नाम रखा गया था।
अंग्रेजों के लिए सबसे महत्वपूर्ण द्वीप था पोर्ट ब्लेयर
आर्चीबाल्ड ब्लेयर की देखरेख में पोर्ट ब्लेयर का कायाकल्प किया गया। इस द्वीप को ब्रिटिश मैरिटाइम नेटवर्क का सेंटर बनाया गया। प्रशासनिक और व्यापारिक गतिविधियों पर पोर्ट ब्लेयर से ही नजर रखी जाती थीं।
एक जमाने में पोर्ट ब्लेयर शहर फिशिंग का हब हुआ करता था। औपनिवेशिक शासन के दौरान अंडमान निकोबार द्वीपसमूह से सुदूर इलाकों पर नजर रखा जाता था। पूर्व बंगाल की खाड़ी पर वर्चस्व बनाने के लिए पोर्ट ब्लेयर को कब्जे में लेना अंग्रेजों के लिए जरूरी था।
इस द्वीप का इतिहास
पोर्ट ब्लेयर में ही सेलुलर जेल मौजूद है, जहां ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर जुल्म ढाए। इस जेल में काला पानी की सजा भी दी जाती थी। जेल पोर्ट ब्लेयर शहर में अटलांटा प्वाइंट पर स्थित है। इस पोर्ट पर एशिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ा आरा मिल है, जिसे चाथम आरा मिल कहा जाता है।
अमित शाह ने नाम बदलने के पीछे क्या है मकसद?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'श्री विजयपुरम' नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम 'श्री विजयपुरम' करने का फैसला लिया है। इस भारतीय द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है।
अमित शाह ने आगे कहा," चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका अदा करने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।"
Port Blair New Name पोर्ट ब्लेयर का नाम आर्चीबाल्ड ब्लेयर (Archibald Blair) के नाम पर रखा गया था। वो ईस्ट इंडिया कंपनी के नौसेना अधिकारी थे। आर्चीबाल्ड ब्लेयर की देखरेख में पोर्ट ब्लेयर को तैयार किया गया था। इस द्वीप को ब्रिटिश मैरिटाइम नेटवर्क का सेंटर बनाया गया। प्रशासनिक और व्यापारिक गतिविधियों पर पोर्ट ब्लेयर से ही नजर रखी जाती थीं।
Port Blair: पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर Sri vijayapuram रखा गया।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) का नाम बदलकर श्री विजयपुरम (Sri vijayapuram) कर दिया गया है। औपनिवेशिक छाप से मुक्त कराने के लिए मोदी सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलने का फैसला किया है। आइए जानते हैं कि पोर्ट ब्लेयर का इतिहास क्या है और इस द्वीप का नाम पोर्ट ब्लेयर क्यों पड़ा।
दरअसल, पोर्ट ब्लेयर का नाम आर्चीबाल्ड ब्लेयर (Archibald Blair) के नाम पर रखा गया था। वो ईस्ट इंडिया कंपनी के नौसेना अधिकारी थे। उन्होंने 1789 में चागोस द्वीपसमूह और अंडमान द्वीपसमूह का सर्वेक्षण किया था। इसी वजह से उनके नाम पर ही पोर्ट ब्लेयर द्वीप का नाम रखा गया था।
अंग्रेजों के लिए सबसे महत्वपूर्ण द्वीप था पोर्ट ब्लेयर
आर्चीबाल्ड ब्लेयर की देखरेख में पोर्ट ब्लेयर का कायाकल्प किया गया। इस द्वीप को ब्रिटिश मैरिटाइम नेटवर्क का सेंटर बनाया गया। प्रशासनिक और व्यापारिक गतिविधियों पर पोर्ट ब्लेयर से ही नजर रखी जाती थीं।
एक जमाने में पोर्ट ब्लेयर शहर फिशिंग का हब हुआ करता था। औपनिवेशिक शासन के दौरान अंडमान निकोबार द्वीपसमूह से सुदूर इलाकों पर नजर रखा जाता था। पूर्व बंगाल की खाड़ी पर वर्चस्व बनाने के लिए पोर्ट ब्लेयर को कब्जे में लेना अंग्रेजों के लिए जरूरी था।
इस द्वीप का इतिहास
पोर्ट ब्लेयर में ही सेलुलर जेल मौजूद है, जहां ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर जुल्म ढाए। इस जेल में काला पानी की सजा भी दी जाती थी। जेल पोर्ट ब्लेयर शहर में अटलांटा प्वाइंट पर स्थित है। इस पोर्ट पर एशिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ा आरा मिल है, जिसे चाथम आरा मिल कहा जाता है।
अमित शाह ने नाम बदलने के पीछे क्या है मकसद?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'श्री विजयपुरम' नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।
शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में कहा कि देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से प्रेरित होकर गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम 'श्री विजयपुरम' करने का फैसला लिया है। इस भारतीय द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है।
अमित शाह ने आगे कहा," चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका अदा करने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है। यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।"
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