6 साल में दोगुनी हो जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था! प्रति व्यक्ति आय का क्या रहेगा हाल?
6 साल में दोगुनी हो जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था! प्रति व्यक्ति आय का क्या रहेगा हाल?
भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेजी से बढ़ रही है। यह 2030 तक दोगुनी हो सकती है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम का कहना है कि भारत का पहले ही काफी महत्व है और 2047 तक वैश्विक मामलों में इसका और भी अधिक महत्व होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए एक मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है।
भारत हर तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो रहा है।
भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक दोगुना हो सकता है। यह बात नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम का। डॉलर के संदर्भ में वर्तमान में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका आकार 3.7 ट्रिलियन डॉलर है।
सुब्रह्मण्यम ने 'पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया' (पीएएफआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जलवायु परिवर्तन भारत के लिए जलवायु प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, 'भारत का पहले ही काफी महत्व है और 2047 तक वैश्विक मामलों में इसका और भी अधिक महत्व होगा।'
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि 2047 तक भारत जनसांख्यिकी दृष्टि से दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक होगा। वह समृद्धि की ओर अग्रसर होगा और अनुमानित प्रति व्यक्ति आय करीब 18,000 से 20,000 डॉलर होगी। उन्होंने कहा, 'यह वृद्धि महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरने की उम्मीद है, जो पिछले दशक में प्राकृतिक आपदाओं और गरीबी जैसी चुनौतियों से निपटने में की गई पर्याप्त प्रगति पर आधारित है।'
इसके अलावा, सुब्रह्मण्यम ने कहा कि हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है और आयोग 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए एक मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, 'हमने एक कार्यबल का गठन किया है और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'
नीति आयोग के सीईओ ने साथ ही कहा कि वैश्वीकरण के लिए सप्लाई चेन में सुधार आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतत: राज्य स्तर पर सुधार तथा सहकारी संघवाद के प्रति प्रतिबद्धता से समावेशी विकास सुनिश्चित होगा, जिससे भारत एक वैश्विक दिग्गज के रूप में उभरेगा और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर होगा।
भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेजी से बढ़ रही है। यह 2030 तक दोगुनी हो सकती है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम का कहना है कि भारत का पहले ही काफी महत्व है और 2047 तक वैश्विक मामलों में इसका और भी अधिक महत्व होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए एक मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है।
भारत हर तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो रहा है।
भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 2030 तक दोगुना हो सकता है। यह बात नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम का। डॉलर के संदर्भ में वर्तमान में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका आकार 3.7 ट्रिलियन डॉलर है।
सुब्रह्मण्यम ने 'पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया' (पीएएफआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जलवायु परिवर्तन भारत के लिए जलवायु प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, 'भारत का पहले ही काफी महत्व है और 2047 तक वैश्विक मामलों में इसका और भी अधिक महत्व होगा।'
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि 2047 तक भारत जनसांख्यिकी दृष्टि से दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक होगा। वह समृद्धि की ओर अग्रसर होगा और अनुमानित प्रति व्यक्ति आय करीब 18,000 से 20,000 डॉलर होगी। उन्होंने कहा, 'यह वृद्धि महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरने की उम्मीद है, जो पिछले दशक में प्राकृतिक आपदाओं और गरीबी जैसी चुनौतियों से निपटने में की गई पर्याप्त प्रगति पर आधारित है।'
इसके अलावा, सुब्रह्मण्यम ने कहा कि हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है और आयोग 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए एक मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, 'हमने एक कार्यबल का गठन किया है और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'
नीति आयोग के सीईओ ने साथ ही कहा कि वैश्वीकरण के लिए सप्लाई चेन में सुधार आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतत: राज्य स्तर पर सुधार तथा सहकारी संघवाद के प्रति प्रतिबद्धता से समावेशी विकास सुनिश्चित होगा, जिससे भारत एक वैश्विक दिग्गज के रूप में उभरेगा और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर होगा।
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