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बेंगलुरु में बच्ची को दुर्लभ बीमारी, पेट से निकला क्रिकेट बॉल के आकार जितना बालों का गुच्छा; डॉक्टर ने बताई वजह

बेंगलुरु में बच्ची को दुर्लभ बीमारी, पेट से निकला क्रिकेट बॉल के आकार जितना बालों का गुच्छा; डॉक्टर ने बताई वजह

Bangaluru girl rare disease डॉक्टरों ने एक 8 साल की बच्ची के पेट से क्रिकेट बॉल जितना बड़ा बालों का गुच्छा निकाला। दरअसल बच्ची को एक दुर्लभ बीमारी है जिससे उसके परिजन भी हैरान हैं। बेंगलुरु के डॉक्टरों ने पाया कि उसे ट्राइकोबेजोअर था। ये ऐसी स्थिति है जो उसके जठरांत्र संबंधी मार्ग में जमा हुए सभी बालों के द्रव्यमान को दर्शाता है। यह अक्सर ट्राइकोफेजिया से जुड़ा होता है।

Bangaluru girl rare disease बालों का गुच्छा निकाला।

 Bangaluru girl rare disease बेंगलुरु से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने एक 8 साल की बच्ची के पेट से क्रिकेट बॉल जितना बड़ा बालों का गुच्छा निकाला। दरअसल, बच्ची को एक दुर्लभ बीमारी है, जिससे उसके परिजन भी हैरान हैं।
शुरुआत में नहीं समझ आई बीमारी

अस्पताल ने बताया कि बच्ची को ट्राइकोफेजिया नामक एक दुर्लभ बीमारी थी। इस बीमारी में इसमें बच्ची को बाल खाने की आदत होती है, जिसे रॅपन्जेल सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। पिछले दो सालों से उसकी भूख न लगने और बार-बार उल्टी होने की समस्या से उसके माता-पिता हैरान थे।

वो उसे बाल रोग विशेषज्ञों, सामान्य चिकित्सकों और ईएनटी विशेषज्ञों सहित कई डॉक्टरों के पास ले गए, ताकि समस्या की पहचान हो सके और उसकी स्थिति का इलाज हो सके। उन्होंने अदिति की स्थिति को गैस्ट्राइटिस बताया और उसके अनुसार गोलियां निर्धारित कीं।
बाल खाने की लग जाती है आदत

हालांकि, बेंगलुरु के डॉक्टरों ने पाया कि उसे ट्राइकोबेजोअर था। ये एक ऐसी स्थिति है जो उसके जठरांत्र संबंधी मार्ग में जमा हुए सभी बालों के द्रव्यमान को दर्शाता है। यह अक्सर ट्राइकोफेजिया से जुड़ा होता है, एक मनोवैज्ञानिक विकार जहां व्यक्ति बाल खाते हैं।

बच्ची की सर्जरी की गई

आमतौर पर यह किशोर लड़कियों में देखा जाता है। डॉ मंजरी सोमशेखर (बाल चिकित्सा सर्जरी) ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि बच्ची की सर्जरी की गई, जिसे लैपरोटॉमी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि बालों का गोला बहुत बड़ा और चिपचिपा था और स्थिति इतनी जटिल थी कि एंडोस्कोपी नहीं की जा सकती थी।

यह विधि, जो कुल ढाई घंटे में की गई थी डॉक्टर ने कहा कि सर्जरी के बाद, उसे विशेष आहार दिया गया और उसकी काउंसलिंग की गई तथा नियमित निगरानी की गई।
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