केंद्र ने बंगाल सरकार पर उठाए सवाल, कहा- सात हजार की भीड़ बिना जानकारी के नहीं घुस सकती
केंद्र ने बंगाल सरकार पर उठाए सवाल, कहा- सात हजार की भीड़ बिना जानकारी के नहीं घुस सकती
कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार और बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने दिखीं। केंद्र सरकार और सीबीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने डॉक्टर से दरिंदगी की घटना की जांच और उपद्रवी भीड़ के अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ करने को लेकर बंगाल की ममता सरकार पर सवाल उठाया। बंगाल सरकार की पैरोकारी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे है।
केंद्र सरकार और सीबीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने डॉक्टर से दरिंदगी की घटना की जांच और उपद्रवी भीड़ के अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ करने को लेकर बंगाल की ममता सरकार पर सवाल उठाया। मेहता ने कहा कि 7,000 लोग बिना जानकारी के नहीं एकत्र हो सकते। राज्य सरकार को इस तरह इनकार की मुद्रा में (डिनायल मोड) में नहीं रहना चाहिए एक लड़की की जान गई है।
बंगाल पुलिस पर उठे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने भी बंगाल सरकार की पैरोकारी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से सवाल किया कि सरकार इस तथ्य से कैसे अनभिज्ञ रह सकती है कि कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों के विरुद्ध होंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार के केस से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए। कहा कि यह संविधान और व्यक्तिगत गरिमा दोनों के विरुद्ध है। घटना की एफआइआर रात में 11.45 पर दर्ज हुई।
मेहता ने बंगाल सरकार द्वारा कोर्ट को दिए गए दस्तावेज सीबीआइ के पैरोकार के रूप में उन्हें भी दिए जाने की मांग की, लेकिन कपिल सिब्बल ने उन्हें कागजात की प्रति नहीं दी। सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ को केस डायरी सौंपी जा चुकी है और जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज कोर्ट को दिखाए जा रहे हैं, वे सब उस केस डायरी का हिस्सा हैं।
राज्य सरकार छिपा-छिपाई का खेल खेल रही
मेहता ने कहा कि जब वह हलफनामा दाखिल करेंगे तो कोर्ट को बताएंगे कि उन्हें राज्य सरकार ने क्या दस्तावेज सौंपे हैं। मेहता ने कहा कि जब सीबीआइ मामले की जांच कर रही है तो उसे सारे दस्तावेज दिए जाने चाहिए। राज्य सरकार सीबीआइ से कैसे छिपा सकती है। राज्य सरकार छिपा-छिपाई का खेल खेल रही है।
डाक्टरों के संगठन की ओर से पेश वकील ने प्रदर्शन कर रहे डाक्टरों को धमकी मिलने की भी शिकायत की और पुलिस को भेजे गए एक ई-मेल को भी कोर्ट को दिखाया। भीड़ के उपद्रव के वक्त पुलिस के भाग जाने की बात बताई। जिस पर कोर्ट ने बंगाल सरकार से सवाल किया कि पुलिस वहां से कैसे भाग सकती है।
आरजी कर अस्पताल में सीआइएसएफ की सुरक्षा के आदेश
कोर्ट को बताया गया कि 90 प्रतिशत डॉक्टर भीड़ के हमले के बाद हास्टल छोड़ कर चले गए हैं। कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि यह बहुत गंभीर बात है। उसके बाद कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में सीआइएसएफ की सुरक्षा के आदेश दिये। कोर्ट कोलकाता की घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है।
कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार और बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने दिखीं। केंद्र सरकार और सीबीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने डॉक्टर से दरिंदगी की घटना की जांच और उपद्रवी भीड़ के अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ करने को लेकर बंगाल की ममता सरकार पर सवाल उठाया। बंगाल सरकार की पैरोकारी वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे है।
कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार और बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने दिखीं। एक ओर तो दोनों ओर से पैरोकारी कर रहे वकीलों ने मामले पर राजनीति नहीं करने की बात कही गई, लेकिन पूरी सुनवाई के दौरान एक दूसरे पर निशाना साधते रहे।
केंद्र सरकार और सीबीआइ की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने डॉक्टर से दरिंदगी की घटना की जांच और उपद्रवी भीड़ के अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ करने को लेकर बंगाल की ममता सरकार पर सवाल उठाया। मेहता ने कहा कि 7,000 लोग बिना जानकारी के नहीं एकत्र हो सकते। राज्य सरकार को इस तरह इनकार की मुद्रा में (डिनायल मोड) में नहीं रहना चाहिए एक लड़की की जान गई है।
बंगाल पुलिस पर उठे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने भी बंगाल सरकार की पैरोकारी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से सवाल किया कि सरकार इस तथ्य से कैसे अनभिज्ञ रह सकती है कि कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों के विरुद्ध होंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार के केस से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए। कहा कि यह संविधान और व्यक्तिगत गरिमा दोनों के विरुद्ध है। घटना की एफआइआर रात में 11.45 पर दर्ज हुई।
मेहता ने बंगाल सरकार द्वारा कोर्ट को दिए गए दस्तावेज सीबीआइ के पैरोकार के रूप में उन्हें भी दिए जाने की मांग की, लेकिन कपिल सिब्बल ने उन्हें कागजात की प्रति नहीं दी। सिब्बल ने कहा कि सीबीआइ को केस डायरी सौंपी जा चुकी है और जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज कोर्ट को दिखाए जा रहे हैं, वे सब उस केस डायरी का हिस्सा हैं।
राज्य सरकार छिपा-छिपाई का खेल खेल रही
मेहता ने कहा कि जब वह हलफनामा दाखिल करेंगे तो कोर्ट को बताएंगे कि उन्हें राज्य सरकार ने क्या दस्तावेज सौंपे हैं। मेहता ने कहा कि जब सीबीआइ मामले की जांच कर रही है तो उसे सारे दस्तावेज दिए जाने चाहिए। राज्य सरकार सीबीआइ से कैसे छिपा सकती है। राज्य सरकार छिपा-छिपाई का खेल खेल रही है।
डाक्टरों के संगठन की ओर से पेश वकील ने प्रदर्शन कर रहे डाक्टरों को धमकी मिलने की भी शिकायत की और पुलिस को भेजे गए एक ई-मेल को भी कोर्ट को दिखाया। भीड़ के उपद्रव के वक्त पुलिस के भाग जाने की बात बताई। जिस पर कोर्ट ने बंगाल सरकार से सवाल किया कि पुलिस वहां से कैसे भाग सकती है।
आरजी कर अस्पताल में सीआइएसएफ की सुरक्षा के आदेश
कोर्ट को बताया गया कि 90 प्रतिशत डॉक्टर भीड़ के हमले के बाद हास्टल छोड़ कर चले गए हैं। कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि यह बहुत गंभीर बात है। उसके बाद कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में सीआइएसएफ की सुरक्षा के आदेश दिये। कोर्ट कोलकाता की घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है।
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