खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने की सिफारिश, 60 प्रतिशत तक निर्भरता आयात पर
खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने की सिफारिश, 60 प्रतिशत तक निर्भरता आयात पर
खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने या इस आयात को कम करने पर हमारा आयात बिल भी कम हो जाएगा। गत वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने खाद्य तेल के आयात पर 123078 करोड़ रुपये खर्च किए। नीति आयोग के मुताबिक भारत में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत अभी 19.7 किलोग्राम प्रतिवर्ष है जबकि विकसित देशों में प्रति व्यक्ति यह खपत 25.3 किलोग्राम की है।
खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने या इस आयात को कम करने पर हमारा आयात बिल भी कम हो जाएगा। गत वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने खाद्य तेल के आयात पर 123078 करोड़ रुपये खर्च किए। नीति आयोग के मुताबिक भारत में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत अभी 19.7 किलोग्राम प्रतिवर्ष है जबकि विकसित देशों में प्रति व्यक्ति यह खपत 25.3 किलोग्राम की है।
घरेलू उत्पादन नहीं बढ़ाया गया तो वर्ष 2030 तक हमें 220 लाख टन आयात करना पड़ सकता है।
नीति आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने के लिए तिलहन की खरीदारी हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करना, खाद्य तेल के आयात पर शुल्क में बढ़ोतरी, तिलहन के उत्पादन के लिए क्षेत्रफल को बढ़ाना और तिलहन के बीज की उपलब्धता के लिए हर ब्लाक में एक गांव को तिलहन के बीज वाले गांव के रूप में विकसित करने जैसी कई सिफारिश की है।
आयोग ने फूड इंडस्ट्रीज को घरेलू खाद्य तेल के इस्तेमाल पर इंसेंटिव देने के साथ तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी सेक्टर के साथ सहभागिता की भी सिफारिश की है। आयोग की यह सिफारिश इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि पिछले 20 सालों से भारत खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए संघर्षरत है, लेकिन आयात कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वर्ष 2022-23 में भारत ने 165 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था। घरेलू स्तर पर खाद्य तेल के होने वाले उत्पादन से सिर्फ 40-45 प्रतिशत जरूरतें पूरी हो पाती है।
नीति आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने के लिए तिलहन की खरीदारी हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करना, खाद्य तेल के आयात पर शुल्क में बढ़ोतरी, तिलहन के उत्पादन के लिए क्षेत्रफल को बढ़ाना और तिलहन के बीज की उपलब्धता के लिए हर ब्लाक में एक गांव को तिलहन के बीज वाले गांव के रूप में विकसित करने जैसी कई सिफारिश की है।
आयोग ने फूड इंडस्ट्रीज को घरेलू खाद्य तेल के इस्तेमाल पर इंसेंटिव देने के साथ तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी सेक्टर के साथ सहभागिता की भी सिफारिश की है। आयोग की यह सिफारिश इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि पिछले 20 सालों से भारत खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए संघर्षरत है, लेकिन आयात कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वर्ष 2022-23 में भारत ने 165 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था। घरेलू स्तर पर खाद्य तेल के होने वाले उत्पादन से सिर्फ 40-45 प्रतिशत जरूरतें पूरी हो पाती है।
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