सुपर-30 के आनंद कुमार बने कोरियाई पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर, सियोल में हुआ जोरदार स्वागत
सुपर-30 के आनंद कुमार बने कोरियाई पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर, सियोल में हुआ जोरदार स्वागत
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को दक्षिण कोरिया में कोरियाई पर्यटन का मानद राजदूत नामित किया गया है। कोरिया पर्यटन संगठन के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली ने आनंद कुमार को शपथ दिलाई।कोरिया में हुए कार्यक्रम में आनंद कुमार की किताब सुपर 30 पर चर्चा हुई। इस किताब का अनुवाद कोरियाई भाषा में किया गया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् और छात्र जुटे।
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को दक्षिण कोरिया में कोरियाई पर्यटन का मानद राजदूत नामित किया गया है। कोरिया पर्यटन संगठन के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली ने आनंद कुमार को शपथ दिलाई।कोरिया में हुए कार्यक्रम में आनंद कुमार की किताब सुपर 30 पर चर्चा हुई। इस किताब का अनुवाद कोरियाई भाषा में किया गया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् और छात्र जुटे।
सुपर-30 के आनंद कुमार बने कोरियाई पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को दक्षिण कोरिया में कोरियाई पर्यटन का मानद राजदूत नामित किया गया है। आनंद कुमार का कोरिया में जोरदार स्वागत किया गया और कोरिया पर्यटन संगठन (केटीओ) के मुख्यालय सेग्ये-आरओ, वोनजू-सी में एक समारोह के दौरान उनको शपथ दिलाई। केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली ने आनंद कुमार को शपथ दिलाई।
भारत और कोरिया में आनंद कुमार की काफी लोकप्रियता
इस अवसर पर बोलते हुए, ली ने कहा कि आनंद कुमार ने समाज के वंचित वर्गों के छात्रों के लिए काफी काम किया है। इसलिए भारत और कोरिया में उनकी काफी लोकप्रियता है। आगे उन्होंने कहा कि आनंद कुमार के अच्छे कार्यों की बदौलत उन्हें कोरियाई पर्यटन के लिए ब्रांड एंबेसडर चुना गया।
केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली आगे कहा कि इसका उद्देश्य इस अवसर का उपयोग भारत और कोरिया के युवाओं को एक-दूसरे को जानने, एक-दूसरे की संस्कृति, शिक्षा और बहुत कुछ समझने के लिए दोनों देशों के विकास और समृद्धि में भागीदार बनाने में एक दूसरे के संपर्क को बढ़ाना है।
युवाओं की प्रतिक्रिया जबरदस्त दिखाई दी
कोरिया में हुए कार्यक्रम में आनंद कुमार की किताब सुपर 30 पर चर्चा हुई। इस किताब का अनुवाद कोरियाई भाषा में किया गया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् और छात्र जुटे। लोगों को संबोधित करते हुए आनंद कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में युवाओं की प्रतिक्रिया जबरदस्त दिखाई दी और इससे उन्हें भारत में होने का एहसास हुआ।
इस पल को लंबे समय तक याद रखूंगा- आनंद कुमार
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि सुपर 30 कोरिया में इतनी लोकप्रिय है और इतने सारे लोगों ने यह किताब पढ़ी है। उन्होंने कहा कि मैं इस पल को लंबे समय तक याद रखूंगा। उन्होंने कहा कि वह सार्थक तरीके से योगदान करने के लिए केटीओ के अवसर की प्रतीक्षा करेंगे, क्योंकि भारत और कोरिया दोनों देशों में दोनों देशों के युवाओं के लिए सीखने और आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ है।
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को दक्षिण कोरिया में कोरियाई पर्यटन का मानद राजदूत नामित किया गया है। आनंद कुमार का कोरिया में जोरदार स्वागत किया गया और कोरिया पर्यटन संगठन (केटीओ) के मुख्यालय सेग्ये-आरओ, वोनजू-सी में एक समारोह के दौरान उनको शपथ दिलाई। केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली ने आनंद कुमार को शपथ दिलाई।
भारत और कोरिया में आनंद कुमार की काफी लोकप्रियता
इस अवसर पर बोलते हुए, ली ने कहा कि आनंद कुमार ने समाज के वंचित वर्गों के छात्रों के लिए काफी काम किया है। इसलिए भारत और कोरिया में उनकी काफी लोकप्रियता है। आगे उन्होंने कहा कि आनंद कुमार के अच्छे कार्यों की बदौलत उन्हें कोरियाई पर्यटन के लिए ब्रांड एंबेसडर चुना गया।
केटीओ के कार्यकारी उपाध्यक्ष हक्जू ली आगे कहा कि इसका उद्देश्य इस अवसर का उपयोग भारत और कोरिया के युवाओं को एक-दूसरे को जानने, एक-दूसरे की संस्कृति, शिक्षा और बहुत कुछ समझने के लिए दोनों देशों के विकास और समृद्धि में भागीदार बनाने में एक दूसरे के संपर्क को बढ़ाना है।
युवाओं की प्रतिक्रिया जबरदस्त दिखाई दी
कोरिया में हुए कार्यक्रम में आनंद कुमार की किताब सुपर 30 पर चर्चा हुई। इस किताब का अनुवाद कोरियाई भाषा में किया गया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् और छात्र जुटे। लोगों को संबोधित करते हुए आनंद कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में युवाओं की प्रतिक्रिया जबरदस्त दिखाई दी और इससे उन्हें भारत में होने का एहसास हुआ।
इस पल को लंबे समय तक याद रखूंगा- आनंद कुमार
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि सुपर 30 कोरिया में इतनी लोकप्रिय है और इतने सारे लोगों ने यह किताब पढ़ी है। उन्होंने कहा कि मैं इस पल को लंबे समय तक याद रखूंगा। उन्होंने कहा कि वह सार्थक तरीके से योगदान करने के लिए केटीओ के अवसर की प्रतीक्षा करेंगे, क्योंकि भारत और कोरिया दोनों देशों में दोनों देशों के युवाओं के लिए सीखने और आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ है।
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