20 साल से जिसे खोज रही थी CBI वो निकला आध्यात्मिक गुरु, विदेश भागने से पहले दबोचा; कर चुका कई बड़े कांड
20 साल से जिसे खोज रही थी CBI वो निकला आध्यात्मिक गुरु, विदेश भागने से पहले दबोचा; कर चुका कई बड़े कांड
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई को 20 साल से एक शख्स की तलाश थी। मगर छद्मनामों के माध्यम से शातिर सीबीआई जैसी एजेंसी को चकमा दे रहा था। आरोपी विदेश भी भागने वाला था। उसने बचने के लिए कई आधार कार्ड भी बनवाए। मगर अब सीबीआई ने उसे तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम वी चलपति राव है।
![](https://www.jagran.com/_next/image?url=https%3A%2F%2Fwww.jagranimages.com%2Fimages%2Fnewimg%2F06082024%2F06_08_2024-cbi_23772780_m.webp&w=1920&q=75)
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई को 20 साल से एक शख्स की तलाश थी। मगर छद्मनामों के माध्यम से शातिर सीबीआई जैसी एजेंसी को चकमा दे रहा था। आरोपी विदेश भी भागने वाला था। उसने बचने के लिए कई आधार कार्ड भी बनवाए। मगर अब सीबीआई ने उसे तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम वी चलपति राव है।
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20 साल बाद सीबीआई को ठग को पकड़ने में मिली कामयाबी।
सीबीआई ने कानून के साथ 20 साल तक आंख मिचौली का खेल खेलने वाले एक ठग को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। ठग ने सीबीआई को चकमा देने के लिए विभिन्न छद्म नामों का उपयोग किया। उसे तमिलनाडु के एक गांव से गिरफ्तार किया गया। वहां वह आध्यात्मिक गुरु के रूप में रह रहा था।
विदेश भागने वाला था आरोपित
आरोपित का नाम वी चलपति राव है। उसने कानून से बचने के लिए कई आधार कार्ड बनवाए, कई राज्यों में रहा और कंप्यूटर ऑपरेटर और ऋण वसूली एजेंट के रूप में नौकरी की। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि राव को रविवार को तिरुनेलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से गिरफ्तार किया गया। वह विदेश भागने वाला था।
इस मामले में थी सीबीआई को तलाश
सीबीआई ने एक मई 2002 को राव के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वह उस समय हैदराबाद में भारतीय स्टेट बैंक की चंदूलाल बिरादरी शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा था। आरोप है कि उसने फर्जी कोटेशन का उपयोग कर बैंक से 50 लाख रुपये निकाल लिए थे।
फर्जी आधार कार्ड बनवा दोबारी की शादी
अधिकारियों ने कहा कि उसने एम विनीत कुमार के नाम से आधार कार्ड बनवाया और दोबारा शादी कर ली। उसकी पहली पत्नी भी धोखाधड़ी के मामले में आरोपित है। राव इस दौरान उत्तराखंड में भी रहा। राव ने दिसंबर 2021 में भरतपुर (राजस्थान) से भागने से पहले 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। वह वहीं शरण लिए हुए था।
सीबीआई ने कानून के साथ 20 साल तक आंख मिचौली का खेल खेलने वाले एक ठग को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है। ठग ने सीबीआई को चकमा देने के लिए विभिन्न छद्म नामों का उपयोग किया। उसे तमिलनाडु के एक गांव से गिरफ्तार किया गया। वहां वह आध्यात्मिक गुरु के रूप में रह रहा था।
विदेश भागने वाला था आरोपित
आरोपित का नाम वी चलपति राव है। उसने कानून से बचने के लिए कई आधार कार्ड बनवाए, कई राज्यों में रहा और कंप्यूटर ऑपरेटर और ऋण वसूली एजेंट के रूप में नौकरी की। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि राव को रविवार को तिरुनेलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से गिरफ्तार किया गया। वह विदेश भागने वाला था।
इस मामले में थी सीबीआई को तलाश
सीबीआई ने एक मई 2002 को राव के खिलाफ मामला दर्ज किया था। वह उस समय हैदराबाद में भारतीय स्टेट बैंक की चंदूलाल बिरादरी शाखा में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा था। आरोप है कि उसने फर्जी कोटेशन का उपयोग कर बैंक से 50 लाख रुपये निकाल लिए थे।
फर्जी आधार कार्ड बनवा दोबारी की शादी
अधिकारियों ने कहा कि उसने एम विनीत कुमार के नाम से आधार कार्ड बनवाया और दोबारा शादी कर ली। उसकी पहली पत्नी भी धोखाधड़ी के मामले में आरोपित है। राव इस दौरान उत्तराखंड में भी रहा। राव ने दिसंबर 2021 में भरतपुर (राजस्थान) से भागने से पहले 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। वह वहीं शरण लिए हुए था।
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