'मुझे अलग केबिन, कार और फ्लैट दो...', ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाकर चर्चा में आई; कौन हैं नखरेबाज ट्रेनी IAS पूजा खेडकर
मुझे अलग केबिन, कार और फ्लैट दो...', ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाकर चर्चा में आई; कौन हैं नखरेबाज ट्रेनी IAS पूजा खेडकर
Who is trainee IAS Pooja Khedkar महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर काफी चर्चा में हैं। एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में अधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर पूजा विवाद में आ गई थीं। अब पूजा को महाराष्ट्र के पूणे से वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है। खेडकर अब 30 जुलाई 2025 तक अपना शेष कार्यकाल वाशिम में पूरा करेंगी।
Trainee IAS Pooja Khedkar महाराष्ट्र की विवादित ट्रेनी IAS पूजा।
HIGHLIGHTSअधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS।
लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली निजी ऑडी कार के इस्तेमाल को लेकर चर्चा में आई।
महाराष्ट्र की एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी आजकल काफी चर्चा में है। ये अधिकारी पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर हैं। हालांकि, अब पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar ) को महाराष्ट्र के वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है।
विवाद के बाद हुआ ट्रांसफर
पूजा खेडकर का सरकार ने ट्रांसफर कर दिया है, क्योंकि वह एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में अधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवाद के आ गई थीं। सरकारी आदेश के अनुसार, पूजा खेडकर अब 30 जुलाई 2025 तक अपना शेष कार्यकाल वाशिम में पूरा करेंगी।
कौन हैं पूजा खेडकरपूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो पूजा ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी।
पूजा खेडकर उस समय चर्चा में आई जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया।
इससे भी ज्यादा विवाद तब हुआ जब उन्होंने प्रशासन से ऐसी सुविधाओं की मांग की जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं। पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे की सामान्य प्रशासन विभाग को दी गई रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही पूजा ने अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की। हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया।
खेडकर के पिता भी सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने ही कथित तौर पर जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डालकर ये मांगे पूरी करने को कहा था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए भी कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र पेश किया था। इसी के साथ उसने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था।
अप्रैल 2022 में पूजा खेडकर को अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए दिल्ली के एम्स में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने कोरोना होने का दावा करते हुए ऐसा नहीं किया।
Who is trainee IAS Pooja Khedkar महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर काफी चर्चा में हैं। एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में अधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर पूजा विवाद में आ गई थीं। अब पूजा को महाराष्ट्र के पूणे से वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है। खेडकर अब 30 जुलाई 2025 तक अपना शेष कार्यकाल वाशिम में पूरा करेंगी।
Trainee IAS Pooja Khedkar महाराष्ट्र की विवादित ट्रेनी IAS पूजा।
HIGHLIGHTSअधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवादों में महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS।
लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली निजी ऑडी कार के इस्तेमाल को लेकर चर्चा में आई।
महाराष्ट्र की एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी आजकल काफी चर्चा में है। ये अधिकारी पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर हैं। हालांकि, अब पूजा (Trainee IAS Pooja Khedkar ) को महाराष्ट्र के वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है।
विवाद के बाद हुआ ट्रांसफर
पूजा खेडकर का सरकार ने ट्रांसफर कर दिया है, क्योंकि वह एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में अधिकारों के कथित दुरुपयोग को लेकर विवाद के आ गई थीं। सरकारी आदेश के अनुसार, पूजा खेडकर अब 30 जुलाई 2025 तक अपना शेष कार्यकाल वाशिम में पूरा करेंगी।
कौन हैं पूजा खेडकरपूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो पूजा ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी।
पूजा खेडकर उस समय चर्चा में आई जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया।
इससे भी ज्यादा विवाद तब हुआ जब उन्होंने प्रशासन से ऐसी सुविधाओं की मांग की जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं। पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे की सामान्य प्रशासन विभाग को दी गई रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही पूजा ने अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की। हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया।
खेडकर के पिता भी सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने ही कथित तौर पर जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डालकर ये मांगे पूरी करने को कहा था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए भी कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र पेश किया था। इसी के साथ उसने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था।
अप्रैल 2022 में पूजा खेडकर को अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए दिल्ली के एम्स में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने कोरोना होने का दावा करते हुए ऐसा नहीं किया।
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