'हुस्न है सुहाना' की शूटिंग करते वक्त रोने लगी थीं करिश्मा कपूर, गोविंदा के साथ काम करने का शेयर किया एक्सपीरियंस
'हुस्न है सुहाना' की शूटिंग करते वक्त रोने लगी थीं करिश्मा कपूर, गोविंदा के साथ काम करने का शेयर किया एक्सपीरियंस
एक्ट्रेस करिश्मा कपूर (Karisma Kapoor) 90 के दशक की हिट अभिनेत्री रही हैं। उनकी लगभग हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। उन्होंने गोविंदा सलमान खान अजय देवगन शाह रुख खान जैसे कई सुपरस्टार्स के साथ काम किया। शादी के बाद करिश्मा ने फिल्मी दुनिया में काम करना कम कर दिया। ऐसा क्यों किया एक्ट्रेस ने इसका खुलासा किया है।
एक्ट्रेस करिश्मा कपूर (Karisma Kapoor) 90 के दशक की हिट अभिनेत्री रही हैं। उनकी लगभग हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई। उन्होंने गोविंदा सलमान खान अजय देवगन शाह रुख खान जैसे कई सुपरस्टार्स के साथ काम किया। शादी के बाद करिश्मा ने फिल्मी दुनिया में काम करना कम कर दिया। ऐसा क्यों किया एक्ट्रेस ने इसका खुलासा किया है।
डांस रियलिटी शो ‘इंडियाज बेस्ट डांसर’ के चौथे सीजन से अभिनेत्री करिश्मा कपूर टीवी की दुनिया में वापसी कर रही हैं। कभी सिनेमा जगत की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में से एक रहीं करिश्मा अपने पेशेवर जीवन की दूसरी पारी में भले ही धीमी गति से बढ़ रही हैं लेकिन दिशा सही है। करिश्मा से उनके डांस और अभिनय सफर से जुड़े तमाम पहलुओं पर दीपेश पांडेय की बातचीत के अंश...
आपको प्रभावित करने के लिए प्रतिभागियों को किन पैमानों पर खरा उतरना होगा?
इस बार शो में कुछ अलग ही रोमांच आने वाला है। डांस सिर्फ एक्शन नहीं है, उसमें भावनाएं भी रहनी चाहिए, आपको दर्शकों से जुड़ाव भी रखना है। ये चीजें बहुत जरूरी है। जैसे फिल्मों में मैं और गोविंदा डांस करते थे, तो दर्शकों को अच्छा लगता था क्योंकि उसमें सिर्फ डांस स्टेप ही नहीं शामिल थे, उसमें भावनाएं और गर्मजोशी भी होती थी। आलराउंडर बनने के लिए किसी भी प्रतिभागी में यह सारी चीजें जरूरी हैं।
आपके पिता नहीं चाहते थे आप अभिनेत्री बनें, ऐसे में पहली डांस परफार्मेंस कहां और कब दी थी?
मुझे बचपन से ही डांस का बहुत शौक था। मैं तैराक थी और मुझे डांस भी बहुत अच्छा लगता था। स्कूल में तो मैं हर नाटक और समारोह में परफार्म करती थी। मेरा वही शौक स्क्रीन पर आ गया। कैमरे के सामने सबसे पहले अपनी पहली फिल्म ‘प्रेम कैदी’ के लिए डांस किया था। एक्टिंग में भावों की अभिव्यक्ति के साथ ही संवाद बोलने होते हैं,पर हमारी इंडस्ट्री में डांस कौशल भी अहम है। जो मेरे लिए सोने पर सुहागा जैसे था।
फिल्म के सेट पर डांस के मामले में सबसे चुनौतीपूर्ण पल क्या रहे?
जब मैंने पहली बार गोविंदा के साथ फिल्म ‘मुकाबला’ के लिए डांस नंबर किया था, तब मैं बहुत नर्वस थी। उसके बाद फिल्म ‘कुली नं 1’ के लिए जब मेरा पसंदीदा गाना ‘हुस्न है सुहाना’ शूट हुआ, तो उसकी शूटिंग के दौरान भी मैं बहुत नर्वस थी। वो आइटम नंबर था, जिसमें मुझे गोविंदा (Govinda) के साथ डांस करना था। मैं स्वयं उनकी प्रशंसक थी, तो मेरे लिए वह बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वह मेरे लिए स्वयं को साबित करने का भी मौका था। मुझे याद है कि हैदराबाद में इस गीत की शूटिंग के आखिरी दिन मैं खुशी से रोई भी थी।
‘मेंटलहुड’ के बाद आपकी दूसरी पारी धीमी लग रही है, क्या यह सोची-समझी रणनीति है?
मैं अपने हिसाब से चलती हूं। ‘मेंटलहुड’ आने के बाद कोरोना महामारी आ गई। उसके बाद मैंने ‘ब्राउन’ वेब सीरीज की, यह बहुत दिलचस्प शो है, जिसे बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित भी किया गया था। मुझे पसंद है कि मैं अपनी ही गति से चलूं। इंडस्ट्री में मुझे इतने वर्ष हो गए, तो यह मेरा निर्णय था कि मुझे कम काम करना है।
आप ‘जुबैदा’ और ‘फिजा’ जैसी सशक्त स्त्री पात्रों वाली फिल्मों का हिस्सा रही हैं...
हम ‘मदर इंडिया’ के समय में ही देखें, तब भी अभिनेत्रियां शीर्षक भूमिकाएं निभा रही थीं। मैं बस यही कहूंगी कि मैं भाग्यशाली रही कि मेरे करियर में मुझे ‘फिजा’, ‘शक्ति’ और ‘बीवी नंबर 1’ जैसी फिल्में करने के अवसर मिले। यहां तक कि ‘बीवी नं 1’ में तो कमर्शियल दृष्टिकोण से मैं शीर्षक भूमिका में थी। मैं उस समय में भी ऐसी फिल्में स्वीकार करने के लिए दर्शकों का धन्यवाद कहूंगी।
हाल ही में ‘हसीना मान जाएगी’ ने 25 वर्ष पूरे किए, इस फिल्म से जुड़ी क्या यादें हैं?
फिल्मकार डेविड धवन पर मुझे पूरा भरोसा था। जब मैं उनसे पूछती थी कि आप मुझे अच्छा रोल तो देंगे न, तो वह कहते थे कि तुम चिंता मत करो और बस मैं फिल्म कर लेती थी। गोविंदा और संजय दत्त के साथ काम करके बहुत मजा आया। तब मुझे बबल गम खाने का बहुत शौक था, मैं सेट पर भी बबल गम खाती रहती थी। वो आदत मैंने उस फिल्म के अपने पात्र में जोड़ दी। मेरी पात्र ऋतु बबल गम चबाकर उसे बड़ा सा फुलाती थी। मेरे अंदर तो बड़ा सा बबल गम फुलाने की स्किल थी। हमने इसे फाइट सीक्वेंस में भी डाल दिया था, जो दर्शकों को बहुत अच्छा लगा था।
आपको प्रभावित करने के लिए प्रतिभागियों को किन पैमानों पर खरा उतरना होगा?
इस बार शो में कुछ अलग ही रोमांच आने वाला है। डांस सिर्फ एक्शन नहीं है, उसमें भावनाएं भी रहनी चाहिए, आपको दर्शकों से जुड़ाव भी रखना है। ये चीजें बहुत जरूरी है। जैसे फिल्मों में मैं और गोविंदा डांस करते थे, तो दर्शकों को अच्छा लगता था क्योंकि उसमें सिर्फ डांस स्टेप ही नहीं शामिल थे, उसमें भावनाएं और गर्मजोशी भी होती थी। आलराउंडर बनने के लिए किसी भी प्रतिभागी में यह सारी चीजें जरूरी हैं।
आपके पिता नहीं चाहते थे आप अभिनेत्री बनें, ऐसे में पहली डांस परफार्मेंस कहां और कब दी थी?
मुझे बचपन से ही डांस का बहुत शौक था। मैं तैराक थी और मुझे डांस भी बहुत अच्छा लगता था। स्कूल में तो मैं हर नाटक और समारोह में परफार्म करती थी। मेरा वही शौक स्क्रीन पर आ गया। कैमरे के सामने सबसे पहले अपनी पहली फिल्म ‘प्रेम कैदी’ के लिए डांस किया था। एक्टिंग में भावों की अभिव्यक्ति के साथ ही संवाद बोलने होते हैं,पर हमारी इंडस्ट्री में डांस कौशल भी अहम है। जो मेरे लिए सोने पर सुहागा जैसे था।
फिल्म के सेट पर डांस के मामले में सबसे चुनौतीपूर्ण पल क्या रहे?
जब मैंने पहली बार गोविंदा के साथ फिल्म ‘मुकाबला’ के लिए डांस नंबर किया था, तब मैं बहुत नर्वस थी। उसके बाद फिल्म ‘कुली नं 1’ के लिए जब मेरा पसंदीदा गाना ‘हुस्न है सुहाना’ शूट हुआ, तो उसकी शूटिंग के दौरान भी मैं बहुत नर्वस थी। वो आइटम नंबर था, जिसमें मुझे गोविंदा (Govinda) के साथ डांस करना था। मैं स्वयं उनकी प्रशंसक थी, तो मेरे लिए वह बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वह मेरे लिए स्वयं को साबित करने का भी मौका था। मुझे याद है कि हैदराबाद में इस गीत की शूटिंग के आखिरी दिन मैं खुशी से रोई भी थी।
‘मेंटलहुड’ के बाद आपकी दूसरी पारी धीमी लग रही है, क्या यह सोची-समझी रणनीति है?
मैं अपने हिसाब से चलती हूं। ‘मेंटलहुड’ आने के बाद कोरोना महामारी आ गई। उसके बाद मैंने ‘ब्राउन’ वेब सीरीज की, यह बहुत दिलचस्प शो है, जिसे बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित भी किया गया था। मुझे पसंद है कि मैं अपनी ही गति से चलूं। इंडस्ट्री में मुझे इतने वर्ष हो गए, तो यह मेरा निर्णय था कि मुझे कम काम करना है।
आप ‘जुबैदा’ और ‘फिजा’ जैसी सशक्त स्त्री पात्रों वाली फिल्मों का हिस्सा रही हैं...
हम ‘मदर इंडिया’ के समय में ही देखें, तब भी अभिनेत्रियां शीर्षक भूमिकाएं निभा रही थीं। मैं बस यही कहूंगी कि मैं भाग्यशाली रही कि मेरे करियर में मुझे ‘फिजा’, ‘शक्ति’ और ‘बीवी नंबर 1’ जैसी फिल्में करने के अवसर मिले। यहां तक कि ‘बीवी नं 1’ में तो कमर्शियल दृष्टिकोण से मैं शीर्षक भूमिका में थी। मैं उस समय में भी ऐसी फिल्में स्वीकार करने के लिए दर्शकों का धन्यवाद कहूंगी।
हाल ही में ‘हसीना मान जाएगी’ ने 25 वर्ष पूरे किए, इस फिल्म से जुड़ी क्या यादें हैं?
फिल्मकार डेविड धवन पर मुझे पूरा भरोसा था। जब मैं उनसे पूछती थी कि आप मुझे अच्छा रोल तो देंगे न, तो वह कहते थे कि तुम चिंता मत करो और बस मैं फिल्म कर लेती थी। गोविंदा और संजय दत्त के साथ काम करके बहुत मजा आया। तब मुझे बबल गम खाने का बहुत शौक था, मैं सेट पर भी बबल गम खाती रहती थी। वो आदत मैंने उस फिल्म के अपने पात्र में जोड़ दी। मेरी पात्र ऋतु बबल गम चबाकर उसे बड़ा सा फुलाती थी। मेरे अंदर तो बड़ा सा बबल गम फुलाने की स्किल थी। हमने इसे फाइट सीक्वेंस में भी डाल दिया था, जो दर्शकों को बहुत अच्छा लगा था।
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Mirchmasala
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