सौरव गांगुली के करियर के वो 3 साल जब दिखी दादा की धाक, थर-थर कांपे गेंदबाज, फिर तो गजब हो गया
सौरव गांगुली के करियर के वो 3 साल जब दिखी दादा की धाक, थर-थर कांपे गेंदबाज, फिर तो गजब हो गया
भारतीय क्रिकेट टीम आज जहां भी पहुंची है उसका काफी हद तक श्रेय पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को दिया जाता है। उन्हीं गांगुली का आज जन्मदिन है। गांगुली ने अपने करियर में कई शानदार पारियां खेली लेकिन उनके करिय में तीन साल ऐसे रहे जिसने दादा के नाम से मशहूर गांगुली को विश्व क्रिकेट में स्थापित कर दिया और उन्हें टीम इंडिया का अगला कप्तान बना दिया।
भारतीय क्रिकेट टीम आज जहां भी पहुंची है उसका काफी हद तक श्रेय पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को दिया जाता है। उन्हीं गांगुली का आज जन्मदिन है। गांगुली ने अपने करियर में कई शानदार पारियां खेली लेकिन उनके करिय में तीन साल ऐसे रहे जिसने दादा के नाम से मशहूर गांगुली को विश्व क्रिकेट में स्थापित कर दिया और उन्हें टीम इंडिया का अगला कप्तान बना दिया।
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली का आज जन्मदिन है। गांगुली को भारत के उन कप्तानों में गिना जाता है जिसने टीम इंडिया की तकदीर बदल दी। वो कप्तान जिसने भारत को जीतना सिखाया और विदेशी जमीन पर धाक जमाई। गांगुली ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन कभी हार नहीं मानी और जमकर रन बनाए। लेकिन गांगुली का करियर असल मायनों में परवान चढ़ा साल 1996 और इसके बाद 4 साल में जो हुआ वो गांगुली के करियर में काफी अहम रहे।
गांगुली ने 26 मई 1996 से लेकर एक जनवरी 1996 तक इन चार सालों में जमकर बनाए। वनडें में तो उनकी तूती जमकर बोली। इन चार सालों में गांगुली वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे। उनसे पहले अगर कोई था तो वो थे सचिन तेंदुलकर। इसी का नतीजा था कि वह टीम इंडिया के अगले कप्तान बने।
जमकर बनाए रन
अगस्त 1997 से जुलाई 2001 तक गांगुली के आंकड़े देखे जाएं तो इस बीच उन्होंने 6033 रन बनाए। एक अगस्त से लेकर एक जुलाई 1998 के बीच गांगुली ने कुल 41 मैच खेले और 1595 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से चार शतक और आठ अर्धशतक निकले। वहीं एक अगस्त 1998 से 31 जुलाई 1999 के बीच गांगुली के बल्ले से 51 मैचों में 2580 रन निकले। इस साल गांगुली ने छह शतक और 17 अर्धशतक जमाए। वहीं एक अगस्त 1999 से लेकर 31 जुलाई 2000 के बीच गांगुली के बल्ले से 1858 रन निकले। इस दौरान खेले गए 38 मैचों में से गांगुली ने सात शतक और आठ अर्धशतक जमाए।
रह गई टीस
इसी प्रदर्शन के दम पर गांगुली को टीम इंडिया का अगला कप्तान चुना गया था। इसके बाद वो दौर शुरू हुआ जिसने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी। भारत आज जहां भी है उसका श्रेय गांगुली की कप्तानी को हमेशा दिया जाएगा। लेकिन गांगुली के करियर में एक टीस रह गई। वह भारत के लिए वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए। बतौर कप्तान गांगुली टीम इंडिया को साल 2003 के फाइनल में लेकर गए थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया था।
गांगुली ने 26 मई 1996 से लेकर एक जनवरी 1996 तक इन चार सालों में जमकर बनाए। वनडें में तो उनकी तूती जमकर बोली। इन चार सालों में गांगुली वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहे। उनसे पहले अगर कोई था तो वो थे सचिन तेंदुलकर। इसी का नतीजा था कि वह टीम इंडिया के अगले कप्तान बने।
जमकर बनाए रन
अगस्त 1997 से जुलाई 2001 तक गांगुली के आंकड़े देखे जाएं तो इस बीच उन्होंने 6033 रन बनाए। एक अगस्त से लेकर एक जुलाई 1998 के बीच गांगुली ने कुल 41 मैच खेले और 1595 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से चार शतक और आठ अर्धशतक निकले। वहीं एक अगस्त 1998 से 31 जुलाई 1999 के बीच गांगुली के बल्ले से 51 मैचों में 2580 रन निकले। इस साल गांगुली ने छह शतक और 17 अर्धशतक जमाए। वहीं एक अगस्त 1999 से लेकर 31 जुलाई 2000 के बीच गांगुली के बल्ले से 1858 रन निकले। इस दौरान खेले गए 38 मैचों में से गांगुली ने सात शतक और आठ अर्धशतक जमाए।
रह गई टीस
इसी प्रदर्शन के दम पर गांगुली को टीम इंडिया का अगला कप्तान चुना गया था। इसके बाद वो दौर शुरू हुआ जिसने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी। भारत आज जहां भी है उसका श्रेय गांगुली की कप्तानी को हमेशा दिया जाएगा। लेकिन गांगुली के करियर में एक टीस रह गई। वह भारत के लिए वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए। बतौर कप्तान गांगुली टीम इंडिया को साल 2003 के फाइनल में लेकर गए थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया था।
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