स्त्री रोग विशेषज्ञ के उपलब्धि : दुर्ग में अस्पताल ने बनाया 100 'जुड़वा' का रिकॉर्ड
स्त्री रोग विशेषज्ञ के उपलब्धि : दुर्ग में अस्पताल ने बनाया 100 'जुड़वा' का रिकॉर्ड
जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता धुर्वे ने महज ढाई साल में 100 से भी ज्यादा जुड़वा प्रसव कराकर रिकॉर्ड बनाया है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.विनीता धुर्वे
भिलाई। दुर्ग जिले ने जुड़वा बच्चों के प्रसव करवाने में मामले में गुरुवार को रिकॉर्ड बना दिया। जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता धुर्वे ने महज ढाई साल में 100 से भी ज्यादा जुड़वा प्रसव कराकर रिकॉर्ड बनाया है। डॉक्टर ने 2022 में 21 जुड़वा प्रसव कराया गया था। वर्ष 2023 में 30 और इस बरस सिर्फ 6 महीने में 49 जुड़वा डिलीवरी करवाकर 100 जुड़वा डिलीवरी का रिकॉर्ड बनाया है।
जटिलता भी आती रही
जिला अस्पताल दुर्ग के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू ने बताया कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल या निजी अस्पताल में केवल ढ़ाई साल की अवधि में 100 जुड़वा बच्चों का प्रसव नहीं हो पाया है, इसलिए दुर्ग जिला अस्पताल का यह रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि जुड़वा बच्चों के इन प्रकरणों में आधे से ज्यादा प्रसव काफी जटिल थे जिसे डॉ. विनीता ध्रुव की टीम ने चुनौती के रूप में लिया और उसे सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया।
रिस्क फैक्टर ज्यादा होता है
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता ध्रुव ने बताया कि, जुड़वा बच्चों में रिस्क फैक्टर ज्यादा होते हैं। मसलन कई बच्चों के गले में नॉल फंस जाती है। कई बच्चे अंडर वेट पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों को ऑपरेशन कर डिलीवरी करवाई गई। नवजात केयर यूनिट में रखकर कई दिनों तक देखभाल करनी पड़ती है। इस कार्य में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उज्जवला देवांगन का मार्गदर्शन, एनेस्थेसिया एक्सपर्ट डॉ. पूजा वर्मा, डॉ. विभा साहूसिस्टर ज्योति, रचना, सरस्वती, वर्षा आदि का योगदान भी रहा है।
जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता धुर्वे ने महज ढाई साल में 100 से भी ज्यादा जुड़वा प्रसव कराकर रिकॉर्ड बनाया है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.विनीता धुर्वे
भिलाई। दुर्ग जिले ने जुड़वा बच्चों के प्रसव करवाने में मामले में गुरुवार को रिकॉर्ड बना दिया। जिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता धुर्वे ने महज ढाई साल में 100 से भी ज्यादा जुड़वा प्रसव कराकर रिकॉर्ड बनाया है। डॉक्टर ने 2022 में 21 जुड़वा प्रसव कराया गया था। वर्ष 2023 में 30 और इस बरस सिर्फ 6 महीने में 49 जुड़वा डिलीवरी करवाकर 100 जुड़वा डिलीवरी का रिकॉर्ड बनाया है।
जटिलता भी आती रही
जिला अस्पताल दुर्ग के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू ने बताया कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल या निजी अस्पताल में केवल ढ़ाई साल की अवधि में 100 जुड़वा बच्चों का प्रसव नहीं हो पाया है, इसलिए दुर्ग जिला अस्पताल का यह रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि जुड़वा बच्चों के इन प्रकरणों में आधे से ज्यादा प्रसव काफी जटिल थे जिसे डॉ. विनीता ध्रुव की टीम ने चुनौती के रूप में लिया और उसे सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया।
रिस्क फैक्टर ज्यादा होता है
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीता ध्रुव ने बताया कि, जुड़वा बच्चों में रिस्क फैक्टर ज्यादा होते हैं। मसलन कई बच्चों के गले में नॉल फंस जाती है। कई बच्चे अंडर वेट पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों को ऑपरेशन कर डिलीवरी करवाई गई। नवजात केयर यूनिट में रखकर कई दिनों तक देखभाल करनी पड़ती है। इस कार्य में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उज्जवला देवांगन का मार्गदर्शन, एनेस्थेसिया एक्सपर्ट डॉ. पूजा वर्मा, डॉ. विभा साहूसिस्टर ज्योति, रचना, सरस्वती, वर्षा आदि का योगदान भी रहा है।
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