'अब अपना जमाना चला गया,' सिनेमा के बदलते मिजाज पर बोले अनिल कपूर के छोटे भाई Sanjay Kapoor
अब अपना जमाना चला गया,' सिनेमा के बदलते मिजाज पर बोले अनिल कपूर के छोटे भाई Sanjay Kapoor
फिल्म सिर्फ तुम से फैंस के दिलों पर राज करने वाले 90 के दशक के कलाकार संजय कपूर (Sanjay Kapoor) को भला कौन नहीं जानता। इन दिनों ओटीटी फिल्म हाउस ऑफ लाइस को लेकर संजय चर्चा में बने हुए हैं। इस बीच अनिल कपूर (Anil Kapoor) छोटे भाई ने हिंदी सिनेमा के बदलते हुए ट्रेंड को लेकर खुलकर बात की है।
फिल्म सिर्फ तुम से फैंस के दिलों पर राज करने वाले 90 के दशक के कलाकार संजय कपूर (Sanjay Kapoor) को भला कौन नहीं जानता। इन दिनों ओटीटी फिल्म हाउस ऑफ लाइस को लेकर संजय चर्चा में बने हुए हैं। इस बीच अनिल कपूर (Anil Kapoor) छोटे भाई ने हिंदी सिनेमा के बदलते हुए ट्रेंड को लेकर खुलकर बात की है।
कभी हिंदी सिनेमा में चॉकलेटी रोमांटिक हीरो की छवि रखने वाले अभिनेता संजय कपूर (Sanjay Kapoor) वर्तमान में कभी स्याह तो कभी कॉमेडी भूमिकाएं निभाकर अपनी कला के विविध पहलू दिखा रहे हैं।
संजय के अनुसार अब तो उनके लिए केंद्रीय, सहायक या किसी भी तरह के भूमिका की लंबाई महत्व नहीं रखती है। इस क्रम में वह जी 5 पर हालिया प्रदर्शित फिल्म हाउस आफ लाइज (House Of Lies) में पुलिस अधिकारी की भूमिका में नजर आए।
फिल्मों में किरदार को लेकर बोले संजय
संजय कहते हैं, ‘कोई कलाकार अगर विविध भूमिकाएं निभाएगा, तभी वह आगे बढ़ेगा। फिल्म ब्लडी डैडी में मेरी नकारात्मक भूमिका थी, फिल्म मेरी क्रिसमस में थोड़ा फ्लर्ट करने वाला रोल था। वहीं मर्डर मुबारक में राजा साहब की भूमिका अलग मिजाज की थी। हाउस आफ लाइज में मैंने जांच अधिकारी की भूमिका निभाई। भगवान की कृपा है कि पिछले एक वर्ष में मेरे चार-पांच प्रोजेक्ट आए हैं। उन सभी में मेरी भूमिकाएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।’
बदल गया सिनेमा का मिजाज- संजय कपूर
हिंदी सिनेमा में हीरो की बदलती परिभाषा पर संजय कहते हैं, ‘अब लोग हीरो से अधिक किसी कलाकार के अच्छे काम की प्रशंसा करते हैं। लोगों को मनोरंजन चाहिए। एक अच्छी थ्रिलर फिल्म भी मनोरंजक हो सकती है। अब वह जमाना चला गया, जब सिनेमाघरों में सिर्फ कमर्शियल मसाला फिल्में चला करती थी।
पहले में मैं नायक के रोल किया करता था, लेकिन आज चरित्र भूमिकाएं या कहानी के अन्य अहम पात्र निभा रहा हूं। आज के दौर में इतने विविधतापूर्ण रोल कलाकारों को मिल रहे हैं कि उम्र का कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। अगर आपके अंदर प्रतिभा है तो उम्र बस एक संख्या है।’
इन फिल्मों के लिए मशहूर हैं एक्टर
फिल्मी बैकग्राउंड से नाता रखने वाले 58 साल के संजय कपूर ने बतौर एक्टर अपने करियर में कई शानदार फिल्मों में काम किया है। उनमें राजा, औजार, छुपा रुस्तम, सिर्फ तुम और शक्ति जैसी कई मूवीज के नाम शामिल हैं।
संजय के अनुसार अब तो उनके लिए केंद्रीय, सहायक या किसी भी तरह के भूमिका की लंबाई महत्व नहीं रखती है। इस क्रम में वह जी 5 पर हालिया प्रदर्शित फिल्म हाउस आफ लाइज (House Of Lies) में पुलिस अधिकारी की भूमिका में नजर आए।
फिल्मों में किरदार को लेकर बोले संजय
संजय कहते हैं, ‘कोई कलाकार अगर विविध भूमिकाएं निभाएगा, तभी वह आगे बढ़ेगा। फिल्म ब्लडी डैडी में मेरी नकारात्मक भूमिका थी, फिल्म मेरी क्रिसमस में थोड़ा फ्लर्ट करने वाला रोल था। वहीं मर्डर मुबारक में राजा साहब की भूमिका अलग मिजाज की थी। हाउस आफ लाइज में मैंने जांच अधिकारी की भूमिका निभाई। भगवान की कृपा है कि पिछले एक वर्ष में मेरे चार-पांच प्रोजेक्ट आए हैं। उन सभी में मेरी भूमिकाएं एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं।’
बदल गया सिनेमा का मिजाज- संजय कपूर
हिंदी सिनेमा में हीरो की बदलती परिभाषा पर संजय कहते हैं, ‘अब लोग हीरो से अधिक किसी कलाकार के अच्छे काम की प्रशंसा करते हैं। लोगों को मनोरंजन चाहिए। एक अच्छी थ्रिलर फिल्म भी मनोरंजक हो सकती है। अब वह जमाना चला गया, जब सिनेमाघरों में सिर्फ कमर्शियल मसाला फिल्में चला करती थी।
पहले में मैं नायक के रोल किया करता था, लेकिन आज चरित्र भूमिकाएं या कहानी के अन्य अहम पात्र निभा रहा हूं। आज के दौर में इतने विविधतापूर्ण रोल कलाकारों को मिल रहे हैं कि उम्र का कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। अगर आपके अंदर प्रतिभा है तो उम्र बस एक संख्या है।’
इन फिल्मों के लिए मशहूर हैं एक्टर
फिल्मी बैकग्राउंड से नाता रखने वाले 58 साल के संजय कपूर ने बतौर एक्टर अपने करियर में कई शानदार फिल्मों में काम किया है। उनमें राजा, औजार, छुपा रुस्तम, सिर्फ तुम और शक्ति जैसी कई मूवीज के नाम शामिल हैं।
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Mirchmasala
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