सातवें चरण की वोटिंग से पहले भाजपा को लगा SC से झटका, HC के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज
सातवें चरण की वोटिंग से पहले भाजपा को लगा SC से झटका, HC के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल-न्यायाधीश के फैसले में भाजपा को लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने वाले विज्ञापन जारी करने से रोका गया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल-न्यायाधीश के फैसले में भाजपा को लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने वाले विज्ञापन जारी करने से रोका गया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
SC ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर विचार करने से इनकार किया।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल-न्यायाधीश के फैसले में भाजपा को लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने वाले विज्ञापन जारी करने से रोका गया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा,
प्रथम दृष्टया, विज्ञापन अपमानजनक है।
भाजपा ने वापस लिया केस
पीठ द्वारा मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करने के बाद भाजपा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी। इसके बाद मामला वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।
22 मई को, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कहा था कि वह एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा पारित अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील पर विचार करने के इच्छुक नहीं है।
चार जून तक विज्ञापन जारी करने पर रोक
एकल-न्यायाधीश पीठ ने 20 मई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 4 जून तक आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने से रोक दिया था, जिस दिन लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने वाले हैं।
अदालत ने भाजपा को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा उनके और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ असत्यापित आरोपों का दावा करने वाली याचिका में उल्लेखित विज्ञापनों को प्रकाशित करने से भी रोक दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली भाजपा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल-न्यायाधीश के फैसले में भाजपा को लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने वाले विज्ञापन जारी करने से रोका गया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा,
प्रथम दृष्टया, विज्ञापन अपमानजनक है।
भाजपा ने वापस लिया केस
पीठ द्वारा मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त करने के बाद भाजपा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी। इसके बाद मामला वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।
22 मई को, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कहा था कि वह एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा पारित अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील पर विचार करने के इच्छुक नहीं है।
चार जून तक विज्ञापन जारी करने पर रोक
एकल-न्यायाधीश पीठ ने 20 मई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 4 जून तक आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करने से रोक दिया था, जिस दिन लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने वाले हैं।
अदालत ने भाजपा को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा उनके और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ असत्यापित आरोपों का दावा करने वाली याचिका में उल्लेखित विज्ञापनों को प्रकाशित करने से भी रोक दिया था।
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