जबलपुर में आज किया जाएगा अश्विनी का अंतिम संस्कार, बेटी को खोने पर फूटा पिता का गुस्सा
जबलपुर में आज किया जाएगा अश्विनी का अंतिम संस्कार, बेटी को खोने पर फूटा पिता का गुस्सा
पुणे में दुर्घटना में मारी गई अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने मंगलवार को बेटी के लिए इंसाफ मांगते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ संंविधान के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोगों को इससे सबक मिले। मृतका के बड़े भाई समर ने कहा कि वह पिछले छह साल से पुणे में थी। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वहीं दो साल से जॉब कर रही थी।
पुणे में दुर्घटना में मारी गई अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने मंगलवार को बेटी के लिए इंसाफ मांगते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ संंविधान के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोगों को इससे सबक मिले। मृतका के बड़े भाई समर ने कहा कि वह पिछले छह साल से पुणे में थी। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वहीं दो साल से जॉब कर रही थी।
मृतका अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा। फोटो-एएनआई
पुणे में दुर्घटना में मारी गई अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने मंगलवार को बेटी के लिए इंसाफ मांगते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ संंविधान के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इससे सबक मिले। सुरेश कोष्टा ने आगे कहा कि हमने हमारे बच्चे को तब तक गाड़ी नहीं दी, जब तक वे बालिग नहीं हो गए।
भाई बहनों में अश्विनी सबसे छोटी थी। पिता मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी कार्यालय में पदस्थ हैं। उनका घर शहर के शक्ति नगर सैनिक सोसायटी में स्थित है। आज मंगलवार को अश्विनी का अंतिम संस्कार गौरीघाट में किया जाएगा।
इधर, मृतका के बड़े भाई समर ने कहा कि वह पिछले छह साल से पुणे में थी। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वहीं दो साल से जॉब कर रही थी। परिवार में वह पिता की लाडली थी और रोज उनसे फोन पर बात करती थी।
19 मई को तेज रफ्तार पोर्शे कार ने बाइक सवार अश्विनी और उसके एक दोस्त को कुचलकर आगे निकल गई थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी।
वहीं आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 15 घंटे में ही जमानत दे दी थी और पुलिस ने उसके पिता विशाल अग्रवाल को आज हिरासत में लिया है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह सड़क दुर्घटनाओं पर निबंध लिखकर पेश करेगा और 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा।
पुणे में दुर्घटना में मारी गई अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने मंगलवार को बेटी के लिए इंसाफ मांगते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ संंविधान के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इससे सबक मिले। सुरेश कोष्टा ने आगे कहा कि हमने हमारे बच्चे को तब तक गाड़ी नहीं दी, जब तक वे बालिग नहीं हो गए।
भाई बहनों में अश्विनी सबसे छोटी थी। पिता मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी कार्यालय में पदस्थ हैं। उनका घर शहर के शक्ति नगर सैनिक सोसायटी में स्थित है। आज मंगलवार को अश्विनी का अंतिम संस्कार गौरीघाट में किया जाएगा।
इधर, मृतका के बड़े भाई समर ने कहा कि वह पिछले छह साल से पुणे में थी। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वहीं दो साल से जॉब कर रही थी। परिवार में वह पिता की लाडली थी और रोज उनसे फोन पर बात करती थी।
19 मई को तेज रफ्तार पोर्शे कार ने बाइक सवार अश्विनी और उसके एक दोस्त को कुचलकर आगे निकल गई थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी।
वहीं आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 15 घंटे में ही जमानत दे दी थी और पुलिस ने उसके पिता विशाल अग्रवाल को आज हिरासत में लिया है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह सड़क दुर्घटनाओं पर निबंध लिखकर पेश करेगा और 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा।
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