बारूद फैक्ट्री विस्फोट कांड : सात लापता मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख, दो नहीं माने फैक्ट्री जांच होने तक बंद
बारूद फैक्ट्री विस्फोट कांड : सात लापता मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख, दो नहीं माने फैक्ट्री जांच होने तक बंद
स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड पिरदा बेमेतरा में 25 मई शनिवार की सुबह लगभग 7 बजकर 55 मिनट में पीटीएन प्लांट में जोर का धमाका हुआ।
बेमेतरा के बोरसी पिरदा की बारूद फैक्ट्री में हादसे के पांचवे दिन बुधवार को प्रशासन और प्रबंधन ने धरने पर डटे ग्रामीणों और परिजनों से लंबी बात की। दिनभर उठापटक के बाद आखिरकार सात मजदूरों के परिजनों ने प्रबंधन से 30-30 लाख रुपए मुआवजा ले लिया। दो के परिजनों ने मुआवजा से इनकार कर दिया। फैक्ट्री को जांच तक बंद रखने का फरमान जारी कर दिया गया है, बाहर अभी भी ग्रामीण डटे हुए हैं। गौरतलब है कि, स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड पिरदा बेमेतरा में 25 मई शनिवार की सुबह लगभग 7 बजकर 55 मिनट में पीटीएन प्लांट में जोर का धमाका हुआ। इस धमाके में 8 मजदूर चपेट में आ गए थे। एक मजदूर की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। 6 मजदूर घायल थे जिन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
8 मजदूरों की गुमशुदगी कंडरका पुलिस चौकी में दर्ज की गई है। जिन मजदूरों की गुमशुदगी दर्ज की गई है उनमें वार्ड नं 12 ग्राम तिरदा निवासी रामकिसुन ध्रुव उर्फ राजू, ग्राम भिमौरी नीरज ध्रुव, ग्राम कंडरका वार्ड-15 शंकर यादव, वार्ड नं.-2 बोरसी नरहर यदु, वार्ड नं-3 बोरसी दगेंद्र साहू, वार्ड नं. 18 ग्राम-गब्दा लोकनाथ यादव, वार्ड नं. 11 ग्राम तिरदा विजय कुमार देवदास, वार्ड नं. 13 पिरदा पुष्पराज देवदास शामिल हैं। हादसे के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर लापता मदजूरों को मलबे में खोजने का प्रयास किया लेकिन ऑपरेशन में मलबे से साबुत मजदूर तो नहीं मिले बल्कि मानव अंग और उनके मांस के लोथड़े को पॉलीथिन में एकत्रित कर बेमेतरा प्रशासन ने डीएनए के लिए भेजा है। हादसे के बाद से ही पिरदा बोरसी और आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में फैक्ट्री के गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। 5 दिन बाद प्रदर्शनकारियों को सुबह प्रशासन की ओर से सूचना दी गई कि फैक्ट्री प्रबंधन लापता मजदूरों और मृत मजदूर के परिजनों को 30 लाख रुपए देने तैयार है। प्रदर्शनकारियों की सुबह प्रशासन की ओर से सूचना दी गई कि फैक्ट्री प्रबंधन लापता मजदूरों और मृत मजदूर के परिजनों को 30 लाख रुपए देने तैयार है।
लापता मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख
प्रदर्शनकारियों की मांग थी प्रत्येक मजदूर को 50 लाख और आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। दिनभर प्रशासन और प्रदर्शनकारियो के बीच वाद-विवाद चलने के बाद शाम 5 बजे के आसपास अचानक घटनाक्रम बदला। दो लापता मजदूरों लोकनाथ यादव और शंकर यादव के परिजनों को छोड़कर 7 मजदूरों के परिजन धरना स्थल से उठकर फैक्ट्री की गेट से अंदर प्रवेश करते हैं। इन परिजनों को फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से 30-30 लाख रुपए का चेक देकर फैक्ट्रीके पीछे गेट से गांव की ओर रवाना कर दिया जाता है। यहां उल्लेखनीय है कि, राज्य सरकार ने मृतक मजदूरों को 5 लाख रुपए व घायल मजदूरों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। इस घटनाक्रम के बाद धरने पर बैठे ग्रामीण और छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के कार्यकर्ता आक्रोशित होकर गेट पर नारेबाजी करते रहे। क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल का आरोप है कि बेमेतरा प्रशासन फैक्ट्री प्रबंधन का एजेंट बनकर ग्रामीणों को गुमराह करने और आंदोलन को तोड़ने में लगा हुआ है। श्री बघेल ने आरोप लगाया कि दलालों ने जबर आंदोलन को तोड़ने का प्रयास किया है। जब तक फैक्ट्री के लाइसेंस को निरस्त करने और मजदूरों को 50 लाख रुपए व सरकारी नौकरी देने की बात नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
शासन से पांच-पांच लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बेमेतरा जिले के बारूद फैक्ट्री में हुए विस्फोट की घटना में 1 मृतक एवं 8 लापता मजदूरों के परिजनों को कंपनी प्रबंधन की ओर से 30-30 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पांच- पांच लाख रुपए की घोषित आर्थिक सहायता राशि उक्त प्रदाय राशि से अतिरिक्त होगी।
कलेक्टर ने फैक्ट्री बंद करने का दिया आदेश
हादसे के बाद बेमेतरा कलेक्टर रणवीर शर्मा ने न्यायायिक दण्डाधिकारी जांच का आदेश शनिवार को ही जारी किया था। कलेक्टर ने 29 मई बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए आगामी आदेश तक फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दिया है। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड परिसर में दुर्घटना (विस्फोट के कारण जनहानि हुई है। उक्त घटना के कारण लोक सुरक्षा को देखते हुए कारखाना परिसर में उत्पादन एवं उससे संबंधित अन्य गतिविधियां आगामी आदेश पर्यंत बंद रखने का निर्देश दिया जाता है। कारखाने में उपलब्ध विस्फोटक पदार्थों की समुचित सुरक्षा का दायित्व कारखाना प्रबंधक की होगी।
स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड पिरदा बेमेतरा में 25 मई शनिवार की सुबह लगभग 7 बजकर 55 मिनट में पीटीएन प्लांट में जोर का धमाका हुआ।
बेमेतरा के बोरसी पिरदा की बारूद फैक्ट्री में हादसे के पांचवे दिन बुधवार को प्रशासन और प्रबंधन ने धरने पर डटे ग्रामीणों और परिजनों से लंबी बात की। दिनभर उठापटक के बाद आखिरकार सात मजदूरों के परिजनों ने प्रबंधन से 30-30 लाख रुपए मुआवजा ले लिया। दो के परिजनों ने मुआवजा से इनकार कर दिया। फैक्ट्री को जांच तक बंद रखने का फरमान जारी कर दिया गया है, बाहर अभी भी ग्रामीण डटे हुए हैं। गौरतलब है कि, स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड पिरदा बेमेतरा में 25 मई शनिवार की सुबह लगभग 7 बजकर 55 मिनट में पीटीएन प्लांट में जोर का धमाका हुआ। इस धमाके में 8 मजदूर चपेट में आ गए थे। एक मजदूर की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। 6 मजदूर घायल थे जिन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
8 मजदूरों की गुमशुदगी कंडरका पुलिस चौकी में दर्ज की गई है। जिन मजदूरों की गुमशुदगी दर्ज की गई है उनमें वार्ड नं 12 ग्राम तिरदा निवासी रामकिसुन ध्रुव उर्फ राजू, ग्राम भिमौरी नीरज ध्रुव, ग्राम कंडरका वार्ड-15 शंकर यादव, वार्ड नं.-2 बोरसी नरहर यदु, वार्ड नं-3 बोरसी दगेंद्र साहू, वार्ड नं. 18 ग्राम-गब्दा लोकनाथ यादव, वार्ड नं. 11 ग्राम तिरदा विजय कुमार देवदास, वार्ड नं. 13 पिरदा पुष्पराज देवदास शामिल हैं। हादसे के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर लापता मदजूरों को मलबे में खोजने का प्रयास किया लेकिन ऑपरेशन में मलबे से साबुत मजदूर तो नहीं मिले बल्कि मानव अंग और उनके मांस के लोथड़े को पॉलीथिन में एकत्रित कर बेमेतरा प्रशासन ने डीएनए के लिए भेजा है। हादसे के बाद से ही पिरदा बोरसी और आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में फैक्ट्री के गेट पर प्रदर्शन कर रहे थे। 5 दिन बाद प्रदर्शनकारियों को सुबह प्रशासन की ओर से सूचना दी गई कि फैक्ट्री प्रबंधन लापता मजदूरों और मृत मजदूर के परिजनों को 30 लाख रुपए देने तैयार है। प्रदर्शनकारियों की सुबह प्रशासन की ओर से सूचना दी गई कि फैक्ट्री प्रबंधन लापता मजदूरों और मृत मजदूर के परिजनों को 30 लाख रुपए देने तैयार है।
लापता मजदूरों के परिजनों को 30-30 लाख
प्रदर्शनकारियों की मांग थी प्रत्येक मजदूर को 50 लाख और आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। दिनभर प्रशासन और प्रदर्शनकारियो के बीच वाद-विवाद चलने के बाद शाम 5 बजे के आसपास अचानक घटनाक्रम बदला। दो लापता मजदूरों लोकनाथ यादव और शंकर यादव के परिजनों को छोड़कर 7 मजदूरों के परिजन धरना स्थल से उठकर फैक्ट्री की गेट से अंदर प्रवेश करते हैं। इन परिजनों को फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से 30-30 लाख रुपए का चेक देकर फैक्ट्रीके पीछे गेट से गांव की ओर रवाना कर दिया जाता है। यहां उल्लेखनीय है कि, राज्य सरकार ने मृतक मजदूरों को 5 लाख रुपए व घायल मजदूरों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। इस घटनाक्रम के बाद धरने पर बैठे ग्रामीण और छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के कार्यकर्ता आक्रोशित होकर गेट पर नारेबाजी करते रहे। क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल का आरोप है कि बेमेतरा प्रशासन फैक्ट्री प्रबंधन का एजेंट बनकर ग्रामीणों को गुमराह करने और आंदोलन को तोड़ने में लगा हुआ है। श्री बघेल ने आरोप लगाया कि दलालों ने जबर आंदोलन को तोड़ने का प्रयास किया है। जब तक फैक्ट्री के लाइसेंस को निरस्त करने और मजदूरों को 50 लाख रुपए व सरकारी नौकरी देने की बात नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
शासन से पांच-पांच लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बेमेतरा जिले के बारूद फैक्ट्री में हुए विस्फोट की घटना में 1 मृतक एवं 8 लापता मजदूरों के परिजनों को कंपनी प्रबंधन की ओर से 30-30 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पांच- पांच लाख रुपए की घोषित आर्थिक सहायता राशि उक्त प्रदाय राशि से अतिरिक्त होगी।
कलेक्टर ने फैक्ट्री बंद करने का दिया आदेश
हादसे के बाद बेमेतरा कलेक्टर रणवीर शर्मा ने न्यायायिक दण्डाधिकारी जांच का आदेश शनिवार को ही जारी किया था। कलेक्टर ने 29 मई बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए आगामी आदेश तक फैक्ट्री को बंद करने का आदेश दिया है। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड परिसर में दुर्घटना (विस्फोट के कारण जनहानि हुई है। उक्त घटना के कारण लोक सुरक्षा को देखते हुए कारखाना परिसर में उत्पादन एवं उससे संबंधित अन्य गतिविधियां आगामी आदेश पर्यंत बंद रखने का निर्देश दिया जाता है। कारखाने में उपलब्ध विस्फोटक पदार्थों की समुचित सुरक्षा का दायित्व कारखाना प्रबंधक की होगी।
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