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चुनावी संवाद : मैंने सरस्वती शिशु मंदिर को पांच लाख दिए तो कांग्रेसी नाराज हो गए, तब लगा यह पार्टी ठीक नहीं

चुनावी संवाद : मैंने सरस्वती शिशु मंदिर को पांच लाख दिए तो कांग्रेसी नाराज हो गए, तब लगा यह पार्टी ठीक नहीं
 सरगुजा लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज से हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 'सार्थक संवाद' शो में ख़ास बातचीत । 


रायपुर। सरगुजा लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज का कहना है कि जिस पार्टी में रहकर सनातन धर्म के लिए काम नहीं कर सकते उसमें रहने का क्या फायदा। मैंने कांग्रेस विधायक रहते हुए सरस्वती शिशु मंदिर को पांच लाख रुपए दिए। कांग्रेसी नाराज हो गए। तब लगा कि यह पार्टी ठीक नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पूरी होती है। इस पार्टी में रहकर सनातन धर्म के लिए काम हो सकता है इसलिए आज भाजपा में हूं। हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ.हिमांशु द्विवेदी से चुनावी संवाद में हुई बातचीत प्रस्तुत है।

▶ जब भाजपा छोड़ी थी तब कैसी थी और आज जब फिर से वापस आए हैं तो भाजपा कैसी है?

▶ कई बार कुछ ऊंच नीच हो जाती है, उसके कारण ऐसा हुआ। परिस्थितियों के हिसाब से कब कुछ होता है। कांग्रेस में रुचि के मुताबिक काम नहीं हो पाता था। वैसे वहां भी मैं जनता के लिए काम कर रहा था। जब स्थिति अनुकूल नहीं लगी तो सोचा वापस आने के लिए और भाजपा में वापस आ गया। निश्चित ही आज की भाजपा अलग है। मैंने कांग्रेस को भी देखा है, पहले की कांग्रेस और अब कांग्रेस में भी बहुत अंतर है। भाजपा में आज यह देखने को मिल रहा है कि मोदी की गारंटी पूरी होती है। इसको देखते हुए लगा कि भाजपा में रहने से कम से कम अपने क्षेत्र के लोगों का काम कर पाएंगे और क्षेत्र का विकास भी हो पाएगा। अयोध्या में रामलला का मंदिर बना। सनातन संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह जगह बिलकुल सही है।

▶ कांग्रेस ने जब आपको विधानसभा का टिकट नहीं दिया, तब आपने नाराज होकर कांग्रेस को अलविदा कहा ऐसा कहा जाता है? फिर कैसे मान लें आपने देश हित के लिए भाजपा में वापसी की है?

▶ नाराजगी तो थी, मैं विधायक था, तब कुछ काम ऐसे थे जिनको पसंद नहीं किया जा रहा था। मैंने विधायक रहते सरस्वती शिशु मंदिर में पांच लाख दे दिए थे तो इसको लेकर कांग्रेस के लोगों की नाराजगी सामने आई कि यह तो संघ का स्कूल है इसमें क्यों पैसा दिया गया है। जिस संस्कृति में हैं, उसके लिए काम न करे सके तो क्या मतलब। इसको लेकर भी मन में एक बात तो थी।

▶ किसकी नाराजगी आप तक पहुंची थी, भूपेश बघेल या फिर टीएस सिंहदेव की?

▶ इस विषय में मैं कुछ कहना नहीं चाहूंगा। मेरा मानना है कि किसी की लाइन को छोटा करने की बजाये हम अपनी लाइन को बड़ा करें।

▶ आप तो लगातार बयान दे रहे हैं कांग्रेस सनातन विरोधी है, इसको साफ कर देंगे, फिर नाम बताने से क्यों परहेज कर रहे हैं, मोदी जी तो सीधे बात करते हैं?

▶ हम मोदी जी की बराबरी तो नहीं कर सकते हैं।

▶ कांग्रेस के लोग कहते हैं ईडी से बचने के लिए आप वापस भाजपा में गए हैं?

▶ ईडी में क्या था, कैसे हुआ, क्या है मुझे जानकारी नहीं है। जिस विषय की मुझे जानकारी नहीं है, उसके बारे में बात करना उचित नहीं होगा।

▶आपको टिकट मिलने के बाद भाजपा के जिन नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है वो कैसा व्यवहार कर रहे हैं?

▶ सभी साथ में हैं, प्रदेश का नेतृत्व साथ में है, स्थानीय सभी नेता साथ में हैं। मैं सभी के व्यवहार और काम से संतुष्ट हूं।

▶अपने समर्थकों को भाजपा में स्थान दिलाएंगे या नहीं?

▶ भाजपा का कोई भी फैसला मैं नहीं करता हूं। मैं अपनी बातें वहां तक पहुंचा देता हूं। भाजपा का राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व तय करेगा कि क्या करना है। अपने लोगों के लिए प्रयास किया जा रहा है।

▶ अपने भविष्य को लेकर कितने चिंतित हैं, सरगुजा से एक बार टिकट मिलने के बाद भाजपा दूसरी बार टिकट नहीं देती है?



▶भविष्य नहीं, में काम पर भरोसा करता हूं। जो जिम्मेदारी दी जाती है, उसको पूरा करने का काम करता हूं। आगे जनता का जैसा आशीवांद होगा। काम अच्छा रहेगा तो जरूर फिर से काम करने का मौका मिलेगा।

▶ रेणुका सिंह का कार्यकाल आपको चुनाव में कितना भारी पड़ने वाला है?

▶ उन्होंने अपने काम अच्छी तरह से किए है। उनके कामों को हमे आगे बढ़ाने का काम करना है। हम अपने काम पर भरोसे करते हैं। उनको टिकट क्यों नहीं दिया गया, ये ऊपर का मामला है। ऊपर का नेतृत्व तय करता है किनको टिकट देना है किनको नहीं देना है।

▶ विधानसभा चुनाव में भाजपा सरगुजा में एकतरफा जीतते है, लोकसमा चुनाव में कितना खतरा है, क्योंकि पिछली बार एकतरफा कांग्रेस के जीतने के बाद लोकसमा में परिणाम उल्टा आया था?

▶ विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लोगों की अलग-अलग मानसिकता होती है। विधानसभा में लोग प्रदेश के स्तर पर देखते हैं लोकसभा में केंद्र के स्तर पर देखते हैं। लोग देखते हैं केंद्र में ऐसा कौन सा व्यक्ति है जिनको चुनना चाहिए। अभी मोदी जी का चेहरा है, उनको देखकर जनता भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान करेगी। जनता को समझ में आता है कि केंद्र में जिनकी सरकार बनने वाली है, उस पार्टी के प्रत्याशी को जीत दिलाने पर ही क्षेत्र का विकास होगा। इसलिए कहीं कोई परेशानी होने वाली नहीं है।
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