मंच से 'बड़े दाऊ' पर भड़के सुरेंद्र दाऊ : बोले- पंचायत चुनाव के लिए भी रायपुर से भेज देना प्रत्याशी
मंच से 'बड़े दाऊ' पर भड़के सुरेंद्र दाऊ : बोले- पंचायत चुनाव के लिए भी रायपुर से भेज देना प्रत्याशी
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण कार्यकर्ता सम्मलेन में पहुंचे पूर्व सीएम भूपेश बघेल को एक पुराने कार्यकर्ता ने मंच से जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि, पंच, सरपंच की दरी उठाने की ही जिम्मेदारी है क्या?
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने मंच पर भड़का कार्यकर्ता
राजनांदगाव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है। सोमवार को वे ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण कार्यकर्ता सम्मलेन में पहुंचे जहां एक कार्यकर्ता ने मंच पर उन्हें जमकर उन्हें खरी-खोटी सुनाई। कार्यकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने ही मंच से कहा कि, 5 साल तक हमारी सरकार रही और तब सबसे ज्यादा हम ही प्रताड़ित रहे। मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था और तब कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं थी। आज कार्यकर्ताओं की याद आई है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल अलग-अलग विधानसभाओं में जाकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी बीच ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण की ओर से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दाऊ मंच पर आए और माइक संभालते ही फूट पड़े। उन्होंने कहा कि, पंच, सरपंच की दरी उठाने की ही जिम्मेदारी है क्या? अगर भिलाई-दुर्ग में पंचायत के चुनाव होंगे तो हम वहां भी काम करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि, 5 साल बहुत से हमारे नेताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं को लेकर चिंतन-मनन किया। क्या इसमें हम कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। इन लोगों ने बंद कमरे में बैठकर चिंतन-मनन किया। हम इस बात को डंके की चोट पर कहते हैं कि किसानों को भाजपा की सरकार 3100 रुपए धान के दे पा रही है, वो भूपेश बघेल की देन है।
5 साल में हमारा नहीं हुआ कोई काम
सुरेंद्र दाऊ ने आगे कहा कि, मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि 5 साल हमारी सरकार रही। एक कार्यकर्ता यहां उठकर कह दे कि, 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो। हमारे दुख-तकलीफ, बहू-बेटा का ट्रांसफर में कोई साथ नहीं दिया, सिर्फ प्रताड़ित किया गया। आज मंच पर नई फोटो दिख रही है, लेकिन 5 साल पहले दूसरे नेताओं की तस्वीर मंच पर लगी होती थी। एक स्थानीय नेता का नाम ना लेते हुए सुरेंद्र ने आगे कहा कि, अगर उन्हें लगता है कि, उन्होंने यहां से 5 विधानसभा चुनाव जितवाया है तो उन्हीं को यहां बुलाओ, ये चुनाव भी जितवा दें। कार्यकर्ताओं की आपको जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अगर मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो पार्टी चाहे तो मुझे निष्कासित कर दे। मैं कार्यक्रम में बाधा नहीं पहुंचाना चाहता हूं, लेकिन 5 साल हमको मिलने का मौका ही नहीं मिला। इसी के चलते हम विधानसभा चुनाव हारे। इसके लिए हम सब कार्यकर्ताओं को चिंतन करने की जरूरत है।
वर्तमान में कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य हैं सुरेंद्र दाऊ
आपको बता दें कि, सुरेंद्र दाऊ कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। वे पिछले कई दिनों से बड़े नेताओं से यहां के कार्यकर्ता मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा था। कहा यह भी जा रहा है कि, भूपेश बघेल जहां-जहां चुनावी मीटिंग ले रहे हैं। वहां केवल कुछ करीबी नेताओं को ही बुलाया जा रहा है। कार्यकर्ताओं में इससे नाराजगी है। एक बार भूपेश बघेल ने भी रोकने की कोशिश की, तो सुरेंद्र ने कहा कि मुझे बोलने दीजिए। इसके बाद उन्होंने फिर अपनी बात कंपलीट की। भूपेश बघेल राजनांदगांव में लगातार विधानसभाओं का दौरा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। यह पहली बार है कि मंच पर ही उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण कार्यकर्ता सम्मलेन में पहुंचे पूर्व सीएम भूपेश बघेल को एक पुराने कार्यकर्ता ने मंच से जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि, पंच, सरपंच की दरी उठाने की ही जिम्मेदारी है क्या?
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने मंच पर भड़का कार्यकर्ता
राजनांदगाव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव लोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है। सोमवार को वे ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण कार्यकर्ता सम्मलेन में पहुंचे जहां एक कार्यकर्ता ने मंच पर उन्हें जमकर उन्हें खरी-खोटी सुनाई। कार्यकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने ही मंच से कहा कि, 5 साल तक हमारी सरकार रही और तब सबसे ज्यादा हम ही प्रताड़ित रहे। मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था और तब कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं थी। आज कार्यकर्ताओं की याद आई है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल अलग-अलग विधानसभाओं में जाकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी बीच ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ग्रामीण की ओर से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दाऊ मंच पर आए और माइक संभालते ही फूट पड़े। उन्होंने कहा कि, पंच, सरपंच की दरी उठाने की ही जिम्मेदारी है क्या? अगर भिलाई-दुर्ग में पंचायत के चुनाव होंगे तो हम वहां भी काम करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि, 5 साल बहुत से हमारे नेताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं को लेकर चिंतन-मनन किया। क्या इसमें हम कार्यकर्ताओं को बुलाया गया। इन लोगों ने बंद कमरे में बैठकर चिंतन-मनन किया। हम इस बात को डंके की चोट पर कहते हैं कि किसानों को भाजपा की सरकार 3100 रुपए धान के दे पा रही है, वो भूपेश बघेल की देन है।
5 साल में हमारा नहीं हुआ कोई काम
सुरेंद्र दाऊ ने आगे कहा कि, मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि 5 साल हमारी सरकार रही। एक कार्यकर्ता यहां उठकर कह दे कि, 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो। हमारे दुख-तकलीफ, बहू-बेटा का ट्रांसफर में कोई साथ नहीं दिया, सिर्फ प्रताड़ित किया गया। आज मंच पर नई फोटो दिख रही है, लेकिन 5 साल पहले दूसरे नेताओं की तस्वीर मंच पर लगी होती थी। एक स्थानीय नेता का नाम ना लेते हुए सुरेंद्र ने आगे कहा कि, अगर उन्हें लगता है कि, उन्होंने यहां से 5 विधानसभा चुनाव जितवाया है तो उन्हीं को यहां बुलाओ, ये चुनाव भी जितवा दें। कार्यकर्ताओं की आपको जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अगर मैं कुछ गलत कर रहा हूं तो पार्टी चाहे तो मुझे निष्कासित कर दे। मैं कार्यक्रम में बाधा नहीं पहुंचाना चाहता हूं, लेकिन 5 साल हमको मिलने का मौका ही नहीं मिला। इसी के चलते हम विधानसभा चुनाव हारे। इसके लिए हम सब कार्यकर्ताओं को चिंतन करने की जरूरत है।
वर्तमान में कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य हैं सुरेंद्र दाऊ
आपको बता दें कि, सुरेंद्र दाऊ कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं। वे पिछले कई दिनों से बड़े नेताओं से यहां के कार्यकर्ता मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा था। कहा यह भी जा रहा है कि, भूपेश बघेल जहां-जहां चुनावी मीटिंग ले रहे हैं। वहां केवल कुछ करीबी नेताओं को ही बुलाया जा रहा है। कार्यकर्ताओं में इससे नाराजगी है। एक बार भूपेश बघेल ने भी रोकने की कोशिश की, तो सुरेंद्र ने कहा कि मुझे बोलने दीजिए। इसके बाद उन्होंने फिर अपनी बात कंपलीट की। भूपेश बघेल राजनांदगांव में लगातार विधानसभाओं का दौरा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। यह पहली बार है कि मंच पर ही उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
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