इमरान खान के लिए अच्छी खबर, लंबी कार्यवाही के बाद इस्लामाबाद कोर्ट ने खारिज किया यह मामला
इमरान खान के लिए अच्छी खबर, लंबी कार्यवाही के बाद इस्लामाबाद कोर्ट ने खारिज किया यह मामला
इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan ) के खिलाफ दायर 20 अरब पाकिस्तानी रुपये ( पीकेआर ) के मानहानि के मामले को खारिज कर दिया। पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी ने इमरान खान पर 2013 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था । साथ ही इमरान खान को 20 बिलियन PKR का मानहानि नोटिस भेजा था।
इस्लामाबाद कोर्ट ने इमरान खान के खिलाफ मानहानि का मामला किया खारिज
इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (defamation case against Imran Khan) के खिलाफ दायर 20 अरब पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) के मानहानि के मामले को खारिज कर दिया।
जुलाई 2014 में, पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी ने 2013 में हुए आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाने के लिए इमरान खान को 20 बिलियन PKR का मानहानि नोटिस भेजा था।
इमरान खान से की थी माफी की मांग
नोटिस के बाद, चौधरी की कानूनी टीम ने इमरान खान द्वारा अपने बयानों के लिए माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी। चौधरी ने औपचारिक रूप से जनवरी 2015 में मामला दर्ज किया था। मुकदमे में, पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने इमरान खान पर 27 जून 2014 को प्रकाशित एक बयान में उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था और न्यायपालिका के खिलाफ निराधार आरोप लगाए थे।
इमरान खान के पक्ष में सुनाया फैसला
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, लंबी कार्यवाही के बाद अदालत ने इमरान खान के पक्ष में फैसला सुनाया और चौधरी द्वारा दायर मुकदमे को खारिज कर दिया और मानहानि नोटिस को कालातीत करार दिया। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि मानहानि अध्यादेश 2022 के तहत वादी को मानहानिकारक सामग्री के प्रकाशन की जानकारी होने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा दायर करने की आवश्यकता है और ऐसा करने में विफलता की धारा 12 मानहानि अध्यादेश 2002 के अनुसार मुकदमा कालबाधित हो जाएगा।
अभी कहा इमरान?
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक वर्तमान में अदियाला जेल में कैद हैं। अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से बाहर होने के बाद से उन्हें कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए चुनावों में पीटीआई से जुड़े उम्मीदवारों का दबदबा रहा।
इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan ) के खिलाफ दायर 20 अरब पाकिस्तानी रुपये ( पीकेआर ) के मानहानि के मामले को खारिज कर दिया। पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी ने इमरान खान पर 2013 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था । साथ ही इमरान खान को 20 बिलियन PKR का मानहानि नोटिस भेजा था।
इस्लामाबाद कोर्ट ने इमरान खान के खिलाफ मानहानि का मामला किया खारिज
इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (defamation case against Imran Khan) के खिलाफ दायर 20 अरब पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) के मानहानि के मामले को खारिज कर दिया।
जुलाई 2014 में, पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार मुहम्मद चौधरी ने 2013 में हुए आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाने के लिए इमरान खान को 20 बिलियन PKR का मानहानि नोटिस भेजा था।
इमरान खान से की थी माफी की मांग
नोटिस के बाद, चौधरी की कानूनी टीम ने इमरान खान द्वारा अपने बयानों के लिए माफी नहीं मांगने पर कानूनी कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी। चौधरी ने औपचारिक रूप से जनवरी 2015 में मामला दर्ज किया था। मुकदमे में, पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने इमरान खान पर 27 जून 2014 को प्रकाशित एक बयान में उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था और न्यायपालिका के खिलाफ निराधार आरोप लगाए थे।
इमरान खान के पक्ष में सुनाया फैसला
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, लंबी कार्यवाही के बाद अदालत ने इमरान खान के पक्ष में फैसला सुनाया और चौधरी द्वारा दायर मुकदमे को खारिज कर दिया और मानहानि नोटिस को कालातीत करार दिया। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि मानहानि अध्यादेश 2022 के तहत वादी को मानहानिकारक सामग्री के प्रकाशन की जानकारी होने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा दायर करने की आवश्यकता है और ऐसा करने में विफलता की धारा 12 मानहानि अध्यादेश 2002 के अनुसार मुकदमा कालबाधित हो जाएगा।
अभी कहा इमरान?
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक वर्तमान में अदियाला जेल में कैद हैं। अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से बाहर होने के बाद से उन्हें कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए चुनावों में पीटीआई से जुड़े उम्मीदवारों का दबदबा रहा।
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