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'अगर संविधान में BJP और RSS के एजेंडे पर संशोधन हुआ तो संसदीय लोकतंत्र का अंत और...', चिदंबरम का भाजपा पर हमला

अगर संविधान में BJP और RSS के एजेंडे पर संशोधन हुआ तो संसदीय लोकतंत्र का अंत और...', चिदंबरम का भाजपा पर हमला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए रहा कि संविधान में संशोधन करने की भाजपा की मंशा लंबे समय से सबके सामने है। उन्होंने कई उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि अब तक कई भाजपा नेताओं ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और हिंदी को एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाने की वकालत की है।


पी चिदंबरम ने भाजपा और आरएसएस के एजेंडे पर किया कटाक्ष 

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को भाजपा और आरएसएस पर कटाक्ष किया। दरअसल, उन्होंने दावा किया कि यदि भाजपा-आरएसएस के एजेंडे के अनुसार संविधान में संशोधन किया गया, तो यह संसदीय लोकतंत्र, संघवाद, अल्पसंख्यकों के अधिकारों का अंत होगा और दो आधिकारिक भाषाओं में से एक अंग्रेजी का अंत हो जाएगा।

भाजपा सांसद के बयान पर दी प्रतिक्रिया

इसके पहले भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था कि उनकी पार्टी को संविधान में संशोधन के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम की यह टिप्पणी की है। दरअसल, छह बार के लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री, हेगड़े अपने कट्टर विचारों के लिए जाने जाते हैं और उनकी टिप्पणियों ने पहले भी विवादों को जन्म दिया है।

भाजपा पर जमकर बोला हमला

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, चिदंबरम ने कहा, "संविधान में संशोधन करने की भाजपा की मंशा कभी गुप्त नहीं थी। दर्जनों भाजपा नेताओं ने निजी बातचीत में कहा है कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए, हिंदी भारत की एकमात्र आधिकारिक भाषा होनी चाहिए और केंद्र सरकार को मजबूत होना चाहिए तथा राज्य सरकारों पर दबाव बनाना चाहिए।"
'यह उनकी पुरानी चाल है'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कभी-कभी, हेगड़े जैसे सदस्य बातें उगल देते हैं और तुरंत अपनी बात से इनकार कर देते हैं। यह एक पुरानी चाल है।" चिदंबरम ने कहा, "उद्देश्य पूरा हो गया है और आरएसएस/भाजपा कार्यकर्ता इस बात से उत्साहित हैं कि भाजपा संविधान में संशोधन के विचार को आगे बढ़ा रही है।"

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चिदंबरम ने दावा किया, "अगर आरएसएस/भाजपा के एजेंडे के अनुसार संविधान में संशोधन किया जाता है, तो यह संसदीय लोकतंत्र, संघवाद, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और दो आधिकारिक भाषाओं में से एक अंग्रेजी भाषा का अंत होगा।"
भाजपा ने अपने सांसद से मांगा स्पष्टीकरण

हालांकि भाजपा ने रविवार को हेगड़े की टिप्पणी को व्यक्तिगत राय करार दिया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, बीजेपी की कर्नाटक इकाई ने कहा, "संविधान पर सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और पार्टी के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं। बीजेपी देश के संविधान को बनाए रखने के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है और हेगड़े से उनकी टिप्पणियों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी।"

कर्नाटक में हेगड़े ने दिया था बयान

हेगड़े की टिप्पणी के बाद, कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस पर संविधान को फिर से लिखने और नष्ट करने का छिपा हुआ और कुटिल एजेंडा रखने का आरोप लगाया। शनिवार को कर्नाटक के कारवार में एक सभा को संबोधित करते हुए, हेगड़े ने कहा था कि भाजपा को संविधान में संशोधन करने और कांग्रेस द्वारा इसमें की गई विकृतियों और अनावश्यक परिवर्तन को ठीक करने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता है।
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