कच्चे जूट के एमएसपी में 285 रुपये क्विंटल की वृद्धि, केंद्र सरकार के इस फैसले से 40 लाख किसानों को फायदा
कच्चे जूट के एमएसपी में 285 रुपये क्विंटल की वृद्धि, केंद्र सरकार के इस फैसले से 40 लाख किसानों को फायदा
पिछले दस वर्षों में यह 122 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2400 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्र सरकार के इस फैसले लगभग 40 लाख जूट किसानों को फायदा होगा। जूट मिलों में लगभग पांच लाख से अधिक कामगार काम करते हैं। सबसे ज्यादा देश के पूर्वी राज्यों बंगाल एवं आसाम में जूट की खेती होती है।
पिछले दस वर्षों में कच्चे जूट के एमएसपी में 122 प्रतिशत की वृद्धि
केंद्रीय कैबिनेट ने 2024-25 फसल वर्ष के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में प्रति क्विंटल 285 रुपये की वृद्धि कर दी। अब इसका एमएसपी 5,335/- रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो उत्पादन लागत से 64.8 प्रतिशत अधिक है।
पिछले दस वर्षों में यह 122 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्र सरकार के इस फैसले लगभग 40 लाख जूट किसानों को फायदा होगा। जूट मिलों में लगभग पांच लाख से अधिक कामगार काम करते हैं। सबसे ज्यादा देश के पूर्वी राज्यों बंगाल एवं आसाम में जूट की खेती होती है।
बिहार और ओडिशा में व्यापक पैमाने पर होता है जूट का उत्पादन
बिहार और ओडिशा में भी व्यापक पैमाने पर जूट का उत्पादन होता है। चालू सीजन में केंद्र सरकार ने 524.32 करोड़ की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकार्ड मात्रा में खरीद की है। इससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है।
पिछले दस वर्षों में यह 122 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2400 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्र सरकार के इस फैसले लगभग 40 लाख जूट किसानों को फायदा होगा। जूट मिलों में लगभग पांच लाख से अधिक कामगार काम करते हैं। सबसे ज्यादा देश के पूर्वी राज्यों बंगाल एवं आसाम में जूट की खेती होती है।
पिछले दस वर्षों में कच्चे जूट के एमएसपी में 122 प्रतिशत की वृद्धि
केंद्रीय कैबिनेट ने 2024-25 फसल वर्ष के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में प्रति क्विंटल 285 रुपये की वृद्धि कर दी। अब इसका एमएसपी 5,335/- रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो उत्पादन लागत से 64.8 प्रतिशत अधिक है।
पिछले दस वर्षों में यह 122 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल था। केंद्र सरकार के इस फैसले लगभग 40 लाख जूट किसानों को फायदा होगा। जूट मिलों में लगभग पांच लाख से अधिक कामगार काम करते हैं। सबसे ज्यादा देश के पूर्वी राज्यों बंगाल एवं आसाम में जूट की खेती होती है।
बिहार और ओडिशा में व्यापक पैमाने पर होता है जूट का उत्पादन
बिहार और ओडिशा में भी व्यापक पैमाने पर जूट का उत्पादन होता है। चालू सीजन में केंद्र सरकार ने 524.32 करोड़ की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकार्ड मात्रा में खरीद की है। इससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है।
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