आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती का भरोसा, केंद्रीय मंत्री बोले - महंगाई के नियंत्रण में रहने से ये संभव
आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती का भरोसा, केंद्रीय मंत्री बोले - महंगाई के नियंत्रण में रहने से ये संभव
यूक्रेन संकट के कारण पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान ब्याज दरों में फिर से 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है लेकिन अब महंगाई नियंत्रण में है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। हालांकि समय को लेकर स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। यदि आरबीआइ ब्याज दर में कटौती करता है तो कारपोरेट के साथ आम लोगों के लिए भी कर्ज की लागत में कमी आएगी।
यूक्रेन संकट के कारण पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान ब्याज दरों में फिर से 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है लेकिन अब महंगाई नियंत्रण में है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। हालांकि समय को लेकर स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। यदि आरबीआइ ब्याज दर में कटौती करता है तो कारपोरेट के साथ आम लोगों के लिए भी कर्ज की लागत में कमी आएगी।
केंद्रीय मंत्री बोले, 2047 तक 35 ट्रिलियन डालर की आर्थिकी बनाने का लक्ष्य।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भरोसा जताया कि आरबीआइ आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती करेगा। इसका कारण यह है कि महंगाई नियंत्रण में है। आरबीआइ ने फरवरी 2023 से अपनी प्रमुख नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखा है।
विदेशी पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई नियंत्रण में है। भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछला दशक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था और इससे ब्याज में नाटकीय रूप से कमी आई। केंद्रीय बैंक मजबूत हुआ और ब्याज को नीचे लाने की क्षमता रखता था।
यूक्रेन संकट के कारण पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान ब्याज दरों में फिर से 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब महंगाई नियंत्रण में है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। हालांकि, समय को लेकर स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। यदि आरबीआइ ब्याज दर में कटौती करता है तो कारपोरेट के साथ आम लोगों के लिए भी कर्ज की लागत में कमी आएगी और मासिक किस्त भी कम हो जाएगी।
आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति की आगामी बैठक अप्रैल में होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था के आकार को मौजूदा 3.7 ट्रिलियन डालर से बढ़ाकर 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। हमारी अर्थव्यवस्था सही दिशा में हैं और 2027 में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भरोसा जताया कि आरबीआइ आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती करेगा। इसका कारण यह है कि महंगाई नियंत्रण में है। आरबीआइ ने फरवरी 2023 से अपनी प्रमुख नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बनाए रखा है।
विदेशी पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई नियंत्रण में है। भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछला दशक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था और इससे ब्याज में नाटकीय रूप से कमी आई। केंद्रीय बैंक मजबूत हुआ और ब्याज को नीचे लाने की क्षमता रखता था।
यूक्रेन संकट के कारण पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान ब्याज दरों में फिर से 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अब महंगाई नियंत्रण में है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। हालांकि, समय को लेकर स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। यदि आरबीआइ ब्याज दर में कटौती करता है तो कारपोरेट के साथ आम लोगों के लिए भी कर्ज की लागत में कमी आएगी और मासिक किस्त भी कम हो जाएगी।
आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति की आगामी बैठक अप्रैल में होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था के आकार को मौजूदा 3.7 ट्रिलियन डालर से बढ़ाकर 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। हमारी अर्थव्यवस्था सही दिशा में हैं और 2027 में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
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