संदेशखाली मामला बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग पर आज सुनवाई, सीबीआइ-एसआइटी से जांच की मांग
संदेशखाली मामला बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग पर आज सुनवाई, सीबीआइ-एसआइटी से जांच की मांग
संदेशखाली गांव में रह रहीं महिलाओं पर कथित यौन हमले के मामले की जांच को लेकर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी। याचिका में जांच सीबीआइ या सुप्रीम कोर्ट की एसआइटी से कराने की मांग भी की गई है।
संदेशखाली गांव में रह रहीं महिलाओं पर कथित यौन हमले के मामले की जांच को लेकर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी। याचिका में जांच सीबीआइ या सुप्रीम कोर्ट की एसआइटी से कराने की मांग भी की गई है।
संदेशखाली मामला बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग पर आज सुनवाई
संदेशखाली गांव में रह रहीं महिलाओं पर कथित यौन हमले के मामले की जांच और उसके बाद मुकदमे को बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।
अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी। याचिका में जांच सीबीआइ या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआइटी) से कराने की मांग भी की गई है।
याचिका में कही ये बात
याचिका में उन्होंने घटना को बेहद परेशान करने वाला बताया और इस बात की आशंका व्यक्त की कि बंगाल में वर्तमान मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच और सुनवाई नहीं की जा सकती, इसलिए न्याय के हित में इसे राज्य के बाहर स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने याचिका में हाई कोर्टों के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित करने की मांग की है जैसी मणिपुर के मामले में गठित की गई थी। उन्होंने यौन हमले की शिकार महिलाओं के लिए मुआवजे की मांग भी की है।
बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति शासन के प्रति चेताया
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। इस बारे में एसोसिएशन के चेयरमैन डा. अदिश अग्रवाल ने कहा, 'हम संदेशखाली की पीडि़तों की भयावह आपबीती के बारे में सुनकर दुखी हैं और हमने मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। हमने मुख्यमंत्री को आगाह भी किया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य जंगलराज में तब्दील न हो जाए, अन्यथा हमें राष्ट्रपति शासन की मांग करनी पड़ेगी।'
संदेशखाली गांव में रह रहीं महिलाओं पर कथित यौन हमले के मामले की जांच और उसके बाद मुकदमे को बंगाल के बाहर ट्रांसफर करने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।
अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी। याचिका में जांच सीबीआइ या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआइटी) से कराने की मांग भी की गई है।
याचिका में कही ये बात
याचिका में उन्होंने घटना को बेहद परेशान करने वाला बताया और इस बात की आशंका व्यक्त की कि बंगाल में वर्तमान मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच और सुनवाई नहीं की जा सकती, इसलिए न्याय के हित में इसे राज्य के बाहर स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने याचिका में हाई कोर्टों के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित करने की मांग की है जैसी मणिपुर के मामले में गठित की गई थी। उन्होंने यौन हमले की शिकार महिलाओं के लिए मुआवजे की मांग भी की है।
बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति शासन के प्रति चेताया
ऑल इंडिया बार एसोसिएशन ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। इस बारे में एसोसिएशन के चेयरमैन डा. अदिश अग्रवाल ने कहा, 'हम संदेशखाली की पीडि़तों की भयावह आपबीती के बारे में सुनकर दुखी हैं और हमने मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। हमने मुख्यमंत्री को आगाह भी किया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य जंगलराज में तब्दील न हो जाए, अन्यथा हमें राष्ट्रपति शासन की मांग करनी पड़ेगी।'
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