हांगकांग की अदालत ने China Evergrande को बंद करने का आदेश दिया, कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर का कर्ज
हांगकांग की अदालत ने China Evergrande को बंद करने का आदेश दिया, कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर का कर्ज
हांगकांग की अदालत ने चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी China Evergrande Group को बंद करने के आदेश दिए हैं। कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है। कंपनी पिछले दो साल से अपनी देनदारियां चुकाने के प्रयास में नाकाम रही है। हांगकांग की अदालत के इस आदेश ने चीन में रियल एस्टेट और कंपनी के निवेशकों को जबरदस्त झटका दिया है।![](https://www.jagranimages.com/images/newimg/29012024/29_01_2024-evergrande_23641001.webp)
हांगकांग की अदालत ने चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी China Evergrande Group को बंद करने के आदेश दिए हैं। कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है। कंपनी पिछले दो साल से अपनी देनदारियां चुकाने के प्रयास में नाकाम रही है। हांगकांग की अदालत के इस आदेश ने चीन में रियल एस्टेट और कंपनी के निवेशकों को जबरदस्त झटका दिया है।
![](https://www.jagranimages.com/images/newimg/29012024/29_01_2024-evergrande_23641001.webp)
पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है
पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है।
हांगकांग की अदालत का ये फैसला चीन में मान्य होगा फिलहाल यह साफ नहीं है।
फैसले के बाद एवरग्रांड और दूसरी सहायक कंपनी के शेयरों की ट्रेंडिंग बंद
हांगकांग की एक अदालत ने सोमवार को प्रोपर्टी की दिग्गज कंपनी China Evergrande Group को बंद करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद से चीन में निवेशकों को जबरदस्त झटका लगा है।
कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है। कंपनी पिछले दो साल से अधिक समय से अपनी देनदारी को खत्म करने में असफल रही है, जिसके बाद जस्टिस लिंडा चैन ने यह आदेश जारी किया है।
क्या चीन में मान्य होगा फैसला?
समाचार एजेंसी रॉयर्टस के मुताबिक, सोमवार को जस्टिस चैन ने अदालत में कहा, 'अब अदालत के लिए यह कहने का समय आ गया है कि बहुत हो गया।' यह देखना दिलचस्प होगा कि हांगकांग की अदालत के इस फैसले को क्या चीन की अदालतें मान्यता देंगी? वहीं, ऑफशोर निवेशकों का ध्यान इस बात पर होगा कि किसी कंपनी के विफल होने पर चीनी अधिकारी विदेशी ऋणदाताओं के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।
इसके साथ ही जस्टिस चैन ने अल्वारेज और मार्सल को परिसमापक नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को लेकर उनका कहना था कि यह सभी लेनदारों के हित में होगी क्योंकि यह ऐसे समय में एवरग्रांडे के लिए एक नई पुनर्गठन योजना का कार्यभार संभाल सकता है जब इसके अध्यक्ष हुई के यान पर संदिग्ध अपराधों की जांच चल रही है।
Evergrande Group की संपत्ति
Evergrande Group के पास 240 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। कंपनी ने चीन की रियल एस्टेट सेक्टर को साल 2021 में संकट में डाल दिया था। हांगकांग की अदालत का यह फैसला पहले से संकट में घिरे रियल एस्टेट मार्केट में और भी अनिश्चिता पैदा करने वाला है।
एवरग्रांडे के मुख्य कार्यकारी सिउ शॉन ने चीनी मीडिया को बताया कि कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि परिसमापन आदेश के बावजूद गृह निर्माण परियोजनाएं अभी भी वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से एवरग्रांडे की तटवर्ती और अपतटीय इकाइयों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हमारी प्राथमिकता यह है कि जितना संभव हो सके व्यवसाय को बरकरार रखा जाए, पुनर्गठित किया जाए और चालू रखा जाए। हम लेनदारों और अन्य हितधारकों को मूल्य को संरक्षित करने और लौटाने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण अपनाएंगे।
टिफनी वोंग, अल्वारेज एंड मार्सल के प्रबंध निदेशक
एवरग्रांड और सहायक कंपनियों की ट्रेडिंग बंद
सुनवाई से पहले एवरग्रांडे के शेयर 20% तक नीचे कारोबार कर रहे थे। फैसले के बाद चाइना एवरग्रांडे और उसकी सूचीबद्ध सहायक कंपनियों चाइना एवरग्रांडे न्यू एनर्जी व्हीकल ग्रुप और एवरग्रांडे प्रॉपर्टी सर्विसेज में ट्रेडिंग रोक दी गई। चीन की पोपर्टी बाजार पिछले नौ साल में सबसे खराब दौर पर है। ऐसे में हांगकांग की अदालत का यह फैसला निवेशकों के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है।
हांगकांग की अदालत का ये फैसला चीन में मान्य होगा फिलहाल यह साफ नहीं है।
फैसले के बाद एवरग्रांड और दूसरी सहायक कंपनी के शेयरों की ट्रेंडिंग बंद
हांगकांग की एक अदालत ने सोमवार को प्रोपर्टी की दिग्गज कंपनी China Evergrande Group को बंद करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद से चीन में निवेशकों को जबरदस्त झटका लगा है।
कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारी है। कंपनी पिछले दो साल से अधिक समय से अपनी देनदारी को खत्म करने में असफल रही है, जिसके बाद जस्टिस लिंडा चैन ने यह आदेश जारी किया है।
क्या चीन में मान्य होगा फैसला?
समाचार एजेंसी रॉयर्टस के मुताबिक, सोमवार को जस्टिस चैन ने अदालत में कहा, 'अब अदालत के लिए यह कहने का समय आ गया है कि बहुत हो गया।' यह देखना दिलचस्प होगा कि हांगकांग की अदालत के इस फैसले को क्या चीन की अदालतें मान्यता देंगी? वहीं, ऑफशोर निवेशकों का ध्यान इस बात पर होगा कि किसी कंपनी के विफल होने पर चीनी अधिकारी विदेशी ऋणदाताओं के साथ कैसा व्यवहार करते हैं।
इसके साथ ही जस्टिस चैन ने अल्वारेज और मार्सल को परिसमापक नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को लेकर उनका कहना था कि यह सभी लेनदारों के हित में होगी क्योंकि यह ऐसे समय में एवरग्रांडे के लिए एक नई पुनर्गठन योजना का कार्यभार संभाल सकता है जब इसके अध्यक्ष हुई के यान पर संदिग्ध अपराधों की जांच चल रही है।
Evergrande Group की संपत्ति
Evergrande Group के पास 240 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। कंपनी ने चीन की रियल एस्टेट सेक्टर को साल 2021 में संकट में डाल दिया था। हांगकांग की अदालत का यह फैसला पहले से संकट में घिरे रियल एस्टेट मार्केट में और भी अनिश्चिता पैदा करने वाला है।
एवरग्रांडे के मुख्य कार्यकारी सिउ शॉन ने चीनी मीडिया को बताया कि कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि परिसमापन आदेश के बावजूद गृह निर्माण परियोजनाएं अभी भी वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से एवरग्रांडे की तटवर्ती और अपतटीय इकाइयों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हमारी प्राथमिकता यह है कि जितना संभव हो सके व्यवसाय को बरकरार रखा जाए, पुनर्गठित किया जाए और चालू रखा जाए। हम लेनदारों और अन्य हितधारकों को मूल्य को संरक्षित करने और लौटाने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण अपनाएंगे।
टिफनी वोंग, अल्वारेज एंड मार्सल के प्रबंध निदेशक
एवरग्रांड और सहायक कंपनियों की ट्रेडिंग बंद
सुनवाई से पहले एवरग्रांडे के शेयर 20% तक नीचे कारोबार कर रहे थे। फैसले के बाद चाइना एवरग्रांडे और उसकी सूचीबद्ध सहायक कंपनियों चाइना एवरग्रांडे न्यू एनर्जी व्हीकल ग्रुप और एवरग्रांडे प्रॉपर्टी सर्विसेज में ट्रेडिंग रोक दी गई। चीन की पोपर्टी बाजार पिछले नौ साल में सबसे खराब दौर पर है। ऐसे में हांगकांग की अदालत का यह फैसला निवेशकों के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
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