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Diwali की छुट्टी ने Diesel की बिक्री पर डाला असर, नवंबर में 7.5 फीसदी की हुई गिरावट

Diwali की छुट्टी ने Diesel की बिक्री पर डाला असर, नवंबर में 7.5 फीसदी की हुई गिरावट

नवंबर महीने में डीजल की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। इसकी वजह ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कम मांग और लोगों द्वारा ली गई छुट्टी की वजह से गिरावट आई है। वहीं फेस्टिव सीजन के दौरान प्राइवेट गाड़ियों की आवाजाही बढ़ने से पेट्रोल की बिक्री 7.5 प्रतिशत बढ़कर 2.86 मिलियन टन हो गई। इसेक अलावा एलपीजी और एटीएफ की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
Diwali की छुट्टी ने Diesel की बिक्री पर डाला असर

पीटीआई, नई दिल्ली। नवंबर 2023 में देश में डीजल की बिक्री में गिरावट दर्ज हुई है। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में मांग में गिरावट की वजह से नवंबर में भारत की डीजल खपत में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। कई लोगों ने दिवाली की छुट्टी ले ली है। पिछले महीने डीजल की खपत एक साल पहले के 7.33 मिलियन टन से घटकर 6.78 मिलियन टन रह गई।

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ ट्रक चालक अपने घर जाने के लिए दिवाली की छुट्टी लेते हैं। इसके अलावा नवंबर महीने में कई डिमांड वापस आ गई है। डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है।


पेट्रोल की बिक्री में तेजी

फेस्टिव सीजन के दौरान प्राइवेट गाड़ियों की आवाजाही बढ़ने से पेट्रोल की बिक्री 7.5 प्रतिशत बढ़कर 2.86 मिलियन टन हो गई। पिछले कुछ महीनों में ईंधन की खपत में गिरावट देखी गई है। अक्टूबर की पहली छमाही में पेट्रोल की मांग साल-दर-साल 9 प्रतिशत गिर गई थी और डीजल की बिक्री 3.2 प्रतिशत गिर गई थी। नवंबर की पहली छमाही में डीजल की मांग में 12.1 फीसदी की गिरावट आई और दूसरी छमाही में इसमें कुछ सुधार हुआ।

अक्टूबर में डीजल की बिक्री 6.5 मिलियन टन की तुलना में महीने-दर-महीने डीजल की बिक्री 3.6 प्रतिशत अधिक रही। डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है क्योंकि बारिश के कारण एग्रीक्लचर सेक्टर में मांग कम हो जाती है जो सिंचाई, कटाई और परिवहन के लिए ईंधन का उपयोग करता है। इसके अलावा, बारिश से वाहनों की गति भी धीमी हो जाती है। इससे पिछले तीन महीनों में डीजल की खपत में गिरावट आई है। मानसून समाप्त होने के बाद खपत महीने-दर-महीने बढ़ गई।

अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ गई थी। इसकी वजह एग्रीक्लचर सेक्टर में मांग बढ़ गई थी और गर्मियों की गर्मी से बचने के लिए कारों ने एयर कंडीशनिंग का सहारा लिया था। मानसून आने के बाद जून महीने में कमी आनी शुरू हुई। अक्टूबर में गिरावट पलट गई लेकिन नवंबर में बिक्री फिर से गिर गई।

नवंबर के दौरान पेट्रोल की खपत कोविड-प्रभावित नवंबर 2021 की तुलना में 20.1 प्रतिशत अधिक और महामारी-पूर्व नवंबर 2019 की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक थी। नवंबर 2021 की तुलना में डीजल की खपत 18.1 प्रतिशत और नवंबर 2019 की तुलना में 1.2 प्रतिशत अधिक थी।


एटीएफ और एलपीजी की बिक्री

नवंबर में जेट ईंधन (एटीएफ) की बिक्री सालाना आधार पर 6.1 फीसदी बढ़कर 620,000 टन हो गई। लेकिन यह नवंबर 2019 की तुलना में 7.5 प्रतिशत कम था, मुख्यतः क्योंकि महामारी के बाद सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर से शुरू नहीं हुई हैं। नवंबर 2021 की तुलना में एटीएफ की खपत 31.6 प्रतिशत अधिक थी, लेकिन प्री-कोविड नवंबर 2019 में इस्तेमाल किए गए 670,200 टन से कम थी। अक्टूबर 2023 में 611,300 टन की तुलना में महीने-दर-महीने जेट ईंधन की बिक्री 1.4 प्रतिशत अधिक थी।



नवंबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 0.9 फीसदी घटकर 2.57 मिलियन टन रही। एलपीजी की खपत नवंबर 2021 की तुलना में 6.9 प्रतिशत अधिक और प्री-कोविड नवंबर 2019 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक थी। इन आंकड़ों से पता चलता है कि महीने-दर-महीने, अक्टूबर के दौरान 2.52 मिलियन टन एलपीजी खपत के मुकाबले एलपीजी की मांग 2 प्रतिशत बढ़ी।
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