क्या राजस्थान में होगा खेला? एग्जिट पोल के बाद बढ़ी निर्दलियों की अहमियत, भाजपा-कांग्रेस साध रही संपर्क
क्या राजस्थान में होगा खेला? एग्जिट पोल के बाद बढ़ी निर्दलियों की अहमियत, भाजपा-कांग्रेस साध रही संपर्क
राजस्थान में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया एग्जिट पोल भी सामने आ गए लेकिन राजनीतिक दलों की चिंता अभी समाप्त नहीं हुई क्योंकि एग्जिट पोल ने सभी को चौंका कर रख दिया है। जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों की नब्ज टटोल कर उन्हें अपने पाले में लागे की कोशिशों में जुट गए हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया एग्जिट पोल भी सामने आ गए लेकिन राजनीतिक दलों की चिंता अभी समाप्त नहीं हुई क्योंकि एग्जिट पोल ने सभी को चौंका कर रख दिया है। जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों की नब्ज टटोल कर उन्हें अपने पाले में लागे की कोशिशों में जुट गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (बाएं) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (दाएं) (जागरण ग्राफिक्स)
HIGHLIGHTSभाजपा 130 सीटें जीतने का कर रही दावा
कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर, निर्दलीय निभाएंगे अहम भूमिका: खाचरियावास
आईएएनएस, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया, एग्जिट पोल भी सामने आ गए, लेकिन राजनीतिक दलों की चिंता अभी समाप्त नहीं हुई, क्योंकि एग्जिट पोल ने सभी को चौंका कर रख दिया है। राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच मुकाबला फंसा हुआ दिखाई दे रहा है। जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों की नब्ज टटोल कर उन्हें अपने पाले में लागे की कोशिशों में जुट गए हैं।
छोटे दलों की क्या है स्थिति?
राज्य में संयुक्त रूप से आरएलपी, बसपा, भारतीय आदिवासी पार्टी और माकपा जैसे दल 12 से 17 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, जबकि तकरीबन 10 निर्दलीय भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। यदि ये दावे सही साबित होते हैं तो कम से कम 25 सीटें ऐसी होंगी, जो किंग मेकर की भूमिका अदा कर सकती हैं, क्योंकि ऐसा होने पर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उत्पन्न होगी।
बकौल एजेंसी, भाजपा 130 सीटें जीतने का दावा कर रही है। वहीं, पार्टी चित्तौड़गढ़ से अपने बागी उम्मीदवार चंद्रभान सिंह आक्या के संपर्क में है, जिन्होंने पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद बागी रुख अख्तियार कर चुनाव लड़ा था। पार्टी के एक नेता ने बताया कि ऐसे लोग हमारे परिवार के सदस्य हैं और मुझे यकीन है कि वे कहीं नहीं जाएंगे। हम उनके संपर्क में हैं।
निर्दलियों के संपर्क में कांग्रेस नेता
कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस की भी है, जो लगातार बागियों और निर्दलियों के संपर्क में है। प्रताप सिंह खाचरियावास तो पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार अहम भूमिका निभाएंगे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि निर्दलियों ने पिछले कार्यकाल में कांग्रेस का समर्थन किया था और इस बार भी ऐसा ही करेंगे, क्योंकि वे हमारे सफल कार्यकाल के गवाह रहे हैं। हालांकि, हमें पूर्ण बहुमत मिलना तय है।
क्या कुछ बोले नारायण पंचारिया?
भाजपा की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख नारायण पंचारिया ने कहा कि हमें लगभग 130 सीटें जीतने का यकीन है... हमें बहुमत मिलने का भरोसा है। हालांकि, बागी, जो हमारे परिवार का हिस्सा रहे हैं, भी हमारे संपर्क में हैं। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्टियों की राजनीतिक खेमेबाजी की योजना है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन मंत्री बीएल संतोष सहित अन्य नेता राज्य की स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। बाकी राज्य पार्टी प्रभारी प्रह्लाद जोशी उन्हें हर स्थिति से अवगत करा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक पर्यटन एक नई संस्कृति है और दोनों पार्टी के विधायकों का यह दौरा जल्द ही शुरू होगा और यह कम से कम तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा।
HIGHLIGHTSभाजपा 130 सीटें जीतने का कर रही दावा
कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर, निर्दलीय निभाएंगे अहम भूमिका: खाचरियावास
आईएएनएस, जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया, एग्जिट पोल भी सामने आ गए, लेकिन राजनीतिक दलों की चिंता अभी समाप्त नहीं हुई, क्योंकि एग्जिट पोल ने सभी को चौंका कर रख दिया है। राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच मुकाबला फंसा हुआ दिखाई दे रहा है। जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों की नब्ज टटोल कर उन्हें अपने पाले में लागे की कोशिशों में जुट गए हैं।
छोटे दलों की क्या है स्थिति?
राज्य में संयुक्त रूप से आरएलपी, बसपा, भारतीय आदिवासी पार्टी और माकपा जैसे दल 12 से 17 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, जबकि तकरीबन 10 निर्दलीय भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। यदि ये दावे सही साबित होते हैं तो कम से कम 25 सीटें ऐसी होंगी, जो किंग मेकर की भूमिका अदा कर सकती हैं, क्योंकि ऐसा होने पर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उत्पन्न होगी।
बकौल एजेंसी, भाजपा 130 सीटें जीतने का दावा कर रही है। वहीं, पार्टी चित्तौड़गढ़ से अपने बागी उम्मीदवार चंद्रभान सिंह आक्या के संपर्क में है, जिन्होंने पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद बागी रुख अख्तियार कर चुनाव लड़ा था। पार्टी के एक नेता ने बताया कि ऐसे लोग हमारे परिवार के सदस्य हैं और मुझे यकीन है कि वे कहीं नहीं जाएंगे। हम उनके संपर्क में हैं।
निर्दलियों के संपर्क में कांग्रेस नेता
कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस की भी है, जो लगातार बागियों और निर्दलियों के संपर्क में है। प्रताप सिंह खाचरियावास तो पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार अहम भूमिका निभाएंगे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि निर्दलियों ने पिछले कार्यकाल में कांग्रेस का समर्थन किया था और इस बार भी ऐसा ही करेंगे, क्योंकि वे हमारे सफल कार्यकाल के गवाह रहे हैं। हालांकि, हमें पूर्ण बहुमत मिलना तय है।
क्या कुछ बोले नारायण पंचारिया?
भाजपा की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख नारायण पंचारिया ने कहा कि हमें लगभग 130 सीटें जीतने का यकीन है... हमें बहुमत मिलने का भरोसा है। हालांकि, बागी, जो हमारे परिवार का हिस्सा रहे हैं, भी हमारे संपर्क में हैं। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्टियों की राजनीतिक खेमेबाजी की योजना है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन मंत्री बीएल संतोष सहित अन्य नेता राज्य की स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। बाकी राज्य पार्टी प्रभारी प्रह्लाद जोशी उन्हें हर स्थिति से अवगत करा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक पर्यटन एक नई संस्कृति है और दोनों पार्टी के विधायकों का यह दौरा जल्द ही शुरू होगा और यह कम से कम तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा।
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