सरकार का किया विरोध, एक्टर से पहले थे क्लर्क, फिल्मों की तरह देव आनंद के किस्से भी थे सुपरहिट
सरकार का किया विरोध, एक्टर से पहले थे क्लर्क, फिल्मों की तरह देव आनंद के किस्से भी थे सुपरहिट
Dev Anand Death Anniversary देव आनंद हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता थे। प्रेम पुजारी गाइड मंजिल और हरे कृष्णा हरे रामा जैसी फिल्म कर चुके देव आनंद का मुकाबला कोई नहीं कर सका। फिल्मों की तरह देव की लाइफ काफी दिलचस्प रही। उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जो आज भी याद किए जाते हैं। आइए आपको इस बारे में बताते हैं।
जानिए देव आनंद से जुड़े रोचक किस्से।
HIGHLIGHTSदेव आनंद के काले कोट पर लगा था बैन
देव आनंद ने 100 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
देव आनंद ने अमिताभ बच्चन संग कभी नहीं किया काम
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Dev Anand Death Anniversary: देव आनंद हिंदी सिनेमा के वो कलाकार थे, जिनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है। न अभिनय में कोई तोड़ और ना स्टाइल में..., देव आनंद एक फुल पैकेज थे। दुनियाभर में अभिनेता ने अपनी कलाकारी से करोड़ों का दिल जीता और उनके किस्से तो फिल्मी गलियारों में हमेशा चर्चा में रहते थे।
देव आनंद एक ऐसी दिलचस्प किताब थे, जिनका कोई पन्ना आपको बोरियत नहीं महसूस होने देगा। आइए, आपको स्टाइल आइकॉन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
देव आनंद का असली नाम
देश-दुनिया में नाम कमाने वाले देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद है। 26 सितंबर 1923 को गुरदासपुर के शकरगढ़ में जन्मे देव आनंद एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे। देव आंनद ने इंगलिश लिटरेचर से बीए की पढ़ाई करने के बाद अपना घर छोड़ एक्टर बनने मुंबई आ गए थे। दो साल तक संघर्ष करने के बाद साल 1946 में उन्हें पहली फिल्म 'हम एक हैं' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा और छा गए।
देव आनंद ने 'विद्या', 'जीत', 'शायर', 'अफसर', 'दो सितारे' और 'सनम' समेत 116 फिल्मों में काम किया। आखिरी बार देव आनंद को फिल्म 'चार्जशीट' में देखा गया था, जो अभिनेता के निधन से तीन महीने पहले रिलीज हुई थी।
एक्टिंग से पहले क्लर्क थे देव आनंद
एक्टर बनने से पहले देव आनंद एक क्लर्क के तौर पर काम किया करते थे। सदाबहार अभिनेता को पहली सैलरी सिर्फ 85 रुपये मिली थी। वह मिलिट्री सेंसर ऑफिस में भी काम कर चुके हैं। इस दौरान उन्हें 160 रुपये सैलरी मिली थी।
जिसे माना इंस्पिरेशन, उसी ने दिया बिग ब्रेक
देव आनंद को फिल्मी दुनिया में आने की इंस्पिरेशन अशोक कुमार से मिली थी। वह उनके बहुत बड़े फैन थे। दिलचस्प बात ये थी कि अशोक ने ही उन्हें एक बड़ा ब्रेक दिया था। देव आनंद, अशोक की फिल्म 'जिद्दी' में नजर आए थे।
जब देव आनंद के लिए बैन हुआ काला रंग
देव आनंद की चार्मिंग पर्सनैलिटी के लाखों दीवाने थे, लेकिन कहा जाता है कि अभिनेता को काले रंग के कोट में देख लड़कियां इस कदर पागल हो जाती थीं कि सुसाइड तक कर लिया करती थीं। फिल्म 'काला पानी' के बाद एक घटना हुई थी, जिसमें एक महिला ने सुसाइड कर अपनी जान दे दी थी। ऐसा कई बार हुआ, जिसकी वजह से अभिनेता के काला कोट पहनने पर पाबंदी लगा दी गई थी।
सरकार का किया विरोध
एक अभिनेता होने के साथ-साथ देव आनंद सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। अभिनेता ने साल 1975 में घोषित आपातकाल का विरोध किया था और इंदिरा गांधी को गद्दी से हटाने के लिए नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया नाम से एक पार्टी भी बनाई, लेकिन कोई कैंडीडेट न मिलने पर देव आनंद ने पार्टी को भंग कर दिया था।
चार्ली चैपलीन के बिग फैन थे देव आनंद
देव आनंद, चार्ली चैपलीन के बहुत बड़े फैन थे। एक बार वह उनसे स्विट्जरलैंड के मॉन्ट्रो में पहली बार मिले थे और उन्होंने देखते ही 'चैपलीन की जय हो' बोल पड़े थे। ये सुन चैपलीन ठहाके मारकर हंसने लगे थे और उन्होंने अपने व्हाइट हाउस में अभिनेता को इनवाइट किया था।
जंजीर में विजय बनने वाले थे देव आनंद
प्रकाश मेहरा की फिल्म 'जंजीर' में विजय का किरदार अभिनेता अमिताभ बच्चन ने निभाया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रोल पहले देव आनंद को मिला था? देव आनंद ने किसी कारण इस फिल्म को करने से मना कर दिया था और ये बिग बी की झोली में जा गिरा। देव आनंद ने लगभग सभी सुपरस्टार्स के साथ काम किया, लेकिन अमिताभ के साथ वह कभी नहीं दिखाई दिए।
विदेशों में दिखाया जलवा
देव आनंद बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपने अभिनय का जलवा दिखाया। वह इंडो-फिलिपीनो फिल्म 'द एविल विदइन' में जीनत अमान के साथ नजर आए थे, जिसका निर्देशन लैम्बर्टो वी एवेलाना ने किया था। इसमें सुदेश इस्सर, प्रेम नाथ समेत कई सितारे भी मुख्य भूमिका में थे।
देव आनंद को मिले इतने अवॉर्ड्स
देव आनंद को साल 2001 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और 2002 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मान किया गया।
3 दिसंबर 2011 को वह मनहूस दिन था, जब यूनाइटेड किंगडम में हार्ट अटैक से देव आनंद ने आखिरी सांस ली थी।
Dev Anand Death Anniversary देव आनंद हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता थे। प्रेम पुजारी गाइड मंजिल और हरे कृष्णा हरे रामा जैसी फिल्म कर चुके देव आनंद का मुकाबला कोई नहीं कर सका। फिल्मों की तरह देव की लाइफ काफी दिलचस्प रही। उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जो आज भी याद किए जाते हैं। आइए आपको इस बारे में बताते हैं।
जानिए देव आनंद से जुड़े रोचक किस्से।
HIGHLIGHTSदेव आनंद के काले कोट पर लगा था बैन
देव आनंद ने 100 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
देव आनंद ने अमिताभ बच्चन संग कभी नहीं किया काम
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Dev Anand Death Anniversary: देव आनंद हिंदी सिनेमा के वो कलाकार थे, जिनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है। न अभिनय में कोई तोड़ और ना स्टाइल में..., देव आनंद एक फुल पैकेज थे। दुनियाभर में अभिनेता ने अपनी कलाकारी से करोड़ों का दिल जीता और उनके किस्से तो फिल्मी गलियारों में हमेशा चर्चा में रहते थे।
देव आनंद एक ऐसी दिलचस्प किताब थे, जिनका कोई पन्ना आपको बोरियत नहीं महसूस होने देगा। आइए, आपको स्टाइल आइकॉन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
देव आनंद का असली नाम
देश-दुनिया में नाम कमाने वाले देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद है। 26 सितंबर 1923 को गुरदासपुर के शकरगढ़ में जन्मे देव आनंद एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे। देव आंनद ने इंगलिश लिटरेचर से बीए की पढ़ाई करने के बाद अपना घर छोड़ एक्टर बनने मुंबई आ गए थे। दो साल तक संघर्ष करने के बाद साल 1946 में उन्हें पहली फिल्म 'हम एक हैं' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा और छा गए।
देव आनंद ने 'विद्या', 'जीत', 'शायर', 'अफसर', 'दो सितारे' और 'सनम' समेत 116 फिल्मों में काम किया। आखिरी बार देव आनंद को फिल्म 'चार्जशीट' में देखा गया था, जो अभिनेता के निधन से तीन महीने पहले रिलीज हुई थी।
एक्टिंग से पहले क्लर्क थे देव आनंद
एक्टर बनने से पहले देव आनंद एक क्लर्क के तौर पर काम किया करते थे। सदाबहार अभिनेता को पहली सैलरी सिर्फ 85 रुपये मिली थी। वह मिलिट्री सेंसर ऑफिस में भी काम कर चुके हैं। इस दौरान उन्हें 160 रुपये सैलरी मिली थी।
जिसे माना इंस्पिरेशन, उसी ने दिया बिग ब्रेक
देव आनंद को फिल्मी दुनिया में आने की इंस्पिरेशन अशोक कुमार से मिली थी। वह उनके बहुत बड़े फैन थे। दिलचस्प बात ये थी कि अशोक ने ही उन्हें एक बड़ा ब्रेक दिया था। देव आनंद, अशोक की फिल्म 'जिद्दी' में नजर आए थे।
जब देव आनंद के लिए बैन हुआ काला रंग
देव आनंद की चार्मिंग पर्सनैलिटी के लाखों दीवाने थे, लेकिन कहा जाता है कि अभिनेता को काले रंग के कोट में देख लड़कियां इस कदर पागल हो जाती थीं कि सुसाइड तक कर लिया करती थीं। फिल्म 'काला पानी' के बाद एक घटना हुई थी, जिसमें एक महिला ने सुसाइड कर अपनी जान दे दी थी। ऐसा कई बार हुआ, जिसकी वजह से अभिनेता के काला कोट पहनने पर पाबंदी लगा दी गई थी।
सरकार का किया विरोध
एक अभिनेता होने के साथ-साथ देव आनंद सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। अभिनेता ने साल 1975 में घोषित आपातकाल का विरोध किया था और इंदिरा गांधी को गद्दी से हटाने के लिए नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया नाम से एक पार्टी भी बनाई, लेकिन कोई कैंडीडेट न मिलने पर देव आनंद ने पार्टी को भंग कर दिया था।
चार्ली चैपलीन के बिग फैन थे देव आनंद
देव आनंद, चार्ली चैपलीन के बहुत बड़े फैन थे। एक बार वह उनसे स्विट्जरलैंड के मॉन्ट्रो में पहली बार मिले थे और उन्होंने देखते ही 'चैपलीन की जय हो' बोल पड़े थे। ये सुन चैपलीन ठहाके मारकर हंसने लगे थे और उन्होंने अपने व्हाइट हाउस में अभिनेता को इनवाइट किया था।
जंजीर में विजय बनने वाले थे देव आनंद
प्रकाश मेहरा की फिल्म 'जंजीर' में विजय का किरदार अभिनेता अमिताभ बच्चन ने निभाया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रोल पहले देव आनंद को मिला था? देव आनंद ने किसी कारण इस फिल्म को करने से मना कर दिया था और ये बिग बी की झोली में जा गिरा। देव आनंद ने लगभग सभी सुपरस्टार्स के साथ काम किया, लेकिन अमिताभ के साथ वह कभी नहीं दिखाई दिए।
विदेशों में दिखाया जलवा
देव आनंद बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अपने अभिनय का जलवा दिखाया। वह इंडो-फिलिपीनो फिल्म 'द एविल विदइन' में जीनत अमान के साथ नजर आए थे, जिसका निर्देशन लैम्बर्टो वी एवेलाना ने किया था। इसमें सुदेश इस्सर, प्रेम नाथ समेत कई सितारे भी मुख्य भूमिका में थे।
देव आनंद को मिले इतने अवॉर्ड्स
देव आनंद को साल 2001 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और 2002 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मान किया गया।
3 दिसंबर 2011 को वह मनहूस दिन था, जब यूनाइटेड किंगडम में हार्ट अटैक से देव आनंद ने आखिरी सांस ली थी।
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Mirchmasala
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