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जीपीएफ से पैसे निकालने के लिए नियमों में हुआ बदलाव, जानिए अब कितनी राशि की कर सकते हैं निकासी और क्या है पात्रता

जीपीएफ से पैसे निकालने के लिए नियमों में हुआ बदलाव, जानिए अब कितनी राशि की कर सकते हैं निकासी और क्या है पात्रता

GPF withdrawal rules अगर आप भी जीपीएफ में निवेश करते हैं तो आपको बता दें कि हाल ही में जीपीएफ से पैसे की निकासी से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया गया है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने हाल ही में जीपीएफ निकासी नियमों की लिस्ट जारी की है। पढ़िए अब कितने रकम की कर सकते हैं निकासी।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने हाल ही में जीपीएफ निकासी नियमों की लिस्ट जारी की है

HIGHLIGHTSसाल 2004 से पहले नौकरी से जुड़े सरकारी कर्मचारी करते हैं जीपीएफ में निवेश।
जीपीएफ में निवेश करने वाला ग्राहक, बीमारी, विवाह, शिक्षा, घर बनाने, कार खरीदने आदि के कामों के लिए जीपीएफ फंड से पैसा निकाल सकता है।
बकाया होम लोन का पुनर्भुगतान के लिए निकाल सकते हैं पैसे।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 2004 से पहले नौकरी से जुड़े सरकारी कर्मचारी जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड में निवेश कर सकते है। यह केंद्र सरकार द्वारा समर्थित एक बचत योजना है। अगर आप भी इस योजना में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए है।

दरअसल केंद्र सराकर ने हाल ही में इस योजना से जुड़े पैसे की निकासी को लेकर कुछ नियमों में बदलाव किया है जिसे जानना आपके लिए महत्वपूर्ण है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने हाल ही में जीपीएफ निकासी नियमों की लिस्ट जारी की है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।



आपको बता दें कि जीपीएफ में निवेश करने वाला ग्राहक, बीमारी, विवाह, शिक्षा, घर बनाने, कार खरीदने आदि के कामों के लिए जीपीएफ फंड से पैसा निकाल सकता है। इस आर्टिकल को कारणों के तीन ग्रुप बनाए गए हैं ताकी आप अच्छे से समझ सकें।
कारणों का पहला ग्रुप

DoPPW के मुताबिक आप निम्नलिखित कारणों से जीपीएफ का पैसा निकाल सकते हैं:शिक्षा- इसमें प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा शामिल है जो सभी स्ट्रीम और संस्थान पर लागू होंगे।
अनिवार्य खर्च यानी सगाई, विवाह, अंत्येष्टि, या स्वयं या परिवार के सदस्यों और आश्रितों के अन्य समारोह।
स्वयं, परिवार के सदस्यों या आश्रितों की बीमारी
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीद

इन कारणों के लिए नियमों के मुताबिक- जीपीएफ ग्राहक बारह महीने का वेतन या जमा राशि का तीन-चौथाई, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं। DoPPW के मुताबिक, बीमारी के लिए ग्राहक के खाते में जमा राशि का 90 प्रतिशत तक निकासी की अनुमति दी जा सकती है। एक जीपीएफ ग्राहक दस साल की सेवा पूरी होने के बाद निकासी की मांग कर सकता है।
कारणों का दूसरा ग्रुप

निन्मलिखित कारणों से आप जीपीएफ से पैसा निकाल सकते हैं:मोटर कार/मोटरसाइकिल/स्कूटर आदि की खरीद या इस उद्देश्य के लिए पहले से लिए गए लोन का पुनर्भुगतान,
मोटर कार की व्यापक मरम्मत/ओवरहालिंग
मोटर कार/मोटरसाइकिल/स्कूटर, मोपेड आदि बुक करने के लिए पैसे जमा करना

इन कारणों के लिए नियमों के मुताबिक- किसी ग्राहक को उपरोक्त उद्देश्यों के लिए क्रेडिट पर जमा राशि या वाहन की लागत का तीन-चौथाई हिस्सा, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी जा सकती है। उपरोक्त उद्देश्य के लिए निकासी की अनुमति 10 साल की सेवा पूरी होने के बाद ही दी जाएगी।




इसके अलावा जिन सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के दो साल पहले सेवानिवृत्ति पर सेवानिवृत्ति दी जानी है, उन्हें बिना कारण बताए शेष राशि का 90 प्रतिशत तक निकालने की अनुमति है।
कारणों का तीसरा ग्रुप

जीपीएफ ग्राहक के निवास के लिए उपयुक्त घर या तैयार फ्लैट का निर्माण या अधिग्रहणबकाया होम लोन का पुनर्भुगतान
घर बनाने के लिए घर की जगह की खरीद
अधिग्रहीत जमीन पर घर का निर्माण करना
पहले से ही खरीदे गए घर का पुनर्निर्माण करना या उसमें कुछ परिवर्तन करना
पैतृक घर का नवीनीकरण, या परिवर्तन करना

इन कारणों के लिए नियमों के मुताबिक- एक जीपीएफ ग्राहक को उपरोक्त उद्देश्यों के लिए क्रेडिट पर मौजूद राशि का 90 फीसदी तक निकालने की अनुमति दी जा सकती है।

मौजूदा नियमों के मुताबिक जिस घर के लिए जीपीएफ ने निकासी का लाभ उठाया गया है, उसकी बिक्री के बाद निकाली गई राशि वापस जमा करनी होगी।



लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक आवास उद्देश्यों के लिए जीपीएफ निकासी को अब एचबीए नियमों के तहत निर्धारित सीमा से नहीं जोड़ा जाएगा। एक ग्राहक को अपनी सेवा के दौरान किसी भी समय सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी जा सकती है।
क्या है पात्रता?वैसे लोग पात्र हैं जो अस्थायी सरकारी कर्मचारी है वे 1 साल की निरंतर सेवा के बाद पात्र हैं।
वैसे लोग पात्र है जो स्थायी सरकारी कर्मचारी हैं।
वैसे लोग जिन्हें सेवानिवृत्त सरकारी पेंशनभोगियों को पुनः नियोजित किया गया हैं।
वैसे सरकारी कर्मचारी जो ईपीएफ अधिनियम, 1952 के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठानों में काम करते हैं।
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