Windfall Tax: सरकार ने घरेलू कच्चे तेल, डीजल के निर्यात और ATF पर घटाया विंडफॉल टैक्स, जानिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्या होगा असर
Windfall Tax: सरकार ने घरेलू कच्चे तेल, डीजल के निर्यात और ATF पर घटाया विंडफॉल टैक्स, जानिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्या होगा असर
सरकार ने आज से कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को घटाकर 9050 रुपये प्रति टन कर दिया है। 29 सितंबर को अंतिम संशोधन में भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 12100 रुपये प्रति टन तय किया गया था। SAED या डीजल निर्यात शुल्क को मौजूदा 5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है।
HIGHLIGHTSडीजल के निर्यात पर SAED घटाकर हुआ 4 रुपये प्रति लीटर।
पहली बार सरकार ने 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया था।
विंडफॉल टैक्स को कम करने से तेल कंपनियों को फायदा पहुंचता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) घटाकर 18 अक्टूबर यानी आज से 9,050 रुपये प्रति टन कर दिया।
29 सितंबर को पिछली समीक्षा में, भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 12,100 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था।
डीजल और ATF के निर्यात पर घटा टैक्स
डीजल के निर्यात पर SAED या शुल्क, वर्तमान में 5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
साथ ही साथ ATF (Aviation Turbine Fuel) जिसे प्लेन में डालने वाला ईंधन भी कहा जाता है, पर शुल्क मौजूदा 2.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा। वहीं पेट्रोल पर SAED शून्य पर जारी रहेगा। पहली बार सरकार ने 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया था।
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स एक ऐसा टैक्स होता है जिसे देश में मौजूद तेल कंपनियां सरकार को देती है। तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स तब लगया जाता है जब इन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी मुनाफा होता है।
उदाहरण के तौर पर सरकार ने पहली बार विंडफॉल टैक्स जुलाई 2022 में तब लगाया जब रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा था। इस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली थी जिसे देश की तमाम तेल कंपनियों ने मोटा मुनाफा कमाया था जिसके बाद सरकार ने कीमतों को कंट्रोल करने के लिए टैक्स लगाया था।
विंडफॉल टैक्स को कम करने से तेल कंपनियों को फायदा पहुंचता है। सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कितना असर?
विंडफॉल टैक्स को घटने या बढ़ाने से देश में पेट्रोल और डीजल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि विंडफॉल टैक्स निर्यात किए जाने वाले पेट्रोल और डीजल पर लगया जाता है।
मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत 90.08 डॉलर प्रति बैरल है। भारत की राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर है।
सरकार ने आज से कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को घटाकर 9050 रुपये प्रति टन कर दिया है। 29 सितंबर को अंतिम संशोधन में भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 12100 रुपये प्रति टन तय किया गया था। SAED या डीजल निर्यात शुल्क को मौजूदा 5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है।
HIGHLIGHTSडीजल के निर्यात पर SAED घटाकर हुआ 4 रुपये प्रति लीटर।
पहली बार सरकार ने 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया था।
विंडफॉल टैक्स को कम करने से तेल कंपनियों को फायदा पहुंचता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली: सरकार ने कच्चे पेट्रोलियम पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) घटाकर 18 अक्टूबर यानी आज से 9,050 रुपये प्रति टन कर दिया।
29 सितंबर को पिछली समीक्षा में, भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 12,100 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था।
डीजल और ATF के निर्यात पर घटा टैक्स
डीजल के निर्यात पर SAED या शुल्क, वर्तमान में 5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 4 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
साथ ही साथ ATF (Aviation Turbine Fuel) जिसे प्लेन में डालने वाला ईंधन भी कहा जाता है, पर शुल्क मौजूदा 2.5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा। वहीं पेट्रोल पर SAED शून्य पर जारी रहेगा। पहली बार सरकार ने 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया था।
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स एक ऐसा टैक्स होता है जिसे देश में मौजूद तेल कंपनियां सरकार को देती है। तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स तब लगया जाता है जब इन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी मुनाफा होता है।
उदाहरण के तौर पर सरकार ने पहली बार विंडफॉल टैक्स जुलाई 2022 में तब लगाया जब रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा था। इस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली थी जिसे देश की तमाम तेल कंपनियों ने मोटा मुनाफा कमाया था जिसके बाद सरकार ने कीमतों को कंट्रोल करने के लिए टैक्स लगाया था।
विंडफॉल टैक्स को कम करने से तेल कंपनियों को फायदा पहुंचता है। सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कितना असर?
विंडफॉल टैक्स को घटने या बढ़ाने से देश में पेट्रोल और डीजल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि विंडफॉल टैक्स निर्यात किए जाने वाले पेट्रोल और डीजल पर लगया जाता है।
मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत 90.08 डॉलर प्रति बैरल है। भारत की राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर है।
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