Vehicle Insurance Types: कौन सा इंश्योरेंस है सबसे बेस्ट, कन्फ्यूज हैं तो एक क्लिक में दूर करें सारी दुविधाएं
Vehicle Insurance Types: कौन सा इंश्योरेंस है सबसे बेस्ट, कन्फ्यूज हैं तो एक क्लिक में दूर करें सारी दुविधाएं
Vehicle Insurance Types अक्सर बीमा को लेकर वाहन मालिक या चालक काफी कन्फ्यूज रहता है। क्योंकि पॉलिसी के नियम और शर्तें इस प्रकार से बनाए जाते हैं कि चुनना एक दुविधा का विषय बन जाता है। अमूमन देखा गया है कभी-कभार एक गलत निर्णय घटिया सौदे का कारण भी बन जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सबसे बेस्ट पॉलिसी के बारे में बताने का प्रयास करेंगे...
Vehicle Insurance Types: कौन सा इंश्योरेंस से सबसे बेस्ट, कन्फ्यूज हैं तो एक क्लिक में दूर करें सारी दुविधाएं
HIGHLIGHTSमोटर इंश्योरेंस के आधार पर तीन तरह के क्लैम होते हैं।
इनमें सबसे बेस्ट थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस माना जाता है
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी वाहन को चलाने के लिए लाइसेंस सबसे जरूरी होता है। यही कारण है कि ट्रैफिककर्मी जब भी वाहन रोकते हैं तो वे सबसे पहले आपके लाइसेंस के बारे में पूछते हैं। यह लाइसेंस बड़े काम का दस्तावेज होता है। लेकिन इससे इतर जब बात खुद की देखभाल या वाहन की सुरक्षा की आती है तब इंश्योरेंस काफी हद तक मायने रखना शुरू कर देता है। मौजूदा वक्त में वाहन का इंश्योरेंस आवश्यक हो गया है।
अक्सर बीमा को लेकर वाहन मालिक या चालक काफी कन्फ्यूज रहता है। क्योंकि पॉलिसी के नियम और शर्तें इस प्रकार से बनाए जाते हैं कि चुनना एक दुविधा का विषय बन जाता है। अमूमन देखा गया है कभी-कभार एक गलत निर्णय घटिया सौदे का कारण भी बन जाता है। ऐसे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सबसे बेस्ट पॉलिसी के बारे में बताने का प्रयास करेंगे...
साधारणत: मोटर इंश्योरेंस को दो भागों में बांटा जाता है। पहला, कैशलेश बीमा। इसमें वाहन मालिक या चालक को क्षतिग्रस्त का कोई भी पैसा अपनी ओर से नहीं देना पड़ता। खर्च बीमाकर्ता ही उठाता है, परंतु कभी-कभार अधिक खर्च की नौबत आने पर ग्राहक को भी अपनी ओर से भी कुछ फीसदी हिस्सा देना पड़ जाता है।
वहीं, दूसरी ओर आता है रीइम्बर्समेन्ट बीमा है। इसमें ग्राहक क्षतिग्रस्त वाहन का अपनी ओर से खर्च उठाता है, जिसके बाद ग्राहक को बीमाकर्ता भुगतान करता है। इसके लिए वाहन मालिक या चालक को अप्लाई करना होता है।
मोटर इंश्योरेंस के आधार पर तीन तरह के क्लैम होते हैं। पहला- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे की बात करें तो, मोटर वाहन एक्ट के मुताबिक अगर आपके वाहन से किसी अन्य वाहन या व्यक्ति का एक्सिडेंट हो जाता है और उसमें उस वाहन या व्यक्ति को क्षति पहुंचती है तो वाहन मालिक को उसके नुकसान की भरपाई नहीं करनी होती, बल्कि बीमा कंपनी इसका खर्च उठाती है। यह पॉलिसी काफी फायदेमंद मानी जाती है।
दूसरा- कॉप्रिहेंसिव कार इंश्यरोरेसं पॉलिसी: कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति या प्रॉपर्टी को होने वाले क्षति का कवरेज प्राप्त करवाता है।
तीसरा-दो पहिया वाहन इंश्योरेंस: देश में अधिकतर लोग दो पहिया वाहन बीमा का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके अंतर्गत आपके टू व्हीलर वाहन को सेफ्टी प्रदान करवाई जाती है। सलाह दी जाती है कि प्रत्येक नागरिक को अपना यह इंश्योरेंस अवश्य करवाना चाहिए।
चौथा- इंजन और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट कवर: यह कवर बीमाकृत वाहन के इंजन या इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के कारण होने वाली किसी भी क्षति के कारण किए गए खर्चों से बचाता है।
पांचवां-पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस: पर्सनल एक्सीडेंट कवर में एड ऑन करने के बाद यदि ड्राइवर या किसी व्यक्ति को चोट पहुंचती है, उस स्थिति में उपचार के लिए खर्च बीमाकर्ता या कंपनी करती है।
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस: इसे जीरो डेप्थ पॉलिसी भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत यदि आपके वाहन को नुकसान पहुंचता है तो खर्च कंपनी उठाती है। हालांकि, इसके अंतर्गत सिर्फ दो बार ही बीमा दिया जाता है। लेकिन यह पॉलिसी भी काफी हद तक किफायती मानी जाती है।
Vehicle Insurance Types अक्सर बीमा को लेकर वाहन मालिक या चालक काफी कन्फ्यूज रहता है। क्योंकि पॉलिसी के नियम और शर्तें इस प्रकार से बनाए जाते हैं कि चुनना एक दुविधा का विषय बन जाता है। अमूमन देखा गया है कभी-कभार एक गलत निर्णय घटिया सौदे का कारण भी बन जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सबसे बेस्ट पॉलिसी के बारे में बताने का प्रयास करेंगे...
Vehicle Insurance Types: कौन सा इंश्योरेंस से सबसे बेस्ट, कन्फ्यूज हैं तो एक क्लिक में दूर करें सारी दुविधाएं
HIGHLIGHTSमोटर इंश्योरेंस के आधार पर तीन तरह के क्लैम होते हैं।
इनमें सबसे बेस्ट थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस माना जाता है
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी वाहन को चलाने के लिए लाइसेंस सबसे जरूरी होता है। यही कारण है कि ट्रैफिककर्मी जब भी वाहन रोकते हैं तो वे सबसे पहले आपके लाइसेंस के बारे में पूछते हैं। यह लाइसेंस बड़े काम का दस्तावेज होता है। लेकिन इससे इतर जब बात खुद की देखभाल या वाहन की सुरक्षा की आती है तब इंश्योरेंस काफी हद तक मायने रखना शुरू कर देता है। मौजूदा वक्त में वाहन का इंश्योरेंस आवश्यक हो गया है।
अक्सर बीमा को लेकर वाहन मालिक या चालक काफी कन्फ्यूज रहता है। क्योंकि पॉलिसी के नियम और शर्तें इस प्रकार से बनाए जाते हैं कि चुनना एक दुविधा का विषय बन जाता है। अमूमन देखा गया है कभी-कभार एक गलत निर्णय घटिया सौदे का कारण भी बन जाता है। ऐसे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको सबसे बेस्ट पॉलिसी के बारे में बताने का प्रयास करेंगे...
साधारणत: मोटर इंश्योरेंस को दो भागों में बांटा जाता है। पहला, कैशलेश बीमा। इसमें वाहन मालिक या चालक को क्षतिग्रस्त का कोई भी पैसा अपनी ओर से नहीं देना पड़ता। खर्च बीमाकर्ता ही उठाता है, परंतु कभी-कभार अधिक खर्च की नौबत आने पर ग्राहक को भी अपनी ओर से भी कुछ फीसदी हिस्सा देना पड़ जाता है।
वहीं, दूसरी ओर आता है रीइम्बर्समेन्ट बीमा है। इसमें ग्राहक क्षतिग्रस्त वाहन का अपनी ओर से खर्च उठाता है, जिसके बाद ग्राहक को बीमाकर्ता भुगतान करता है। इसके लिए वाहन मालिक या चालक को अप्लाई करना होता है।
मोटर इंश्योरेंस के आधार पर तीन तरह के क्लैम होते हैं। पहला- थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे की बात करें तो, मोटर वाहन एक्ट के मुताबिक अगर आपके वाहन से किसी अन्य वाहन या व्यक्ति का एक्सिडेंट हो जाता है और उसमें उस वाहन या व्यक्ति को क्षति पहुंचती है तो वाहन मालिक को उसके नुकसान की भरपाई नहीं करनी होती, बल्कि बीमा कंपनी इसका खर्च उठाती है। यह पॉलिसी काफी फायदेमंद मानी जाती है।
दूसरा- कॉप्रिहेंसिव कार इंश्यरोरेसं पॉलिसी: कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति या प्रॉपर्टी को होने वाले क्षति का कवरेज प्राप्त करवाता है।
तीसरा-दो पहिया वाहन इंश्योरेंस: देश में अधिकतर लोग दो पहिया वाहन बीमा का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके अंतर्गत आपके टू व्हीलर वाहन को सेफ्टी प्रदान करवाई जाती है। सलाह दी जाती है कि प्रत्येक नागरिक को अपना यह इंश्योरेंस अवश्य करवाना चाहिए।
चौथा- इंजन और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट कवर: यह कवर बीमाकृत वाहन के इंजन या इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के कारण होने वाली किसी भी क्षति के कारण किए गए खर्चों से बचाता है।
पांचवां-पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस: पर्सनल एक्सीडेंट कवर में एड ऑन करने के बाद यदि ड्राइवर या किसी व्यक्ति को चोट पहुंचती है, उस स्थिति में उपचार के लिए खर्च बीमाकर्ता या कंपनी करती है।
फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस: इसे जीरो डेप्थ पॉलिसी भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत यदि आपके वाहन को नुकसान पहुंचता है तो खर्च कंपनी उठाती है। हालांकि, इसके अंतर्गत सिर्फ दो बार ही बीमा दिया जाता है। लेकिन यह पॉलिसी भी काफी हद तक किफायती मानी जाती है।
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