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Mp Election 2023: विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के बीच ये होगा असली मुद्दा, टिकट बटवारें में दिख रही झलक

Mp Election 2023: विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के बीच ये होगा असली मुद्दा, टिकट बटवारें में दिख रही झलक




मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ओबीसी को मुद्दा बनाने में जुटी हैं। दोनों ही दल सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात उठा रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने संसद और विधानसभाओं में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने के साथ जाति आधारित गणना का एलान कर दिया है।

राज्य ब्यूरो, भाेपाल। मध्य प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ओबीसी को मुद्दा बनाने में जुटी हैं। दोनों ही दल सरकारी नौकरी में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात उठा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने संसद और विधानसभाओं में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने के साथ जाति आधारित गणना का एलान कर दिया है।

कांग्रेस की पहली सूची

कांग्रेस पार्टी ने अपनी 144 प्रत्याशियों की पहली सूची में 27 प्रतिशत टिकट अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिए हैं। यह पार्टी की ओबीसी राजनीति को आगे रखने की दिशा में उठाया गया कदम है। वहीं, 15 पूर्व विधायकों को मौका देकर अनुभव को महत्व दिया है। निर्दलीय विधायक केदार डाबर को टिकट देने के साथ 2018 के चुनाव में कांग्रेस की हार का कारण बने तीन निर्दलीय प्रत्याशियों पर भी दांव लगाया है।
कांग्रेस ने पहली सूची में 39 ओबीसी को प्रत्याशी बनाया है। दूसरी सूची में यह संख्या और बढ़ेगी क्योंकि विंध्य क्षेत्र की काफी टिकट अभी घोषित नहीं हुई हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित 47 सीटों में से 30 के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। हालांकि, मनावर से विधायक डॉ. हिरालाल अलावा का नाम इसमें नहीं है।
अंतिम निर्णय के लिए तलाश रहे संभावना

वे जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) के संरक्षक हैं, जिसने 2018 के चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था। सूत्रों का कहना है कि जयस को लेकर अभी तस्वीर साफ होना बाकी है। उसी हिसाब से आदिवासियों के लिए सुरक्षित सीटों के प्रत्याशी तय होंगे।

कई सीटों के प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा भी हो चुकी है पर अंतिम निर्णय करने से पूर्व अन्य संभावनाओं को टटोला जा रहा है। यही कारण है कि भोपाल सहित अन्य जिलों की टिकट अभी घोषित नहीं की हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है इसलिए भी प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं।
नए चेहरों पर लगाया दांव

पार्टी ने 20 सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया है। मेहगांव से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया, पिछोर से शैलेंद्र सिंह, बमोरी से ऋषि अग्रवाल, बिजावर से चरण सिंह यादव, हटा से प्रदीप खटीक, अनूपपुर से राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे रमेश सिंह, मलहरा साध्वी रामसिया भारती, सिहोरा से एकता ठाकुर, सिवनी से आनंद पंजवानी, घोड़ाडोंगरी से राहुल उइके, शमशाबाद से सिंधु विक्रम सिंह, अशोक नगर हरिबाबू राय, नरेला से मनोज शुक्ला, बुदनी से विक्रम मस्ताल, सीहोर से शशांक सक्सेना, आष्टा से कमल चौहान, बड़वाह नरेंद्र पटेल, इंदौर दो चिंतामणि चौकसे, इंदौर चार से राजा मंगवानी और मंदसौर से विपिन जैन को प्रत्याशी बनाया है।

लगातार हारने वाली 26 सीटों के प्रत्याशी भी तय

पार्टी ने तीन या उससे अधिक बार लगातार हारने वाली 66 सीटों को चिन्हित कर उन पर कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भेजा था। पहली सूची में इनमें से 26 सीटों के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। इनमें नरयावली, दतिया, नरेला, बैरसिया, इंदौर दो, इंदौर चार, शिवपुरी, ग्वालियर ग्रामीण, पथरिया, हटा, बिजावर, त्यौंथर, सिंगरौली, जैतपुर, परसवाड़ा, सिहोरा, सिवनी, टिमरनी, शमशाबाद, बुदनी, आष्टा, सीहोर, मंदसौर, पंधाना, सुसनेर और उज्जैन उत्तर शामिल है।

15 पूर्व विधायकों पर लगाया दांव

पार्टी ने पहली सूची में 14 पूर्व विधायकों को भी मैदान में उतारा है। इसमें विजयपुर से रामनिवास रावत, अटेर से हेमंत कटारे, नरयावली से सुरेंद्र चौधरी, टीकमगढ़ से यादवेंद्र सिंह, पवई से मुकेश नायक, अमरपाटन से राजेंद्र कुमार सिंह, मऊगंज से सुखेंद्र सिंह, चुरहट से अजय सिंह, पाटन से नीलेश अवस्थी, परसवाड़ा से मधु भगत, केवलारी से रजनीश सिंह, गोटेगांव से शेखर चौधरी, हरदा से रामकिशोर दोगने, मनासा से नरेंद्र नाहटा और भांडेर से फूल सिंह बरैया।

कमल नाथ मंत्रिमंडल के ये मंत्री मैदान में

डॉ.गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, डा.विजय लक्ष्मी साधौ, बाला बच्चन, हुकुम सिंह कराड़ा, जीतू पटवारी, तरुण भनोत, लखन घनघोरिया, कमलेश्वर पटेल, उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह, प्रियव्रत सिंह, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल, सुखदेव पांसे, हर्ष यादव, ओमकार सिंह मरकाम।
चाचा-भतीजे को भी टिकट

कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशियों की सूची में नेता पुत्र और रिश्तेदारों को भी स्थान मिला है।पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह, पुत्र जयवर्धन सिंह और भतीजे प्रियव्रत सिंह को टिकट दिया गया है।पूर्व मुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार, प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय शाह के पुत्र अभिजीत शाह, नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया, पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल के पुत्र ऋषि अग्रवाल, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की पुत्री रीना बौरासी सहित अन्य को प्रत्याशी बनाया गया है।

निर्दलीय का साथ

चार निर्दलीय चुनाव जीते केदार डाबर को पार्टी ने भगवानपुरा से प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कमल नाथ सरकार का समर्थन किया था। वहीं, महिदपुर से दिनेश जैन, पंधाना से रूपाली बारे और नागौद से डा.रश्मि सिंह को भी प्रत्याशी बनाया है।
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