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पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गुलाबचंद कटारिया से की मुलाकात, चर्चाओं का बाजार गर्म

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गुलाबचंद कटारिया से की मुलाकात, चर्चाओं का बाजार गर्म





वसुंधरा राजे तथा कटारिया की मुलाकात इतनी गोपनीय थी कि स्थानीय भाजपा नेताओं को भी उनके आने की भनक नहीं लग पाई। यहां तक वसुंधरा राजे गुट के भाजपा नेता भी इस मुलाकात को लेकर जानकारी लेने की जुगाड़ में जुटे रहे। राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह ऐसा मौका है जब दोनों के बीच चर्चा हुई।

जागरण संवाददाता, उदयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को सुबह अचानक असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से मिलने उदयपुर स्थित उनके आवास पर पहुंची। दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया और संभावना जताई जा रही है कि यह बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की आहट है। कटारिया से बातचीत के बाद वसुंधरा राजे बांसवाड़ा के लिए रवाना हो गई।

वसुंधरा राजे तथा कटारिया की मुलाकात इतनी गोपनीय थी कि स्थानीय भाजपा नेताओं को भी उनके आने की भनक नहीं लग पाई। यहां तक वसुंधरा राजे गुट के भाजपा नेता भी इस मुलाकात को लेकर जानकारी लेने की जुगाड़ में जुटे रहे।
राजनीति के लिए अहम बताया जा रहा

राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह ऐसा मौका है जब दोनों के बीच चर्चा हुई। इसे मेवाड़ ही नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति के लिए अहम बताया जा रहा है। स्थानीय भाजपा नेता यह कयास लगाते रहे कि वसुंधरा राजे संभवत:उदयपुर शहर विधानसभा सीट से पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने जा रही है या संभव है कि गुलाबचंद कटारिया असम के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर एक बार फिर उदयपुर शहर से चुनाव लडेंगे।

राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा बनी हुई है


हालांके राज्यपाल बनने के चलते इस बार वे राजस्थान की सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा बनी हुई है। दावेदारों की सूची में भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रविन्द्र श्रीमाली, उप महापौर पारस सिंघवी, पूर्व महापौर रजनी डांगी और पार्टी के प्रदेश संगठन से जुड़े प्रमोद सामर के अलावा पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, गृहमंत्री अमित शाह के करीबी केके गुप्ता भी शामिल हैं। हालांकि पार्टी का एक धड़ा सीपी जोशी को भी यहां से मैदान में उतारने की पैरवी कर रहा है।
नया मोड़ लेगी मेवाड़ की राजनीति?
वसुंधरा राजे के बिना जानकारी दिए गुपचुप तरह से मेवाड़ आने और फिर गुलाबचंद कटारिया से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कयास लगाया जा रहा है कि राजस्थान में कोई बड़ा फेरबदल होने वाला है। माना जा रहा है कि दोनों ही नेता अपने शीर्ष नेतृत्व से खफा हैं। ऐसे में दोनों की मुलाकात मेवाड़ की राजनीति में नया मोड़ हो सकती है।
जन्मदिन मनाने आए थे कटारिया उदयपुर
असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया अपना जन्म दिन मनाने दो दिन पहले उदयपुर आए थे। 13 अक्टूबर को उनका जन्म दिन था। रविवार को वह समाज के कार्यक्रम में भाग लेने उदयपुर रूके हुए थे। जन्मदिन वाले दिन भी वसुंधरा राजे ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कटारिया को बधाई दी थी। उन्होंने आत्मीय शुभकामनाएं देते हुए लिखा था कि ईश्वर आपको अच्छा स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन का आशीर्वाद प्रदान करें, ऐसी मेरी कामना है।
पहले दिल और दिमाग से सोच लेना

असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने हाल ही में मीडिया को दिए अपने एक बयान में कहा था कि, ‘इस देश ने लोकतंत्र स्वीकार किया है। लोकतंत्र में राज जनता के हाथ में है। किसी पार्टी और नेता के हाथ में नहीं, इसलिए जनता को अपना बहुमत देने से पहले दिल और दिमाग सोच लेना चाहिए कि देश की जनता और भारत का हित किस विषय में है। इसलिए जनता से यही प्रार्थना है कि जब तक आप अपने बहुमत से अच्छा जनप्रतिनिधि नहीं चुनेंगे, तब तक लोकतंत्र अच्छा नहीं हो सकता।’उनके इस बयान के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी मंशा विधानसभा चुनाव लड़ने की है लेकिन पार्टी ने उनको राज्यपाल बना दिया।
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