Bharat-INDIA एक समान', भारतीय नागरिकता लेने पर Akshay Kumar ने दिया ये जवाब
Bharat-INDIA एक समान', भारतीय नागरिकता लेने पर Akshay Kumar ने दिया ये जवाब
मिशन रानीगंज – द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू की बजाय इसे द ग्रेट भारत रेस्क्यू करने का आइडिया अक्षय का ही था। इसकी वजह जब उनसे पूछी गई तो उन्होंने कहा कि इसमें क्या दिक्कत है। देश का नाम भारत इंडिया दोनों है। दोनों ही नाम एक समान ही हैं। उनका कहना है कि फिल्म वर्ड आफ माउथ से चलेगी। ऐसा नहीं है कि मेरे अलग-अलग शहरों में जाने से चलेगी।
वास्तविक कहानियों से अक्षय को है लगाव (file photo)
HIGHLIGHTSफिल्में मेरे बोलने पर नहीं चलती हैं: अक्षय कुमार
मेरे कहने से नहीं देखते लोग फिल्म: अक्षय कुमार
कोरोना काल के बाद फिल्म प्रमोशन का तरीका काफी बदला है। पहले कलाकार रिलीज से पहले अपनी फिल्मों का जमकर प्रमोशन करते थे। अलग-अलग शहर जाते थे। मीडिया को साक्षात्कार देते थे। अब कई बार वह रिलीज के बाद उस पर बात करते हैं।
शुक्रवार को फिल्म मिशन रानीगंज– द ग्रेट भारत रेस्क्यू की रिलीज के बाद अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा, ‘फिल्में मेरे बोलने पर नहीं चलती हैं। इस तरह की वास्तविक कहानियों पर बनीं फिल्में वर्ड आफ माउथ से चलती हैं।’ अक्षय ने आगे इस फिल्म को करने का कारण, वास्तविक कहानियों से लगाव, भारत की नागरिकता मिलने पर अपनी खुशी और फिल्म में भारत नाम जोड़ने की वजहों पर बात की।
कहानी ने किया आकर्षित
साल 1989 में रानीगंज कोयला खदान से 65 कर्मचारियों को बचाने वाले माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल की बहादुरी पर बनी इस फिल्म को करने का कारण बताते हुए अक्षय ने कहा कि मैं केवल इसलिए आकर्षित हुआ, क्योंकि मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता हूं, जो अपनी जान की परवाह न करते हुए खदान में फंसे हुए 65 कर्मचारियों को बचाने पहुंच गया।
सरदार जसवंत सिंह गिल जानते थे कि उनकी जान बचाने का मतलब है कि आपकी जान भी जा सकती है। मैं उस आदमी के माइंडसेट के बारे में सोच रहा था। जहां तक किरदार को लेकर तैयारी की बात है, तो जो कहानी लिखता या बनाना चाहते है, वह काफी तैयारियां के साथ खुद आता है। जब मैंने फिल्म के लिए हां की थी, तो जसवंत सिंह गिल जिंदा थे। मेरी उनसे बात हुई थी।
मुझे जो फिल्म में करना होता है, वह मेरा निर्देशक ही मुझे बता देता है। मैं उनको फालो करता हूं। बाकी किरदार को लेकर जो थोड़ी बहुत बारीकियां होती हैं, मैं अपनी तरफ से शामिल करता रहता हूं।
देश का नाम समान
मिशन रानीगंज – द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू की बजाय इसे द ग्रेट भारत रेस्क्यू करने का आइडिया अक्षय का ही था। इसकी वजह जब उनसे पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि इसमें क्या दिक्कत है। देश का नाम भारत, इंडिया दोनों है। दोनों ही नाम एक समान ही हैं।
मेरे कहने से नहीं देखते लोग फिल्म
प्रमोशन के इस दौर में अक्षय का कहना है कि यह फिल्म वर्ड आफ माउथ से चलेगी। ऐसा नहीं होता है कि मेरे अलग-अलग शहरों में जाने से फिल्म चलेगी। सेल्फी फिल्म में मैंने यह देख लिया, सब जगह घूम लिया। मैं किसी शहर जाऊं और इसलिए वहां के लोग फिल्म देखने जाएंगे, ऐसा नहीं होता है। लेकिन अगर किसी का पड़ोसी उसे कहेगा कि बड़ी अच्छी फिल्म है, तो वह देखने जरूर जाएंगे।
मैं तो अपनी फिल्म के बारे में अच्छा ही बोलूंगा। अब जैसे मेरे घरवालों को फिल्म कैसी भी हो अच्छी ही लगेगी। बुरी भी हो, तो वह अच्छी ही बोलेंगे। उनके बोलने का कोई फायदा थोड़े है। मीडिया और पब्लिक के बोलने से फायदा होता है, मेरे बोलने से कुछ नहीं होता है।
हर कलाकार यही बोलता है कि मैंने बहुत अच्छी फिल्म बनाई है, इसे जरूर देखें। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि प्रमोशन जरूरी नहीं है। मैंने अपने करियर में 150 फिल्म कर ली हैं और यह समझ लिया है कि मीडिया जानती है कि एक्टर जो ज्ञान दे रहा है, उसमें कितना सच और झूठ है। इसलिए उनके सामने ज्ञानी बनने की कोशिश मत करो। उनको तय करने दें, उनके पास कलम है, उनको पता है क्या लिखना है।
सच्ची कहानियां हैं पसंद
अक्षय ज्यादातर ऐसी कहानियों का हिस्सा बनते आए हैं, जिससे समाज में बदलाव आए। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि मुझे अच्छा लगता है कि अच्छी और सच्ची कहानी अगर कोई मिल जाए। किसी ने मुझे बताया था कि मिशन मंगल फिल्म देखने के बाद उनकी बेटी वैज्ञानिक बनना चाहती है।
जब मैं बड़ा हो रहा था, तो दो ही पेशे की बात की जाती थी कि बेटा इंजीनियर बनना है या डाक्टर। वैज्ञानिक या अंतरिक्ष यात्री बनने के बारे में कोई बात नहीं करता था। जब पैड मैन की तो, सैनेटरी पैड को लेकर सोच बदली। मुझे ऐसी कहानियां कहना पसंद है।
मेरे पास ऐसी कहानियां बनाने का पावर है, जिससे समाज में बदलाव आए। इस मौके पर अक्षय ने बताया कि नेटफ्लिक्स पर ओएमजी 2 का वही वर्जन आठ अक्टूबर को रिलीज होगा जो सेंसर बोर्ड ने सिनेमाघरों के लिए पास किया था।
भारतीय नागरिकता पाने पर बोले अक्षय...
इस साल 15 अगस्त के मौके पर अक्षय ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर साझा करते हुए बताया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है। पेपर पर यह प्रमाणिकता उनके लिए कितनी जरूरी रही? इस पर अक्षय ने कहा कि वह (नागरिकता) मेरी ही थी। ऐसा या वैसा क्यों लगेगा, वह मेरी ही थी।
मिशन रानीगंज – द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू की बजाय इसे द ग्रेट भारत रेस्क्यू करने का आइडिया अक्षय का ही था। इसकी वजह जब उनसे पूछी गई तो उन्होंने कहा कि इसमें क्या दिक्कत है। देश का नाम भारत इंडिया दोनों है। दोनों ही नाम एक समान ही हैं। उनका कहना है कि फिल्म वर्ड आफ माउथ से चलेगी। ऐसा नहीं है कि मेरे अलग-अलग शहरों में जाने से चलेगी।
वास्तविक कहानियों से अक्षय को है लगाव (file photo)
HIGHLIGHTSफिल्में मेरे बोलने पर नहीं चलती हैं: अक्षय कुमार
मेरे कहने से नहीं देखते लोग फिल्म: अक्षय कुमार
कोरोना काल के बाद फिल्म प्रमोशन का तरीका काफी बदला है। पहले कलाकार रिलीज से पहले अपनी फिल्मों का जमकर प्रमोशन करते थे। अलग-अलग शहर जाते थे। मीडिया को साक्षात्कार देते थे। अब कई बार वह रिलीज के बाद उस पर बात करते हैं।
शुक्रवार को फिल्म मिशन रानीगंज– द ग्रेट भारत रेस्क्यू की रिलीज के बाद अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा, ‘फिल्में मेरे बोलने पर नहीं चलती हैं। इस तरह की वास्तविक कहानियों पर बनीं फिल्में वर्ड आफ माउथ से चलती हैं।’ अक्षय ने आगे इस फिल्म को करने का कारण, वास्तविक कहानियों से लगाव, भारत की नागरिकता मिलने पर अपनी खुशी और फिल्म में भारत नाम जोड़ने की वजहों पर बात की।
कहानी ने किया आकर्षित
साल 1989 में रानीगंज कोयला खदान से 65 कर्मचारियों को बचाने वाले माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल की बहादुरी पर बनी इस फिल्म को करने का कारण बताते हुए अक्षय ने कहा कि मैं केवल इसलिए आकर्षित हुआ, क्योंकि मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता हूं, जो अपनी जान की परवाह न करते हुए खदान में फंसे हुए 65 कर्मचारियों को बचाने पहुंच गया।
सरदार जसवंत सिंह गिल जानते थे कि उनकी जान बचाने का मतलब है कि आपकी जान भी जा सकती है। मैं उस आदमी के माइंडसेट के बारे में सोच रहा था। जहां तक किरदार को लेकर तैयारी की बात है, तो जो कहानी लिखता या बनाना चाहते है, वह काफी तैयारियां के साथ खुद आता है। जब मैंने फिल्म के लिए हां की थी, तो जसवंत सिंह गिल जिंदा थे। मेरी उनसे बात हुई थी।
मुझे जो फिल्म में करना होता है, वह मेरा निर्देशक ही मुझे बता देता है। मैं उनको फालो करता हूं। बाकी किरदार को लेकर जो थोड़ी बहुत बारीकियां होती हैं, मैं अपनी तरफ से शामिल करता रहता हूं।
देश का नाम समान
मिशन रानीगंज – द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू की बजाय इसे द ग्रेट भारत रेस्क्यू करने का आइडिया अक्षय का ही था। इसकी वजह जब उनसे पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि इसमें क्या दिक्कत है। देश का नाम भारत, इंडिया दोनों है। दोनों ही नाम एक समान ही हैं।
मेरे कहने से नहीं देखते लोग फिल्म
प्रमोशन के इस दौर में अक्षय का कहना है कि यह फिल्म वर्ड आफ माउथ से चलेगी। ऐसा नहीं होता है कि मेरे अलग-अलग शहरों में जाने से फिल्म चलेगी। सेल्फी फिल्म में मैंने यह देख लिया, सब जगह घूम लिया। मैं किसी शहर जाऊं और इसलिए वहां के लोग फिल्म देखने जाएंगे, ऐसा नहीं होता है। लेकिन अगर किसी का पड़ोसी उसे कहेगा कि बड़ी अच्छी फिल्म है, तो वह देखने जरूर जाएंगे।
मैं तो अपनी फिल्म के बारे में अच्छा ही बोलूंगा। अब जैसे मेरे घरवालों को फिल्म कैसी भी हो अच्छी ही लगेगी। बुरी भी हो, तो वह अच्छी ही बोलेंगे। उनके बोलने का कोई फायदा थोड़े है। मीडिया और पब्लिक के बोलने से फायदा होता है, मेरे बोलने से कुछ नहीं होता है।
हर कलाकार यही बोलता है कि मैंने बहुत अच्छी फिल्म बनाई है, इसे जरूर देखें। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि प्रमोशन जरूरी नहीं है। मैंने अपने करियर में 150 फिल्म कर ली हैं और यह समझ लिया है कि मीडिया जानती है कि एक्टर जो ज्ञान दे रहा है, उसमें कितना सच और झूठ है। इसलिए उनके सामने ज्ञानी बनने की कोशिश मत करो। उनको तय करने दें, उनके पास कलम है, उनको पता है क्या लिखना है।
सच्ची कहानियां हैं पसंद
अक्षय ज्यादातर ऐसी कहानियों का हिस्सा बनते आए हैं, जिससे समाज में बदलाव आए। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि मुझे अच्छा लगता है कि अच्छी और सच्ची कहानी अगर कोई मिल जाए। किसी ने मुझे बताया था कि मिशन मंगल फिल्म देखने के बाद उनकी बेटी वैज्ञानिक बनना चाहती है।
जब मैं बड़ा हो रहा था, तो दो ही पेशे की बात की जाती थी कि बेटा इंजीनियर बनना है या डाक्टर। वैज्ञानिक या अंतरिक्ष यात्री बनने के बारे में कोई बात नहीं करता था। जब पैड मैन की तो, सैनेटरी पैड को लेकर सोच बदली। मुझे ऐसी कहानियां कहना पसंद है।
मेरे पास ऐसी कहानियां बनाने का पावर है, जिससे समाज में बदलाव आए। इस मौके पर अक्षय ने बताया कि नेटफ्लिक्स पर ओएमजी 2 का वही वर्जन आठ अक्टूबर को रिलीज होगा जो सेंसर बोर्ड ने सिनेमाघरों के लिए पास किया था।
भारतीय नागरिकता पाने पर बोले अक्षय...
इस साल 15 अगस्त के मौके पर अक्षय ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर साझा करते हुए बताया था कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है। पेपर पर यह प्रमाणिकता उनके लिए कितनी जरूरी रही? इस पर अक्षय ने कहा कि वह (नागरिकता) मेरी ही थी। ऐसा या वैसा क्यों लगेगा, वह मेरी ही थी।
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Mirchmasala
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